मोदी की गारंटी ने क्या जीता दिल्ली का दिल ?

दिल्ली विधानसभा के चुनाव में वहां की जागरूक जनता ने भाजपा को सत्ता में बिठाकर दुनिया को यह संदेश दे दिया कि हमें प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की गारंटी पर पूरा भरोसा है। लगभग 27 वर्षों के बाद दिल्ली में भाजपा सरकार की वापसी हुई है। जीत का यह परचम प्रधानमंत्री मोदी के सुस्पष्ट विजन के कारण लहराया है। मोदी जी के विजन पर मुहर लगाकर दिल्ली वासियों ने डबल इंजन की सरकार पर पूर्ण विश्वास व्यक्त किया है। स्मरणीय है कि भाजपा ने दिल्ली में चुनाव अभियान के दौरान नारा दिया था, ‘मोदी जी का विजन है दिल्ली के लिए उम्मीद की एक किरण।’ दिल्ली की जनता ने इस नारे को आत्मसात करते हुए आम आदमी पार्टी की सरकार के कुशासन पर करारा प्रहार कर राष्ट्र-विकास के संकल्प को जिता दिया। यह जीत देश की राजधानी दिल्ली के बिगड़े सूरत-ए-हाल में निखार के लिए प्रधानमंत्री मोदी जी और भाजपा के प्रति भरोसे की जीत है। इस शानदार जीत में यह संदेश भी छिपा है कि सिर्फ झूठ, फरेब और आलोचना के सहारे देश के जनमानस को ज्यादा समय तक दिग्भ्रमित नहीं किया जा सकता है।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने दिल्ली में विधानसभा चुनाव प्रचार अभियान की शुरुआत करते हुए कहा था कि ‘साल 2025 भारत के विकास के लिए अनेक नई संभावनाएं लेकर आ रहा है। दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी आर्थिक ताकत बनने की ओर हमारी यात्रा इस वर्ष और तेज होने वाली है। आज भारत, दुनिया में राजनीतिक और आर्थिक स्थिरता का प्रतीक बना है, 2025 में भारत की यह भूमिका और सशक्त होगी।’ इस संकल्प के साथ उन्होंने मतदाताओं से दिल्ली में भाजपा को सेवा करने का अवसर देने का आग्रह किया था। उन्होंने कहा था, ‘आपने दिल्ली में पिछले कई सालों से भाजपा को काम करने का मौका नहीं दिया। आपने 25 साल तक कांग्रेस और आप को देखा है, अब कमल को मौका दीजिए। जैसे परिवार का मुखिया अपने प्रियजनों का ख्याल रखता है, वैसे ही मैं आपका ख्याल रखूंगा। भाजपा का ट्रैक रिकॉर्ड दिखाता है कि हम जो वादा करते हैं, उसे हर हाल में पूरा करते हैं।’
आज देश में मोदी की गारंटी विश्वास का पर्याय बन चुकी है। सर्वविदित है कि ‘मोदी की गारंटी’ का मतलब है, जनता से किए गए प्रत्येक वादे का पूरा होना। देश के तमाम राज्यों के लोगों ने मोदी की गांरटी पर भरोसा कर भाजपा को सरकार बनाने का अवसर दिया और वहां की सरकारें जनहित में बेहतर काम कर रही हैं। उस कड़ी में अब दिल्ली राज्य भी शामिल हो गया और जनता ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के आह्वान को अमली जामा पहना दिया। हम अतीत की बात करें तो मध्यप्रदेश, राजस्थान, छत्तीसगढ़, हरियाणा, उत्तर प्रदेश, गुजरात, उत्तराखंड, गोवा, महाराष्ट्र और ओडिशा में जनता ने मोदी जी की परिकल्पना पर केन्द्रित भाजपा की डबल इंजन की सरकार पर यकीन करते हुए बंपर जीत दिलवाई। भाजपा शासित इन प्रदेशों में विकास और राजनीतिक स्थिरता का संदेश दिल्ली की करोड़ों जनता के बीच भी गया। दिल्ली में ‘आप’ की सरकार के भ्रष्टाचार से त्रस्त जनता ने मोदी जी पर विश्वास जताया और चुनाव में मौका मिलते ही अन्य राज्यों के नागरिकों की तरह ही फैसला लेकर भाजपा की सरकार को सेवा करने का अवसर दे दिया।
भाजपा ने अपने चुनावी वादे में कहा था कि दिल्ली में गरीबों के लिए घर बनाने, शहर का आधुनिकीकरण करने, हर घर में पानी की आपूर्ति सुनिश्चित करने, पर्याप्त बिजली मुहैया कराने और टैंकर माफियाओं से मुक्त करने वाली सरकार चाहिए। प्रधानमंत्री मोदी ने अपनी जनसभाओं में केजरीवाल सरकार को आपदा सरकार बताते हुए इन मुद्दों को बराबर उठाया और जनता ने वक्त आने पर मोदी जी की बात पर सहमत होकर दिल्ली से आपदा को विदा कर भाजपा को गले लगा लिया। जनता अच्छी तरह से समझ गई थी कि अरविंद केजरीवाल ने जो वादे किए थे, वे पूरे किए ही नहीं। भ्रष्टाचार खत्म करने का वादा कर सत्ता पर काबिज हुई ‘आप’ और इसके मुखिया ने भ्रष्टाचार के सारे रिकार्ड तोड़ दिए। उन्होंने राजधानी दिल्ली को विकास का नहीं बल्कि भ्रष्टाचार का मॉडल बना दिया। 
दिल्ली विधानसभा चुनाव में भाजपा की इस जीत के निहितार्थ साफ हैं। स्मरण कराना होगा कि मई 2014 में एनडीए सरकार के मुखिया के रूप में नरेन्द्र मोदी ने जब देश के प्रधानमंत्री का दायित्व संभाला था, तब राज्यों में अलग राजनीतिक परिदृश्य था। उस समय देश के 7 राज्यों में भाजपा और उसके सहयोगी दलों की सरकारें थीं। इनमें से पांच राज्यों छत्तीसगढ़, गोवा, गुजरात, मध्यप्रदेश और राजस्थान में भाजपा तो आंध्रप्रदेश और पंजाब में उसकी सहयोगी पार्टियां सत्ता में थीं। उस समय 14 राज्यों में कांग्रेस और उसके सहयोगी दलों की सरकारें सत्तासीन थीं। इन राज्यों में महाराष्ट्र तथा कर्नाटक जैसे बड़े राज्य शामिल थे। कालांतर में देश ने मोदी सरकार के काम को देखा, मोदी जी की गारंटी को जाना और डबल इंजन की सरकार के महत्व को समझा। यही कारण है कि 4 साल में ही देश की राजनीतिक तस्वीर बदल गई थी। चार साल बाद याने मार्च 2018 में 21 राज्यों में भाजपा और उसके सहयोगी दलों की सरकारें बन चुकी थीं। अब दिल्ली में भी विजय पताका फहराई है। वर्ष 2025 में देश के 19 राज्यों में भाजपा गठबंधन की सरकारें होंगी। यह अत्यंत महत्वपूर्ण है कि दिल्ली की जनता ने भाजपा के संकल्प और मोदी जी की गारंटी का मान रखा। हमारा मानना है कि जनता का यह फैसला देश की राजधानी की सूरत और सीरत में गुणात्मक परिवर्तन करने वाला साबित होगा। नि:संदेह दिल्ली की जनता के लिए यह परिवर्तन विकास के नए सूर्योदय सरीखा है। (विनायक फीचर्स)

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