असाध्य नहीं है कैंसर....


कैंसर एक घातक बीमारी अवश्य है किन्तु असाध्य नहीं है। कैंसर होते ही यह सोच लेना कि अब तो मृत्यु निश्चित है, निहायत गलत है। आज विज्ञान ने इस बीमारी पर पूरी तरह तो नहीं परन्तु काफी हद तक काबू अवश्य पा लिया है। असाध्य हुए कैंसर का भी उपचार चिकित्सक पूरे मनोयोग एवं तत्परता से ही करते हैं परन्तु असाध्यता की अवस्था में कुछ प्रतिशत रोगी ही बच पाते हैं। इसी कारण प्राय: यह धारणा बनती जा रही है कि कैंसर का परिणाम मृत्यु ही होता है।
अपने शरीर के परिवर्तनों पर ध्यान देकर कैंसर से बचा जा सकता है। अगर निम्नांकित शारीरिक परिवर्तनों को ध्यान से देखा जाए तो परिवर्तन की अवस्था में शीघ्र ही समुचित उपचार उपलब्ध हो सकता है और कैंसर की बीमारी पूर्णत: दूर हो सकती है-
इन परिवर्तनों पर ध्यान दें
* सामान्य शौच की आदतों में कोई परिवर्तन। * खांसी या लगातार गले का रूखा रहना। * निगलने में कठिनाई या लगातार अपचन होना। *मस्से या तिल के रूप रंग में कोई परिवर्तन।* असामान्य रक्तस्राव या खून का बहना।
जो पुरूष अधिक पान, गुटखा, धूम्रपान या तम्बाकू का सेवन करते हैं उनमें फेफड़ों, मुंह, मसूड़ों और गले का कैंसर हो जाता है। बीड़ी और सिगरेट पीना अधिक खतरनाक होता है। अन्य जाने-पहचाने कारणों में शिला, तन्तु, संखिया, तारकोल और अल्ट्रा वायलेट किरणें भी कैंसर को जन्म देती हैं। विटामिन-बी की कमी से कुछ तंतुओं में जैसे-मुंह और होंठों के तंतुओं में परिवर्तन आ सकता है जो कैंसरयुक्त भी बन सकता है। बूढ़े लोग प्रास्टेट के कैंसर के अधिक शिकार होते हैं।
आंखों और खून के कैंसर प्राय: छोटे बच्चों में पाए जाते हैं। किसी भी उम्र में कैंसर के विकास की गति कैंसर के प्रकार पर निर्भर करती है, फिर भी कैंसर की विकास की गति छोटी आयु में ही अधिक होती है।
मुंह के कैंसर से बचने के लिए मुंह साफ रखना चाहिए, ऊबड़-खाबड़ बेशक्ल दांतों को भरवा लेना चाहिए, तम्बाकू आदि मादक पदार्थों को नहीं खाना चाहिए। अत्यधिक लिपस्टिक के प्रयोग से होंठ का कैंसर होता है अत: इसका सीमित प्रयोग ही करना चाहिए। त्वचा के कैंसर से बचने के लिए त्वचा पर खुजली वाले परतदार धब्बों का इलाज करवाना चाहिए। अत्यधिक साबुन एवं पाउडर के प्रयोग से भी त्वचा का कैंसर हो जाता है।
पुरूषों में कैंसर छिपा होता है और कभी-कभी पता लगाना अधिक मुश्किल हो जाता है अत: पुरूषों को अपनी शारीरिक जांच करवाते रहना चाहिए। गुदामार्ग, अण्डकोश, मुख, गला, आंख आदि की जांच करवाकर संतुष्ट हो जाना चाहिए।
उपयोगी परामर्श
*मोटापा कैंसर में सहायक होता है अत: व्यायाम आदि करके उस पर नियंत्रण करें।
* भारी भोजन, अधिक घी, मिठाइयाें एवं अचार का प्रयोग कम करें। * धूम्रपान, तम्बाकू, मदिरा सेवन, पान आदि का सेवन न करें। * आधुनिक प्रसाधनों, सुगन्धित साबुनों का प्रयोग कम करें। * अधिक तले, भुने, चटपटे, पदार्थों का सेवन न करें। * शरीर की सफाई का ध्यान रखना अति आवश्यक है। (स्वास्थ्य दर्पण)