ज़रूरी है आंखों की देखभाल

प्रकृति द्वारा दिए गए उपहारों में सबसे अनमोल उपहार है आंखें और इस अनमोल देन की देखभाल के प्रति सजगता भी बहुत आवश्यक है। अगर आंखों की सुरक्षा के प्रति थोड़ी-सी भी उपेक्षा बरती जाए तो हमें गंभीर परिणामों का सामना करना पड़ सकता है।
आंखों संबंधी बीमारियों के मुख्य कारण अधिक टी.वी. देखना, कम रोशनी में काम करना, असंतुलित आहार, विटामिन ए की कमी, गलत ढंग से पढ़ना आदि हैं इसलिए आंखों की देखभाल के प्रति सतर्कता आवश्यक है। आइए देखें कि हम आंखों की सुरक्षा कैसे करें-
विटामिन ए का नेत्रों के स्वास्थ्य गहरा संबंध है। इसकी कमी से नेत्रों में रतौंधी नामक रोग हो जाता है जिससे नेत्रों की ज्योति खो जाने की भी संभावना होती है। इसलिए विटामिन ए युक्त आहार खाएं। विटामिन ए के अच्छे स्रोत हैं मछली, दूध, हरी पत्तेदार सब्जियां, दालें, टमाटर, गाजर व आम।
पुस्तक पढ़ते समय विशेष सावधानी बरतें। प्रकाश की उचित व्यवस्था होनी चाहिए। पुस्तक कमी भी लेट कर न पढ़ें।
बस या रेलगाड़ी या किसी भी वाहन में सफर करते समय बिल्कुल न पढ़ें। इससे आंखों पर जोर पड़ता है और आंखें कमजोर होती हैं।
टी.वी. कम से कम देखें और जब भी देखें तो अधिक पास न बैठें। कंप्यूटर पर भी अधिक देर तक काम न करें।
आंखों को आराम देने के लिए नींद बहुत आवश्यक है इसलिए पर्याप्त नींद लें। अधिक देर तक मत जागें।
अगर किसी व्यक्ति को आंखों का कोई रोग है तो उसका रूमाल व तौलिया प्रयेग न करें। इससे आपको भी रोग संक्र मण हो सकता है।
अगर आंखें थकी हुई हैं तो आंखों पर कटे आलू या खीरे के टुकड़े रखें।
आंखों के लिए हरी घास पर चलना स्वास्थ्यवर्धक है इसलिए सुबह की सैर करें व नंगे पांव घास पर चलें।
अगर आपको आंखों का चश्मा लगा हुआ है तो उसे अवश्य लगाएं। चश्मा न लगाने से आपकी आंखें और कमजोर हो सकती हैं। दूसरे व्यक्ति के चश्मे का प्रयोग न करें।
आंखों की ज्योति बढ़ाने के लिए नियमित व्यायाम भी करें। 
आंखों के लिए कुछ अच्छे व्यायाम 
आंखों को ऊपर, नीचे, फिर दाएं बाएं घुमाएं। यह क्रि या 5-10 मिनट तक करें। आंखों को चारों तरफ घुमाने का भी व्यायाम करें।
एक पेंसिल लें। पेंसिल की नोक आंखों से थोड़ी दूरी पर रख नोक पर ध्यान केंद्रित करें। आंखों को बिना झपकाएं उस केंद्र पर देखती रहें। पेंसिल को आगे लाएं, फिर पीछे ले जाएं पर ध्यान रखें कि आंखें नोक पर केन्द्रित रहें। पेंसिल को ऐसे ही दाएं बाएं भी ले जाएं।
दीवार पर एक निशान लगा लें और कुछ दूरी पर खड़े होकर उस निशान को देखती रहें। पलक झपकाएं बिना यह व्यायाम करें। इससे नेत्र ज्योति में वृद्धि होती है।
तेज धूप से आंखों को बचाएं। गर्मियों में धूप का चश्मा पहन कर ही बाहर जाएं। 

(स्वास्थ्य दर्पण)