सर्दियों में ही क्यों दी जाती है गुड़ खाने की सलाह

गुड़ की तासीर गर्म होती है गुड़ के कारण शरीर में अंदरूनी तौर पर गर्माहट बढ़ती है और मेटाबॉलिज्म बेहतर होता है। पूरे शरीर में ब्लड सर्कुलेट करने वाली रक्तवाहिनियां सर्दी के मौसम में सिकुड़ जाती हैं गुड़ शरीर में गर्माहट को बढ़ाकर ब्लड सर्कुलेट करने वाली इन सिकुड़ीं हुई रक्तवाहिनियों को राहत पहुंचाता है इस तरह ब्लड सर्कुलेशन बेहतर होता है और शरीर को कई तरह से फायदा पहुंचता है यही वजह है कि इसे सर्दी में खाने की सलाह दी जाती है  गुड़ को गर्मी में खाने से बचना चाहिए. वरना नकसीर की शिकायत हो सकती है।
गुड़ के  फायदे 
* गुड़ पाचन और मेटाबॉलिज्म को बेहतर बनाता है, इसलिए पेट से जुड़ी आम समस्याएं जैसे पाचन गड़बड़ होना और गैस बनने की शिकायत में राहत पहुंचाता है।
* गर्म तासीर होने के कारण यह सर्दी के मौसम में खांसी-जुकाम से राहत देता है इसके साथ ही शरीर पर पड़ने वाले सर्दी के असर को कम करता है।
* इसमें आयरन, फॉस्फोरस, जिंक, सेलेनियम, पोटैशियम और एंटीऑक्सीडेंट्स पाए जाते हैं जो रोगों से लड़ने की क्षमता बढ़ाने के साथ बीमार होने से रोकते 
* यह गले में होने वाली खराश को भी रोकता है गुड़ मीठा होने के बावजूद शक्कर के मुकाबले सुरक्षित होता है क्योंकि इसे चीनी की तरह रिफाइन नहीं किया जाता
* इसे एनीमिया से जूझने वाली महिलाओं को जरूर खाना चाहिए। इसके अलावा जिन्हें भूख न लगने की शिकायत होए उसे सर्दी के दिनों में अपनी डाइट में गुड़ को शामिल करना चाहिए।
गुड़ कब और कितना खाना चाहिए?
 गर्म तासीर का होने के कारण गुड़ को सर्दियों में ही खाना चाहिएण् अगर आप सीधे तौर पर गुड़ नहीं खा पाते तो इससे तैयार होने वाली डिश को डाइट में शामिल कर सकते हैं  जैसे. गुड़ से बने लड्डू, पट्टी, पापड़ी, चिक्की खा सकते हैं अगर आप डायबिटीज के मरीज नहीं हैं तो इसे 25 ग्राम तक ले सकते हैं डायबिटीज की स्थिति अपने डॉक्टर से सलाह के बाद ही इसे लें।
गुड़ के फायदे तो कई हैं, लेकिन इसे अधिक मात्रा में खाने से बचें ऐसा करने पर वजन और ब्लड शुगर  बढ़ सकता है।