प्रसिद्ध शिव मंदिर शिवपुरी

ऋषिकेश (उत्तराखंड) से देवप्रयाग लगभग 70 किलोमीटर दूर है। बद्रीनाथ जाने वाले श्रद्धालु ऋषिकेश से मोटर में सवार होकर सीधे देवप्रयाग पहुंचते हैं। देव प्रयाग से लगभग छह किलोमीटर दूर प्रसिद्ध आध्यात्मिक एवं भव्य शुचितापूर्ण स्थान है शिव मंदिर शिवपुरी। यह मंदिर सड़क से थोड़ी ही दूर है। एक तरफ कल-कल बहता दरिया और दूसरी तरफ ऊंचे गगन चुम्बी पर्वतों के अनुपम दृश्य। इस स्थान के समीप अलकनंदा तथा भागीरथी नदियों का अद्भुत संगम सौंदर्य की दास्तां कहते प्रतीत होता है। शिव मंदिर में शिवजी भगवान की विशाल दर्शनीय मूतियां सुशोभित हैं। इस मंदिर में बहुत बड़े आकार की शिव की प्रसिद्ध प्रतिमाओं में से एक से बढ़कर एक अद्भुत नमूना हैं। शिव भगवान की खड़ी प्रतिमा से गर्दन तन पर शेर की खाल जैसी शोभा नजर आती है। सिर से निकलती गंगा, गर्दन में काला नाग, लाल रंग का परचम, बाएं हाथ में बड़ा त्रिशूल सारा मंदिर नीले रंग की आभा में अति सुंदर प्रतीत होता है। मंदिर के इर्द-गिर्द लोहे का जंगला। शिव प्रतिमा के साथ ही बहुत विशाल आकार का शिव लिंग सुशोभित है जो मंदिर की सुषमा को चार चांद लगाता है। शिवलिंग को मान-मर्यादा तथा परम्परागत विधि के अनुरूप अलंकारित किया हुआ है। इस मंदिर में कई अल्प मंदिर भी हैं जिनमें भगवान की प्रतिमाएं सुशोभित हैं। इस मंदिर के कई कमरे भी हैं जोकि खड्ड के साथ बने हुए हैं। यह मंदिर दरिया के साथ तथा पर्वतों के समीप होने के कारण अति सुंदर प्रतीत होता है। प्रतिमाओं की शिल्प कला, शैली तथा बनावट को ऐसा कलात्मक रंग दिया गया है कि आंखों के माध्यम से रूह-दिल-दिमाग तक उतरता जाता है। उत्तराखंड को जाते समय खास करके बद्रीनाथ तथा हेमकुंट साहिब को जाते समय इस मंदिर के रास्ते में दर्शन होते हैं। कई मील दूर से ही इस मंदिर की झलक नज़रों में उतरती है। हिन्दू धर्म के सभी दिन त्यौहारों के अतिरिक्त यहां शिवरात्रि धूमधाम एवं श्रद्धा भाव से मनाई जाती है।