कीचड़ में रहने वाली निवटा मछली

निवटा एक अद्भुत समुद्री मछली है। इसे कीचड़ की नर्तक मछली भी कहा जाता है। अंग्रेजी में निवटा को मडस्कीपर कहते हैं। निवटा विश्व के अनेक उष्णकटिबंधीय और समशीतोष्ण सागरों में पाई जाती है। निवटा की तीन प्रमुख जातियां हैं, ईल निवटा, मैनग्रोव निवटा और सामान्य निवटा। ईल निवटा का शरीर ईल की तरह पतला और लंबा होता है। यह नदियों के मुहानों के भाटे वाले स्थानों पर अत्यंत मुलायम मिट्टी में रहती है और कभी भी पानी से अधिक दूर नहीं जाती। ईल निवटा प्राय: एक खेल करती है। जब दो ईल निवटाएं एक-दूसरे को देखती हैं तो ये आक्रामक मुद्रा बना लेती हैं। ये अपने मुंह फाड़ लेती हैं और पीठ के मीन पंख के लंबे कांटे को बार-बार उठाती गिराती हैं। इसके बाद ये एक-दूसरे को धक्के देना आरंभ कर देती हैं तथा कुछ समय बाद अलग-अलग हो जाती है। ईल निवटाओं के इस प्रकार के खेल को इनका शक्ति प्रदर्शन भी कहा जा सकता है। मैनग्रोव निवटा सागर के किनारे के उष्णकटिबंधीय वनों में ऐसे भागों में रहती है, जहां कीचड़ हो। एक ही स्थान पर मैनग्रोव निवटाओं की संख्या सैकड़ों, हजारों में हो सकती है। मैनग्रोव निवटाओं की एक प्रमुख विशेषता यह है कि यह अपना सीमाक्षेत्र बनाती है तथा समय-समय पर एक विशेष ढंग से अपने सीमाक्षेत्र की सुरक्षा के लिए शक्ति प्रदर्शन करती है।
 निवटा सर्वभक्षी मछली है और जो कुछ भी खा सकती है, खाती है। निवटा मछली का प्रमुख भोजन कीचड़ अथवा पानी की सतह पर गिरने वाले विभिन्न प्रकार के कीड़े-मकोड़े हैं। इनके साथ ही यह विभिन्न प्रकार के क्रीम, केकेड़, कोपपॉड, झींगा-झींगी तथा छोटी मछलियां भी खाती है। मैनग्रोव निवटा जलीय पौधे तथा काई को भी अपना आहार बनाती है। मैनग्रोव निवटा पानी सहित काई अपने मुंह में भर लेती है। इसके बाद काई निगल जाती है और पानी बाहर निकाल देती है। निवटा स्वजाति भक्षी भी होती है, अर्थात अपनी ही जाति की छोटी कमजोर और अस्वस्थ मछलियों का शिकार करती है और उन्हें अपना आहार बनाती है।-इमेज रिफ्लेक्शन सेंटर