सुधार एक्सप्रेस-2025 : भारत के अगले विकास चरण की मज़बूत नींव
वर्ष 2025 के समाचारों की बड़ी सुर्खियों पर आसानी से नज़र जाती है, लेकिन कुछ बातें छूट जाती हैं, जैसे शासन का शांति से किया जा रहा कार्य लगातार सप्ताह दर सप्ताह अड़चनों का निपटारा —सुधार एक्सप्रेस-2025 से मेरा मतलब यही संचयी ज़ोर है।
भारत का सांकेतिक जीडीपी लगभग 4.1 ट्रिलियन डॉलर की सीमा को पार कर गया और भारतीय अर्थव्यवस्था जापान को पीछे छोड़ते हुए विश्व की चौथी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन गई। स्टैण्डर्ड एंड पूअर्स ने 18 साल बाद भारत की सॉवरेन रेटिंग बीबीबी श्रेणी में की, जो संकेत है कि अर्थव्यवस्था की वृहद् गाथा ने केवल गति ही नहीं, बल्कि स्थायित्व भी हासिल किया है। एक अनिश्चित दुनिया में, जहां राजनीतिक उथल-पुथल आम बात हो गयी है, भारत का स्थिर नेतृत्व सुधारों को विश्वसनीय बनाता है और विश्वसनीय सुधार निजी सतर्कता को निजी निवेश में परिवर्तित करते हैं।
भारत का कुल निर्यात 2024-25 के दौरान 825.25 बिलियन डॉलर पर पहुंच गयाए जो 6 प्रतिशत से अधिक की वार्षिक वृद्धि दर दर्शाता है। इस व्यापार की मात्रा का समर्थन करने के लिए सरकार ने कई डिजिटल उपकरण पेश किये हैं, जैसे व्यापार कनेक्ट ई-प्लेटफॉर्म, जो निर्यातकों के लिए एकल डिजिटल विंडो है और व्यापार खुफिया और विश्लेषण (टीआईए) पोर्टल, जो वास्तविक समय में बाज़ार डेटा प्रदान करता है।
भारत-ब्रिटेन व्यापक आर्थिक और व्यापार समझौता, जिस पर जुलाई 2025 में हस्ताक्षर हुए, ने भारतीय निर्यातकों के लिए एक मज़बूत मंच तैयार किया, जिसमें व्यापक शुल्क-मुक्त पहुंच और सेवा और कौशल आवागमन के लिए स्पष्ट मार्ग शामिल हैं। दिसम्बर 2025 में, भारत ने ओमान के साथ व्यापक आर्थिक साझेदारी समझौते पर हस्ताक्षर किए, जिससे वस्तुओं, सेवाओं और निवेश के लिए एक रणनीतिक आर्थिक व्यवस्था मज़बूत हुई। भारत ने न्यूज़ीलैंड के साथ मुक्त व्यापार समझौते की वार्ता का भी समापन किया, जिससे भारत की पहुंच को उच्च मूल्य वर्ग वाले बाज़ारों में विस्तार मिला और अनुशासित, व्यावसायिक रूप से महत्वपूर्ण समझौतों के लिए एक रूपरेखा स्थापित हुई।
भारत ने वैश्विक नवाचार सूचकांक में भी अपनी स्थिति में सुधार किया और 139 अर्थव्यवस्थाओं में 38वें स्थान पर पहुंच गया। व्यवसाय संचालन को सरल बनाने के प्रयासों के परिणामस्वरूप 47,000 से अधिक अनुपालन कम हुए और 4,458 कानूनी प्रावधान अपराध मुक्त हुए। नवम्बर के अंत तक राष्ट्रीय एकल खिड़की प्रणाली ने 8.29 लाख से अधिक अनुमोदनों को संसाधित किया। अवसंरचना योजना में भी बदलाव देखने को मिला, क्योंकि पीएम गति शक्ति राष्ट्रीय मास्टर प्लान को निजी क्षेत्र के लिए खोला गया और परियोजना निगरानी समूह पोर्टल ने 3,000 से अधिक परियोजनाओं को शामिल किया है, जिनका कुल मूल्य 76 लाख करोड़ रुपये से अधिक है। लॉजिस्टिक्स एक अन्य क्षेत्र है, जहां लागतों में सुधार स्पष्ट रूप से दिखाई देता है और 2025 में व्यापार के समुद्री घटक को आधुनिक बनाने के लिए एक पहल की गई। भारत का व्यापार मात्रा के आधार पर लगभग 95 प्रतिशत और मूल्य के आधार पर लगभग 70 प्रतिशत समुद्री मार्गों से होता है, इसलिए पत्तन और पोत परिवहन की दक्षता एक प्रतिस्पर्धात्मक मुद्दा है। औपनिवेशिक युग की व्यवस्था की जगह पर भारतीय पत्तन अधिनियम 2025 पेश किया गया, जिसने आधुनिक शासन उपकरण पेश किए, जिसमें राज्य स्तर पर विवाद समाधान, एक वैधानिक समन्वय परिषद् और सुरक्षा, आपदा तैयारी और पर्यावरण तैयारी पर कड़े नियम शामिल हैं।
कैबिनेट ने जहाज़ निर्माण को मजबूत करने के लिए 69,725 करोड़ रुपये के पैकेज को मंजूरी दी, जिसमें 25,000 करोड़ रुपये का समुद्र विकास कोष तथा वित्तीय सहायता और विकास के घटक शामिल हैं। ऊर्जा सुधार भी दीर्घकालीन निवेश के लिए डिज़ाइन किये गए थे। तेल क्षेत्र संशोधन और नई पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस नियमावली 2025 ने पट्टे की अवधि के दौरान शर्तों की स्थिरता पर जोर देकर निवेशक जोखिम को कम करने का प्रयास किया।
सुधार एक्सप्रेस-2025 में रणनीतिक ऊर्जा और प्रौद्योगिकी का एक आयाम भी शामिल था। बजट 2025 में नाभिकीय ऊर्जा मिशन की रूपरेखा पेश की गयी, जिसमें छोटे मॉड्यूलर रिएक्टर्स और अन्य उन्नत डिज़ाइनों को तेज़ी से विकसित करने के लिए 20,000 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया, जो 2047 तक 100 गीगावॉट नाभिकीय क्षमता हासिल करने और 2033 तक 5 स्वदेशी रूप से डिज़ाइन किए गए चालू छोटे मॉड्यूलर रिएक्टर्स की क्षमता निर्मित करने के राष्ट्रीय लक्ष्य के अनुरूप है।
(लेखक भारत सरकार में पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्री हैं)



