मक्की-बाजरे में उछाल : राजमा-उड़द-तुवर टूटे

नई दिल्ली, 1 मार्च (एजैंसी): गत सप्ताह नीचे वाले भाव में उत्पादक मंडियों से मक्की में रैक वालों की लिवाली आते ही 150 रुपए क्विंटल की वहां तेजी आ गयी। इसके प्रभाव से यहां भी 200 रुपए का उछाल आ गया। इसके साथ-साथ बाजरा भी 100/110 रुपए बढ़ गया। बासमती प्रजाति के चावल में मंदे का दौर बना रहा। राजमा चित्रा भी ब्राजील, इंडोनेशिया का माल आने से यहां 800/900 रुपए लुढ़क गया। उड़द भी आयातकों की घबराहटपूर्ण बिकवाली से एसक्यू 700/800 रुपए गिर गया। एफएक्यू माल में भी 300/400 रुपए का मंदा आ गया। तुवर भी ग्राहकी के अभाव में 100 रुपए और घट गयी। आलोच्य सप्ताह मक्की में नीचे वाले भाव पर रैक वालों की लिवाली से एमपी-महाराष्ट्र की मंडियों में 150 रुपए उछलकर 1525/1550 रुपए का व्यापार हो गया। इसके प्रभाव से 200 रुपए बढ़कर यहां 1850/1860 रुपए एवं राजपुरा पहुंच में 1920/1925 रुपए भाव बन गये। इन भाव में स्टार्च मिलों की लिवाली शाम को सुस्त देखी गयी जिससे यहां से तेजी को विराम लगने लगा है। बाजरा भी मक्की के समर्थन में 100/110 रुपए बढ़कर मोली बरवाला पहुंच में 1800 रुपए एवं यहां 1750/1760 रुपए पर जा पहुंचा। हालांकि बाजरे की कोई फसल निकट भविष्य में आने वाली नहीं है, लेकिन हैफेड का टेण्डर चालू सप्ताह में 1600 रुपए का हो जाने से एक बार फिर यहां से मंदे की धारणा बनने लगी है। इसके अलावा बारीक व मोटे चावल भी घरेलू तथा निर्यात मांग ठंडी पड़ जाने से दबे रहे। दलहनों में राजमा चित्रा, ब्राजील व इंडोनेशिया का 6900/7000 रुपए के पड़ते में मुंबई उतरने से चीन का चित्रा 800 रुपए लुढ़ककर 7900/8000 रुपए रह गया। यहां भी 700/800 रुपए घटकर 8200/8300 रुपए चीन का राजमा चित्रा रह गया। ब्राजील, इंडोनेशिया व युगांडा के माल भी इसी अनुपात में घट गये। उड़द भी म्यांमार से आने वाला माल एसक्यू क्वालिटी का मुंबई 7000/7100 रुपए बिक जाने से यहां हाजिर में 700 रुपए गिरकर 7600 रुपए रह गया। एफएक्यू में भी 400 रुपए की गिरावट आ गयी। इसके साथ-साथ तुवर भी 100 रुपए घटकर यहां लैमन 5050 रुपए रह गयी। अन्य दलहनों में मिला-जुला रुख रहा।