पंजाब में विकास कर का नया बोझ किसानों की कर्ज़ माफी के लिए 4250 करोड़

चंडीगढ़, 24 मार्च (वार्ता, हरकवलजीत सिंह) : पंजाब में वर्ष 2018-19 के दौरान राज्य पर कर्ज़  का बोझ 211523 करोड़ तक पहुंच जाने के अनुमान के साथ ही गम्भीर आर्थिक हालात से जूझ रही राज्य सरकार ने आयकर अदा करने वाले पेशेवरों, व्यापारियों और सेवाओं पर 200 रुपए प्रतिमाह ‘विकास कर’ लगाने का बजट में प्रस्ताव किया है। वित्त मंत्री मनप्रीत सिंह बादल ने राज्य विधानसभा में आज कांग्रेस सरकार के कुल 1,29,698 करोड़ रुपए  का बजट पेश किया हालांकि इसमें प्रभावी बजट 1,02,198 करोड़ रुपए का है। बजट में अतिरिक्त स्रोतों से 1500 करोड़ रुपए जुटाने के लिए महाराष्ट्र, गुजरात, कर्नाटक, आंध्र प्रदेश और तमिलनाडु की तर्ज पर राज्य में पहली बार पेशेवर लोगों, व्यापारियों और सेवा प्रदाताओं पर प्रति माह 200 रुपए ‘विकास कर’ लगाने प्रस्ताव किया है जिसके लिये अलग से कानून बनाया जाएगा। उन्होंने कहा कि विकास कर से सरकार को लगभग 150 करोड़ रुपए प्राप्त होंगे तथा शेष राशि अन्य स्त्रोतों से जुटाई जाएगी। बजट पेश करने के बाद पत्रकारों के सवालों पर  बादल ने विकास कर को बेहद मामूली बताया लेकिन यह खुलासा नहीं किया कि इसके दायरे में कौन-कौन से लोग आएंगे। उन्होंने कहा कि इस सम्बंध में प्रस्तावित कानून में ही विस्तृत जानकारी उपलब्ध होगी। राज्य की अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाने की प्रतिबद्धता व्यक्त करते हुए वित्त मंत्री ने कहा कि अगले 3 वर्ष इसके लिए बेहद महत्वपूर्ण होंगे। उन्होंने कहा कि सरकार राज्य के कमज़ोर वर्गों के उत्थान के लिये एक समर्पित कोष सृजित करने के लिए  सामाजिक सुरक्षा कानून लाने पर विचार कर रही है। लेकिन इन सब प्रयासों के बावजूद गैर वित्त पोषित स्रोत में 4175 करोड़ रुपए का अंतर बरकरार रहेगा। बादल ने कहा कि 14वें वित्त आयोग के निर्देशानुसार सभी राज्यों को उनका वित्तीय घाटा उनके सकल राज्य घरेलू उत्पाद (जीएसडीपी) के तीन प्रतिशत के दायरे में रखना अनिवार्य है। लेकिन पिछली अकाली-भाजपा सरकार जाते जाते 31 दिसम्बर तक राज्य पर 30584.11 करोड़ रुपये के कर्ज का अतिरिक्त बोझ डाल गई जिसकी प्रति वर्ष अदायगी ही 3240 करोड़ रुपए है। उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि बेहतर वित्तीय प्रबंधन और खर्चों में कटौती की बदौलत सरकार वित्तीय घाटा 2016-17 के 12.18 प्रतिशत के मुकाबले इसे 2017-18 में 4.36 प्रतिशत तक लाने में सफल रहेगी। वर्ष 2018-19 में इसे 3.81 प्रतिशत तक नीचे लाने का लक्ष्य रखा गया है। उन्होंने कहा कि सरकार अपनी वित्तीय दूरदर्शिता से ओवर ड्राफ्ट पर रहने के दिनों में कटौती कर रही है। वर्ष 2016-17 के 179 दिनों की तुलना में वर्ष 2017-18 में ओवर ड्राफ्ट 98 दिन तक ही रहा तथा इससे कम से कम 5 करोड़ रुपए ब्याज के रूप में देनदारी कम हुई। वित्त मंत्री ने कहा कि बजट में विकास आदि कार्यों के लिए पूंजीगत खर्च 2017-18 के 4389 करोड़ रुपये से बढ़ा कर 2018-19 में 6385 करोड़ रुपए किया गया है। इसी तरह प्रस्तावित वर्ष के दौरान राजस्व प्राप्तियां वर्तमान