फुटबाल जगत ने पन्द्रह दिन में गंवाए तीन नायक

अभी अर्जेंटीना के विश्व विजेता कप्तान डियायो चहल (25 नवम्बर) की मौत की चर्चा समाप्त नहीं हुई थी कि इटली के विश्व चैम्पियन पाओलो रौसी और सैनेगल का प्रसिद्ध फुटबालर पापा बाऊबा डियोप का निधन हो गया। इस तरह फुटबाल जगत ने 15 दिनों में ही तीन महान खिलाड़ी खो दिये हैं। 64 वर्ष की आयु में इस दुनिया को अलविदा कहने वाले रौसी ने विश्व के सर्वोत्तम खिलाड़ी बनने का गौरव हासिल किया है। 42 वर्षीय पापा को सैनेगल की टीम के नाम से उल्टफेर करने वाली टीम का लकब जोड़ने वाला खिलाड़ी माना जाता है। पाओलो रौसी : रौसी ने अपने खेल जीवन के दौरान इटली के लिए 1978 से 1986 तक 48 मैच खेले और 20 गोल दागे। वह पेशेवर फुटबालर के रूप में ज्वैंट्स और मिलान जैसे क्लबों का शिंगार बना। गत 9 दिसम्बर को दुनिया से चले जाने वाला रौसी कुछ सयय से फुटबाल कुमैंटेटर के तौर पर सक्रिय था। रौसी उन महान् खिलाड़ियों में शामिल था, जिनके पास यदि एक बार बॉल आ जाए तो वह गोल किये बिना पीछे नहीं लौटते थे। रौसी सदा विरोधी टीम के लिए सिरदर्दी बना रहा। खेल जीवन के दौरान उसे 1980 में सट्टेबाज़ी के आरोपों के तहत पाबंदी भी झेलनी पड़ी परन्तु उसने दमदार वापसी से सबका मुंह बंद किया। उसकी कप्तानी वाली इटली की टीम 1982 में विश्व चैम्पियन बनी और उसने पूरे विश्व कप के दौरान 6 गोल किये, जिनमें ब्राज़ील के खिलाफ लगाई हैट्रिक भी शामिल है। जर्मनी के खिलाफ फाइनल मैच में भी उसने अपनी टीम के लिए पहला गोल दागा और इटली ने यह मुकाबला 3-1 से जीत कर विश्व विजेता बनने का सैभाग्य प्राप्त किया। इससे पहले रौसी 1978 के विश्व कप में इटली की टीम में शामिल था, जिस दौरान उसने 7 मैचों में 3 गोल किये।  पाओलो रौसी 1982 में फीफा का सर्वोत्तम खिलाड़ी चुना गया। रौसी ने गोल्डन बॉल एवं गोल्डन पुरस्कार भी जीते। पापा बाऊबा डियोप : पापा सैनेगल जैसे छोटे से देश का वह सितारा था, जिसने सन् 2002 के फीफा विश्व कप के एक मैच के दौरान विश्व चैम्पियन फ्रांस के खिलाफ अपनी टीम के लिए इकलौता और विजयी गोल किया था। इस खिलाड़ी के इकलौते गोल से सैनेगल की टीम ने फ्रांस को 1-0 से हरा कर फुटबाल इतिहास में सबसे बड़ा फेरबदल किया था। उक्त विश्व कप का यह पहला मैच था। इस विश्व कप के दौरान उसने अपनी टीम के लिए 5 मैचों में 3 गोल किये। 28 जनवरी, 1978 को जन्म लेने वाला पापा अपने शानदार खेल के कारण विश्व के प्रसिद्ध क्लबों फुलहम, वैस्ट हम यूनाइटेड एवं बर्मिंघम सिटी जैसी टीमों के लिए खेला। उसने अपने पेशेवर खेल जीवन के दौरान 261 मैच खेले और 26 गोल किये। इसी तरह अपने देश के लिए 26 मैच खेले और 11 गोल किये। पापा लम्बे समय से बीमार चल रहा था और वह पैरिस के एक अस्पताल में दाखिल था जहां उन्होंने गत 19 नवम्बर को अपने जीवन की अंतिम सांस ली।      

       
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