केन्द्र के शीर्ष अधिकारियों की बैठक- जम्मू-कश्मीर के विभाजन से जुड़े मुद्दों पर चर्चा


नई दिल्ली, 27 अगस्त (भाषा) : केंद्र सरकार के प्रमुख मंत्रालयों और विभागों के शीर्ष अधिकारियों ने जम्मू-कश्मीर को दो केंद्र शासित प्रदेशों में विभाजित करने की प्रक्रिया को आगे बढ़ाने के तरीकों और संपत्ति एवं कर्मचारियों के बंटवारे और स्थिति को यथाशीघ्र सामान्य बनाने पर चर्चा करने के लिए मंगलवार को बैठक की। संसद द्वारा इस महीने पारित जम्मू कश्मीर पुनर्गठन अधिनियम, 2019 के तहत दो केंद्र शासित क्षेत्र जम्मू-कश्मीर और लद्दाख 31 अक्तूबर को अस्तित्व में आएंगे। बैठक की अध्यक्षता केंद्रीय गृह सचिव ए. के. भल्ला ने की। केंद्रीय वित्त, कृषि, ग्रामीण विकास, उद्योग सहित बड़े मंत्रालयों और विभागों के 15 से अधिक सचिव बैठक में शरीक हुए। 
गृह मंत्रालय के एक प्रवक्ता ने कहा कि जम्मू-कश्मीर में केंद्रीय योजनाओं के क्रियान्वयन के आकलन और सामान्य स्थिति की बहाली की प्रक्रिया को तेज करने के लिये उठाए गए कदमों के लिये यह बैठक हुई। अधिकारियों ने बताया कि बैठक में विकास कार्यक्रम और संपत्तियों एवं कर्मचारियों का बंटवारा चर्चा के मुख्य विषय थे। उन्होंने कहा कि बैठक में सर्दियों से पहले खासतौर पर लद्दाख क्षेत्र में आवश्यक वस्तुओं के भंडारण के लिये उठाए जाने वाले कदमों पर भी चर्चा हुई। जम्मू-कश्मीर में अभी राष्ट्रपति शासन है।
 केंद्र सरकार के अधिकारियों की कुछ टीमें श्रीनगर का दौरा कर चुकी हैं, जबकि संयुक्त सचिव एवं सचिव स्तर की कुछ टीमों के आगामी हफ्तों में कश्मीर घाटी का दौरा करने की उम्मीद है। एक अन्य अधिकारी ने बताया कि केंद्र सरकार राज्यपाल सत्यपाल मलिक द्वारा घोषित 85 विकास योजनाओं के क्रियान्वयन में जम्मू कश्मीर प्रशासन की मदद करेगी। जम्मू-कश्मीर प्रशासन ने राज्य के विभाजन पर काम करने के लिए तीन समितियां गठित की हैं। पहली समिति के विचारार्थ विषय विभिन्न विभागों द्वारा जम्मू-कश्मीर राज्य से केंद्र शासित प्रदेशों में तब्दीली से जुड़े कदम हैं। दूसरी समिति के विचारार्थ विषय दोनों केंद्र शासित प्रदेशों के लिए कोष के वितरण और संबद्ध मुद्दों से जुड़े होंगे। वहीं, तीसरी समिति के विचारार्थ विषय लद्दाख केंद्र शासित प्रदेश के लिए कर्मचारी मुहैया करने के लिए उपाय सुझाने और जम्मू कश्मीर केंद्र शासित प्रदेश के कर्मचारियों से जुड़े अन्य मुद्दे होंगे।

जल्द ही करोड़ों के पैकेज की घोषणा कर सकता है केन्द्र
नई दिल्ली, 27 अगस्त (भाषा) : सरकार जम्मू-कश्मीर में 100 से अधिक केंद्रीय कानूनों के क्रियान्वयन को लेकर बुनियादी ढांचा बनाने के लिए जल्द ही करोड़ों रुपए के पैकेज की घोषणा कर सकती है। इस महीने जम्मू-कश्मीर से विशेष दर्जा वापस लिए जाने के मद्देनज़र सरकार के लिए ये कदम उठाने की ज़रूरत है। इस निर्णय के बाद 106 केंद्रीय कानून राज्य में 31 अक्तूबर, 2019 से पूरी तरह लागू हो जाएंगे। बदलाव की इस अवधि के दौरान 30 अक्तूबर तक जम्मू-कश्मीर में केंद्रीय और राज्य कानून दोनों लागू रहेंगे। एक सूत्र ने कहा कि केंद्र सरकार जम्मू-कश्मीर के लिए एक विशेष पैकेज पर काम कर रही है। 
राज्य में केंद्रीय कानूनों के क्रियान्वयन के लिए करोड़ों रुपये के निवेश की जरूरत होगी। सूत्र ने बताया कि केंद्रीय विधि मंत्री रविशंकर प्रसाद ने पिछले सप्ताह श्रम, बिजली, अक्षय ऊर्जा और मानव संसाधन विकास जैसे महत्वपूर्ण विभागों के 12 से अधिक मंत्रियों के साथ बैठक की थी। इस बैठक में पुनर्गठित जम्मू-कश्मीर में केंद्रीय कानूनों के प्रभावी क्रियान्वयन के लिए परियोजनाओं और कोष की ज़रूरत पर चर्चा हुई थी। सूत्र ने कहा कि विभिन्न मंत्रालयों द्वारा दिए गए प्रस्तावों के अनुसार पैकेज की राशि का अभी आकलन नहीं किया गया है।