के 102680 करोड़ रुपए के मुकाबले केंद्रीय और राज्य करों सहित 122923 करोड़ रुपए होने तथा कुल खर्च 112797 करोड़ रुपए बढ़ कर 129698 करोड़ रुपए होने का अनुमान है। उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि सरकार अपने बेहतर वित्तीय प्रबंधन प्रयासों से 2018-19 में राजस्व घाटा 12539 करोड़ रुपए लाने सफल रहेगी। जो 2017-18 में 14310 करोड़ रुपए तक रहने का अनुमान है। इसी तरह वित्तीय घाटे को भी 20821 करोड़ रुपए से 19720 करोड़ रुपए तक लाने का लक्ष्य रखा गया है।बादल ने विश्वास व्यक्त किया कि सरकार वर्ष 2018-19 में वित्तीय घाटा जीएसडीपी के 2.42 प्रतिशत तक रोकने में कामयाब रहेगी। बजट को किसान हितैषी करार देते हुए उन्होंने कहा कि प्रस्तावित वित्त वर्ष के लिए बजट में कृषि क्षेत्र के लिए 14734 करोड़ रुपए का प्रावधान किया गया है जो कि 2017-18 के 10581 करोड़ रुपए मुकाबले 39.25 प्रतिशत अधिक है। राज्य के कर्ज के बोझ के चलते किसानों के आत्महत्याएं करने को लेकर सरकार ने किसान कर्ज माफी का अपना वादा पूरा करने की दिशा में 2018-19 के बजट में 4250 करोड़ रुपए का प्रावधान किया है। उल्लेखनीय है कि सरकार ने 2017-18 के बजट में इस मद में 1500 करोड़ रुपये का प्रावधान किया था लेकिन इसमें से वह मात्र 370 करोड़ रुपए खर्च कर पाई। राज्य में पंजाबी भाषा के विकास के लिए 25 करोड़ रुपए की विशेष ग्रांट रखी गई है।  कैंसर इंस्टीच्यूट व केयर सैंटर के लिए 84 करोड़ रुपए का भी प्रावधान रखा गया है। किसानों को निशुल्क बिजली मुहैया कराने की वचनबद्धता व्यक्त करते हुए वित्त मंत्री ने कहा कि इसके लिए बजट में 6256 करोड़ रुपये, अधूरे वेटनरी पॉली क्लीनिक को पूरा करने के लिये तीन करोड़ रूपये, राष्ट्रीय सुरक्षा मिशन के लिए 10 करोड़ रुपए, सिंचाई पानी के बेहतर उपयोग के लिए 44 करोड़ रुपए का प्रावधान किया गया है। उन्होंने कहा कि वर्ष 2018-19 के दौरान राष्ट्रीय बागवानी मिशन के तहत दस हजार एकड़ कृषि योग्य ज़मीन को फसल विविधता के अंतर्गत लाने का लक्ष्य है जिसके लिये बजट में 55 करोड़ रुपए, गन्ना उत्पादकों के लिए 180 करोड़ रुपए, फसली अवशेषों के प्रबंधन हेतु 100 करोड़ रुपए, कृषि मंडियों के ढांचागत सुधार हेतु 750 करोड़ की परियोजना लाने, पट्टी में भैंस अनुसंधान केंद्र की स्थापना के लिए दस करोड़ रुपए, डेयरी सहकारिता विकास के लिये 65 करोड़ रुपए, कृषि सहकारी समितियों के आधुनिकीकरण एवं कम्प्यूटरीकरण के लिए 45.50 करोड़ रुपए का बजट में  प्रावधान किया गया है। वित्त मंत्री के अनुसार सरकार कपूरथला में 13 करोड़ रुपए की लागत से नई पशु आहार इकाई स्थापित की जाएगी। इसके अलावा खन्ना स्थित बनस्पति और रिफाईंड तेल फैक्टरी का 42 करोड़ रुपए की लागत से आधुनिकीकरण किया जाएगा।