लिख कर लो सुख की गारंटी

कई बार अकेले बैठे-बैठे हंसी आ जाती है। कई बार किसी बड़ी गंभीर चर्चा के दौरान हंसी रोकनी मुश्किल हो जाती है। कई बार बड़े हंसी के महौल में आप चुप बैठे रहते हो। आदमी के 1300 ग्राम के दिमाग में कोई न कोई विचार चलता ही रहता है। मैं अक्सर चींटी व हाथी की जिंदगी के बारे में सोचता हूं। चींटी का आकार देखो और चींटी का काम देखो। हाथी का आकार कितना बड़ा है प्रत्येक दिन सौ लीटर पानी व 200 किलोग्राम पत्तों की तलाश में ही उसके 18 घंटे गुज़र जाते हैं। जिंदगी में असान कुछ भी नहीं। लगातार संघर्ष का नाम है जिंदगी। भाखड़ा डैम के पांव में स्थित है गांव नेहला। ग्राम नेहला का बिट्टू दूध वाला सुबह तीन बजे उठता है, दीवाली की भी छुट्टी नहीं। 365 दिन दूध दोहना व आंबटित करना उसकी जिंदगी है।  हमारे समाज में हंसी गायब हो रही है। आदमी जिंदगी के मकड़जाल में उलझा हुआ है। आओ, एक हंसी वाले हनीमून की बात करें। समर्पित टीचर ब्रांडी लाल ने हनीमून के लिए बड़ा ही खूबसूरत पहाड़ी पर्यटन स्थल ढूंढा। पता नहीं उसके दिमाग में क्या आया। अच्छा भला पत्नी के साथ गर्म कमरे में बैठा था, बाहर बर्फबारी में जाकर उछलकूद करने लगा। कभी गर्म हट के बाहर कभी भीतर। कमरा गर्म बाहर ठंड आधी रात को लाल चूड़े वाली दुल्हन के लिए मुसीबत खड़ी हो गई। होटल वालों को डाक्टर बुलाना पड़ा।  मज़ा सज़ा हो गया। अगले ही दिन लौटना पड़ा। कई दिन उसकी तबीयत खराब रही। ब्रांडीलाल की खांसी में कहीं गुम हो गई गोरी-गोरी बाहाें की लाल चूढ़ियों की खन-खन। सवा किवंटल के छिंदे रैफरी की अदालत भी कमाल की है। वास्तव में छिंदा है तो नगर पार्षद मगर उसका नाम छिंदा रैफरी ही मशहूर है। एक बार एक पति-पत्नी झगड़ा करके आ गए। पति-पत्नी का झगड़ा तो प्रत्येक घर में होता है परंतु इस दम्पति ने छिंदे रैफरी के ड्राइंगरूम में ही उत्पात मचा दिया। आदमी का इलजाम था कि इस स्त्री के पास न तो समाईल है न ही सहयोग। स्त्री का इलज़ाम यह आदमी है ही नशेड़ी व नामर्द।  छिंदा रैफरी व उसकी पत्नी ने बहुत मुश्किल से झगड़ालू पति-पत्नी को समझा-बुझा कर घर भेजा। मैं आदमी के बदलते हालातों व ख्यालातों के बारे में अक्सर गम्भीरता से सोचता हूं। लड़की का नाम मिस कलाकृति व लड़के का नाम मिस्टर कलाकार। कलाकार और कलाकृति अक्सर मधुवन पार्क सतलुज पार्क संसपैंशन ब्रिज पर जाकर मिल लेते। तीन महीने तक दोनों पर अंग्रेजी के तीन अक्षरों आई लव यू का अत्यधिक प्रभाव रहा। फोन , चैट, वीडियो काल , गुलाब , चाकलेट गिफट। फिर एक दिन कलाकृति ने मोबाइल की सिम ही तोड़ दी। अब उसकी जिंदगी में चार शब्दों का ज्यादा प्रभाव हो गया था। पैसा, पोजिशन, प्यार और अंडरस्टैंडिंग। विदेश से लौटे पिता श्री ने मिस कलाकृति को समझाया कि सफल हमसफर के पास चार गुण होने चाहिए। पैसा, पोजिशन, प्यार और अंडरस्टैंडिंग। कलाकार के पास सिर्फ  प्यार और अडंरस्टैंडिंग ही थी। एक वर्ष बाद मां-बाप ने मिस कलाकृति का विवाह चार गुणों वाले श्री श्री सुख की गरंटी शर्मा जी के साथ कर दिया। विवाह मौके संस्कृत का एक मंत्र भी पड़ा गया। जिसका अर्थ है, ’जैसे दो कुओं का  पानी एक कर दिया जाए तैसे ही आप दोनों एक हो गए हो। पिता जी ने दहेज में बहुत महंगा डब्लबेड भी दिया। सरमाए, मेहमानों, पकवानों, व समान की बल्ले बल्ले के बीच एक तीखी शूल जैसा सवाल फिर आकर खड़ा हो गया। अब श्रीमति कलाकृति शर्मा की शिकायत है कि उसके पति श्री श्री सुख की गारंटी के लिए सिर्फ  पैसा ही महत्वपूर्ण है। ससुराल में पैसे, प्रापर्टी, ‘शेयर, सेल, दुकान, एफडी, आर डी, भटूरे छोले, चिकन, टिक्का, तंदूरी, परोंठा, समोसा, कचोरी का ही बोलबाला है। कलाकृति ने आजकल एक स्कूल में पढ़ाना शुरू कर दिया है। वास्तव में बेचारी ने 6 घंटे के लिए जिंदगी का महौल बदला है। स्कूल के स्टाफ  रूम में टीचर एक दूसरी के साथ सुख-दुख बांट लेती है। 

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