सरसों-सोया सीड व तेल लुढ़ककर पानी-पानी    

नई दिल्ली, 15 मार्च (एजेंसी): गत सप्ताह मौसम खराब होने के बावजूद बम्पर फसल के चलते सरसों का दबाव मंडियों में बढ़ जाने से नई-पुरानी सरसों 150 रुपए प्रति क्विंटल और लुढ़क गयी। इसके साथ-साथ सोयाबीन में भी 150/200 रुपए अलग-अलग उत्पादक मंडियों में मंदा आ गया। इसके प्रभाव से उक्त दोनों तिलहनों के तेल भी 400/450 रुपए गिरकर पानी-पानी हो गये। इसके साथ-साथ बिनौला तेल 500 रुपए एवं चावल तेल 150 रुपए नीचे आ गये। उधर मलेशिया में सीपीओ भी 50 डॉलर गिर गया। इसके प्रभाव से और मंदे को हवा मिल गयी। यद्यपि आलोच्य सप्ताह उत्तर, मध्य एवं पूर्वी भारत में लगातार मौसम खराब रहा। बादल की तेज गड़गड़ाहट एवं तूफानी हवा से रबी फसलों को कुछ नुकसान हुआ है तथापि देसी-विदेशी खाद्य तेलों में चौतरफा बिकवाली का प्रेशर बनने एवं तिलहनों में मंदे का दलदल बनने से खाद्य तेल भी लगातार घटते चले गये। जो सरसों जयपुर पहुंच में 42 प्रतिशत कंडीशन निवाई, टोंक, कोटा लाइन की 4175/4180 रुपए प्रति क्विंटल बिकी थी, उसके भाव 4025/4030 रुपए रह गये। राजस्थान की मंडियों में नई सरसों 3750 रुपए वाली 3575/3600 रुपए अलवर, भरतपुर, सुमेरपुर लाइन लूज में रह गयी।