राज्य में खेलों को बढ़ावा देने की सरकार की प्रतिबद्धता जताते हुए बादल ने कहा पटियाला में एक खेल विश्वविद्यालय स्थापित किया जाएगा जिसके लिए 2018-19 के बजट में दस करोड़ रुपए, गुरु हर सहाय, टांडा, गिदड़बाहा और खडूर साहिब में स्टेडियमों के निर्माण के लिये 6.25 करोड़ रुपए, ग्रामीण खेलों के लिये 50 लाख रुपए, मोहाली शूटिंग रेंज के सुधार तथा मुक्तसर साहिब में नई शूटिंग रेंज स्थापित करने के लिए 6 करोड़ रुपए का प्रावधान किया गया है। उन्होंने कहा कि युवाओं को रोजगार मुहैया कराने के लिए सरकार सभी 22 ज़िलों में रोज़गार ब्यूरो स्थापित कर रही है जिसके लिये बजट में 20 करोड़ रुपए का प्रावधान किया गया है। राज्य में उद्योगों को बढ़ावा देने के लिए सरकार की प्रतिबद्धता दोहराते हुए वित्त मंत्री ने कहा कि सरकार इस दिशा में उद्योगों को 1440 करोड़ रुपए की सब्सिडी के अलावा पांच रुपए प्रति यूनिट दर पर बिजली मुहैया करा रही है। सरकार की दस करोड़ रुपए से लुधियाना, जालंधर, बठिंडा, मंडी गोबिंदगढ़, खन्ना आदि फोकल प्वाईंट अपग्रेड करने की भी योजना है। इसके अलावा चंडीगढ़-लुधियाना-अमृतसर और चंडीगढ़-होशियारपुर-गुरदासपुर की शहरी औद्योगिक गलियारों के रूप में विकास करने तथा मोहाली में मार्बल मार्किट, ट्रांसपोर्ट नगर और ऑटोमोबाईल मार्किट स्थापित करने की योजना है। बादल ने कहा कि सरकार राज्य में स्टार्टअप और उद्यमिता का विकास करने, श्रमिकों के कौशल विकास और कारोबार करने की सुगमता का माहौल बनाने, दस करोड़ रुपए की लागत से पर्यटन सर्किट विकसित कर पर्यटन को बढ़ावा देने, राज्य में निर्माणाधीन विभिन्न स्मारकों को पूरा करने के लिए भी प्रतिबद्ध तथा इनके लिए बजट में विशेष रूप से प्रावधान किया गया है।एक सवाल पर बादल ने बताया कि राज्य में गत जुलाई 2017 से लागू वस्तु एवं सेवा कर से सरकार को वर्ष 2018-19 के दौरान लगभग 21440 करोड़ रुपए का राजस्व प्राप्त होगा। उन्होंने बताया कि बजट में पिछड़े वर्गों के लिए शुरू की गई कल्याणकारी योजनाओं के लिये 1235 करोड़ रुपए, आशीर्वाद योजना के तहत शगुन 150 करोड़ रुपए, मैट्रिक उपरांत छात्रवृत्ति के लिए वर्ष 2017-18 के 620 करोड़ रुपए के मुकाबले 860 करोड़ रुपए तथा सामाजिक सुरक्षा योजनाओं के लिये 3806 करोड़ रुपए का प्रावधान किया गया है। उन्होंने बुजुर्गों, विधवाओं और अन्यों को दी जाने वाली मासिक पेंशन राशि बढ़ा कर 750 रुपए करने तथा इस सम्बंध में बजट में 1634 करोड़ रुपए, सामूहिक बाल विकास योजना के तहत 696 करोड़ रुपए, ग्रामीण विकास एवं पंचायत विभाग के लिए 3020 करोड़ रुपए, स्कूली ढांचे में सुधार हेतु 120 करोड़ रुपए, स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण के तहत राज्य में स्वास्थ्य सेवाओं के सुधार एवं नये स्वास्थय केंद्र और मैडीकल खोलने के लिए 4015 करोड़ रुपए, बिजली व्यवस्था में सुधार तथा मौजूदा स्थापित क्षमता 13182 से बढ़ा कर 13660 मेगावाट करने, तारें बदलने और नए सब स्टेशन स्थापित करने आदि के लिए 8950 करोड़ रुपए, नई सड़कों एवं पुलों के निर्माण, रख रखाव एवं अपग्रेड करने हेतु 1382 करोड़ रुपये का बजट में प्रावधान किए जाने की भी जानकारी दी। बादल ने कहा कि सरकार राज्य में निजी भागीदारी के तहत अमृतसर, बरनाला, बटाला, बठिंडा, बलाचौर, धूरी, मानसा, गुरदासपुर, नकोदर, करतारपुर, पटियाला, सरहिंद, जालंधर, रायकोट और रोपड़ में नये बस अड्डों का भी निर्माण, सिंचाई, पेयजल एवं सफाई व्यवस्था, नहरी प्रणाली में भी सुधार करने पर योजनाएं बनाई हैं।