बहुत लाभदायक है सरसों का तेल

सरसों के तेल का हम खाद्य पदार्थ के रूप में प्रयोग तो करते ही है यह हमारी बहुत सी स्वास्थ्य व सौंदर्य समस्याओं हेतु औषधि का कार्य भी करता है। 
मालिश : शरीर पर सरसों के तेल की मालिश करने से शरीर के अन्दर से हानिकारक जीवाणुओं का नाश होता है और त्वचा के अन्दर रक्त संचार भी ठीक रहता है। तेल की मालिश करने से मांसपेशियां मजबूत होती हैं और इससे थकान और आलस्य भी दूर होता है। शरीर में चुस्ती-फुर्ती और तरो ताजगी महसूस होती है। अधिक थकान होने पर पैरों के तलवों में भी तेल की मालिश करने से थकान दूर होती है, नींद अच्छी आती है, पैरों का फटना भी बन्द हो जाता है और आंखों की रोशनी भी बढ़ती है। सप्ताह में एक बार मौसमानुसार सरसों के तेल से शरीर की मालिश स्वयं करें या करवाएं। मजबूत और साफ दांतों हेतु सरसों के तेल में थोड़ा नमक मिला कर दांतों मसूड़ों पर मलने से लाभ होता है। मसूड़ों का फूलना भी ठीक होता है। सरसों के तेल से पेट की मालिश करने से कब्ज दूर होती है। जोड़ों का दर्द होने पर थोड़े से गर्म सरसों के तेल की मालिश करने से  लाभ होता है।  ध्यान रखें कि मालिश कराने के एक दम बाद स्नान न करें। कम से कम आंधे घंटे के अंतराल में स्नान करें। प्रतिदिन पूरे शरीर की मालिश करने या करवाने से लाभ मिलता है। यदि बच्चे को कफ की समस्या या सांस लेने की समस्या हो तो सरसाें के तेल में सेंधा नमक मिलाकर सीने पर हल्के हाथों से मालिश करने से लाभ मिलता है। शरीर के किसी भी भाग पर कट पड़ जाने से नहाने से पूर्व उस पर थोड़ा-सा तेल चुपड़ देने से कटे हुए भाग पर पानी का प्रभाव नहीं पड़ता और इन्फेक्शन से भी बचाव होता है। नाभि पर नहाने से पूर्व सरसों का तेल लगाने से होंठ नहीं फटते। शरीर के किसी भाग के जल जाने पर सरसों का तेल लगाने से छाले नहीं पड़ते।  

(स्वास्थ्य दर्पण)