शाकाहार भोजन में भी पायी जाती है अत्यधिक वसा

अक्सर शाकाहारी लोग, मांसाहारी लोगों के मुकाबले में कम मोटे माने जाते हैं। उनके दिमाग में यह आम धारणा रची-बसी हुई है कि मांस में प्रोटीन व वसा अत्यधिक मात्र में होती है लेकिन आज के आधुनिक ज़माने का शाकाहार वसामुक्त कतई नहीं हो सकता। एक शोध के मुताबिक ज्यादातर शाकाहारी भारतीयों में दिल के दौरे की संभावना ज्यादा पाई जाती है। यहां तक कि पैंतीस वर्ष से भी कम उम्र के शाकाहारी लोग हार्टअटैक से ज्यादा मरते हैं। हरी सब्जियों का सेवन, मौसमी फल, अनाज, घी मक्खन की सीमित मात्र और थोड़े-सी मात्र में मीठे पदार्थ। ऐसा भोजन हमारे राष्ट्रपिता गांधीजी किया करते थे परंतु अब इस तरह का भोजन फैशन में नहीं है। आज के युवा, यहां तक कि छोटे बच्चे भी इस प्रकार का भोजन करना अपनी शान के खिलाफ समझते हैं। शाकाहारी लोग, मांसाहारी लोगों से ज्यादा वसा का सेवन करते हैं क्योंकि वे अत्यधिक मात्र में तले-भुने व मीठे खाद्य पदार्थों का सेवन करते हैं जिससे वसा उनके शरीर में जम जाती है और यह वसा एकत्रित होकर उच्च रक्तचाप, मोटापा, मधुमेह, दिल का काम बंद होना व कोलेस्ट्रॉल का कारण बनती है। शोध के मुताबिक युवा लोगों को दुनिया में सबसे ज्यादा दिल के दौरे भारत में पड़ते हैं। शोधकर्ताओं के अनुसार भारतीय पाक पद्धति को इसके लिए दोषी माना जा सकता है। भारत में अक्सर भोजन को अधिक देर तक पकाया जाता है जिससे उसके पोषक तत्व नष्ट हो जाते हैं। इसके अलावा तेल की खपत अधिक मात्र में होती है। भोजन को बनाते वक्त तेल की काफी मात्र का इस्तेमाल किया जाता है, यहां तक कि चपाती को भी घी में चुपड़ा जाता है। तली-भुनी चीजों का सेवन भारत में आम बात है। इनमें से ज्यादातर भारतीय गुजराती या मारवाड़ी हैं। अक्सर इन लोगों के घरों में तले हुए भोजन को ज्यादा अहमियत दी जाती है। त्यौहारों पर तो इनके घरों में तवे पर चपाती बनाना अपशकुन माना जाता है, सो ये पूरा दिन तले हुए व्यंजनों का ही सेवन करते हैं जिससे इनके स्वास्थ्य को काफी नुकसान पहुंचता है। इसके अलावा ऐसे लोगों में मीठे व्यंजनों का भी काफी ज्यादा प्रचलन है। इन पदार्थों से इनके शरीर में कैलोरी तथा वसा की बहुत ज्यादा मात्र जमा हो जाती है जिसके परिणामस्वरूप दिल के रोगों की संभावना बढ़ जाती है। इससे बचने हेतु कच्ची व हरी सब्जियों का सेवन अति लाभप्रद हो सकता है। इसके अलावा बकरी का दूध, फल जैसे केला, संतरा, मौसमी इत्यादि लाभदायक हो सकते हैं। मीठा खाने के शौकीन हैं तो चीनी की बजाय गुड़ का सेवन करें क्योंकि इसमें कैलोरी की मात्र कम होती है।  (स्वास्थ्य दर्पण)

-भाषणा बांसल