ऊर्जा के लिये खायें खजूर

प्राकृतिक रूप से पका हुआ खजूर फल कहलाता है और अधपका खजूर जिसको सुखा लिया जाये, वह सूखा मेवा छुहारा कहलाता है। खजूर भी कई नामों से जाना जाता है जैसे पिंड खजूर, छुहारा आदि। खजूर प्राकृतिक रूप से पौष्टिक आहार है। इसे गरीबों का मेवा भी कहा जाता है। खजूर के अन्य भी कई लाभ होते हैं। खजूर की गुठली से तेल बनाकर कई दवाइयों में इसका प्रयोग किया जाता है। इसकी नर्म पत्तियां चटाई, टोकरी, आसन, छाज आदि बनाने के काम आती हैं। खजूर विटामिन ‘ए’ ‘बी’ ‘सी’ से भरपूर होता है। खजूर तासीर में ठंडा, खाने में मीठा, खून साफ करने वाला होता है। आयुर्वेदिक दृष्टिकोण में खजूर में 70 प्रतिशत प्राकृतिक शर्करा होती है। प्राकृतिक रूप से मीठी होने से शरीर को तत्काल ऊर्जा प्राप्त होती है। थकावट दूर करने के लिए खजूर का सेवन बहुत लाभप्रद होता है। जो बच्चे बिस्तर गीला करते हैं या जिन्हें भूख नहीं लगती, उन्हें खजूर दूध में उबालकर ठंडा करके देने से भूख बढ़ती है और बच्चे बिस्तर गीला नहीं करते। ऐसे में खजूर की गुठली को पहले निकाल लें। मूत्र रुकावट और मूत्र दाह में खजूर का सेवन रामबाण का काम करता है। खजूर का सेवन दांतों को भी मजबूत बनाता है। खजूर के सेवन के बाद पानी मत पिएं। खजूर खरीदते समय ध्यान दें कि खजूर अधिक काली, सूखी और छोटी न हो। आंख के रोगियों को इसका सेवन नहीं करना चाहिए। याद रखें कि खजूर का नियमित सेवन मस्तिष्क को ताजगी तथा तरावट प्रदान करता है। चक्कर आदि आने पर भी खजूर इंस्टेंट एनर्जी देता है।

(स्वास्थ्य दर्पण)
-सुनीता गाबा