महंगाई का झटका, खाद्य तेल उछले

जालन्धर, 8 जनवरी ( शिव शर्मा ): नया साल आते ही लोगों को महंगाई के झटके लगने शुरु हो गए हैं और अब खाने वाले  तेलों में एक दिन में करीब 10 रुपए किलो की तेज़ी आने से लोगों की रसोई महंगी हो गई है, जबकि आने वाले दिनों में खाने वाले तेलों में और तेज़ी आने की संभावना है। देश में अब तक मलेशिया सहित अन्य भी कुछ देशों से पाम तेल मंगवाया जाता है। उसका आयात तो पहले ही कम गई थी पर तेल बाज़ार के सूत्रों का कहना है कि आज केन्द्र द्वारा पाम तेल मंगवाने बारे आए नए आदेश के साथ सभी तेलों की कीमतों पर इसका सीधा असर पड़ गया है। पाम तेल मंगवाने की जगह अब कच्चे पाम को मंगवा कर उससे तेल तैयार किया जा सकता है, जिस कारण इसकी लागत बढ़ जानी है। इस कारण बुधवार को दूसरे खाने वाले सारे तेलों के थोक बाज़ार में 10 रुपए किलो की तेज़ी आ गई। कारण सीड मंगलवार शाम को 1520 रुपए में टीन बिक रहा था और बुधवार सुबह उसका भाव 1620 रुपए हो गया। सोयाबीन पहले 1460 रुपए बिक रहा था जोकि 1560 रुपए हो गया। सरसों का तेल पहले 100 रुपए के करीब बिक रहा था और वह करीब 106 रुपए हो गया। यह भाव थोक बाज़ार के हैं जबकि परचून बाज़ार में खाने वाले तेल इससे महंगे बिकते हैं। सट्टा बाज़ार लगने के कारण ही खाने वाले तेलों के भाव एकदम तेज़ हो गए। तेल कारोबारियों के सूत्रों का मानना है कि देश में पहले पाम तेल की भारी आमद कारण बाकी तेलों के भाव भी कंट्रोल में रहते थे पर अब विदेशों से पाम का आयात गायब होने से आने वाले समय में खाने वाले तेलों के और महंगा होने से रसोई खर्चे में इजाफा हो जाएगा। सूत्रों ने यह भी अंदेशा जाहिर किया है कि आने वाले समय में अगर पाम की कमी दूर न हुई तो खाने वाले तेलों के टीनों का भाव 2000 रुपए तक पहुंच जाए तो हैरानी नहीं होगी।