कश्मीर की हसीन वादियां बॉलीवुड के लिए फिर बनीं गुले गुलज़ार 

कश्मीर और बॉलीवुड का रिश्ता बहुत पुराना है, 1989 में कश्मीर में हिंसा शुरू होने से पहले 1980 के दशक तक बॉलीवुड फिल्म उद्योग के लिए कश्मीर पसंदीदा स्थान हुआ करता था। कश्मीर वादी को इस धरती की जन्नत कहा जाता है। इसे भारत का स्विट्जरलैंड कहा जाता है। 1990 में कश्मीर में आतंकवाद अपने चरम पर पहुंचा तो सिनेमा हालों में सन्नाटा छा गया। बम हमलों और गोलियों की दनदनाहट के बीच सिनेमा हाल बंद करने पड़े। अब 32 साल बाद बॉलीवुड एक बार फिर कश्मीर का रुख कर रहा है। जम्मू कश्मीर सरकार को घाटी में शूटिंग की अनुमति देने के लिए देश भर के फिल्म निर्मात्माओं से 500 से अधिक एप्लिकेशंस प्राप्त हुए हैं। इस वर्ष कश्मीर के खूबसूरत पर्यटन  स्थल गुलमर्ग, पहलगाम और डल झील में 150 से अधिक फिल्मों की शूटिंग हुई हैं। बॉलीवुड फिल्मों के अलावा टीवी सीरियल वेब फिल्म वीडियो एल्बम और कमर्शियल एंड की शूटिंग भी दर्शाई गई हैं। 32 साल बाद बॉलीवुड की इस वापसी से पर्यटन विभाग से जुड़े लोगों के चेहरे पर भी मुस्कान लौट आई है।
इमरान हाशमी और बॉलीवुड स्टार विक्की कौशल भी इन दिनों कश्मीर में अपनी नई फिल्म की शूटिंग में बिजी दिख रहे हैं। इमरान हाशमी की नई फिल्म ‘ग्राउंड जीरो’ जिसमें वो एक आर्मी अफसर का रोल अदा कर रहे हैं, पिछले 15 दिनों से कश्मीर के विभिन्न लोकेशंस पर शूट करते दिखाई दे रहे हैं। जबकि विक्की कौशल सम बहादुर फिल्म की शूटिंग के लिए पहलगाम की हसीन वादियों में खूबसूरत लोकेशंस की तलाश कर रहे हैं। 
जानकारी के मुताबिक इन दोनों फिल्मों की कहानी में यहां की खूबसूरती फिल्म में एक नई जान डाल रहे हैं। मीडिया से बात करते हुए पर्यटन सचिव सरमद हफीज ने कहा इस वर्ष काफी संख्या में न सिर्फ  बॉलीवुड कश्मीर का रुख कर रहा है बल्कि साउथ इंडियन फिल्मों की शूटिंग भी कश्मीर में हो रही है। इन फिल्म यूनिट्स के आने से कश्मीर के लोगों के लिए नए रास्ते खुलेंगे और पर्यटन को भी बढ़ावा मिलेगा। सरमद हफीज़ ने ये भी कहा नई फिल्म नीति के तहत जम्मू-कश्मीर सरकार ने अनुमति प्राणाली को लोक सेवा गारंटी अधिनियम ‘पीएसजी’ के तहत रखा है। जम्मू-कश्मीर प्रशासन को 30 दिनों के निर्धारित समय के भीतर फिल्म निर्माताओं को अनुमति देनी होगी। निर्माताओं के लिए इसे आसान बनाने के लिए सिंगल विंडो सिस्टम भी लगाया गया है। फिल्म निर्माता अनुमति के लिए ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं। कश्मीर के 70-80 के दशक की बात करें तो कोई ऐसी फिल्म नहीं बनी होगी, जिसके कुछ हिस्से या कोई गाना कश्मीर में न फिल्माया गया हो।  अब 32 वर्षों बाद गृहमंत्री अमित शाह और उपराज्यपाल मनोज सिन्हा की कुशल रणनीति और बेहतर प्रयासों के चलते जम्मू-कश्मीर में सिनेमाघर गुलजार हो रहे हैं। उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने दक्षिणी कश्मीर के शोपियां, पुलवामा और श्रीनगर के सोनमर्ग में पहले मल्टीप्लेक्स सिनेमाहाल का उद्घाटन किया। कश्मीर घाटी में ऐसे 10 मल्टीप्लेक्स बनाने की घोषणा हो चुकी है। घाटी में 32 साल तक सिनेमा बंद रहने के कारण युवाओं को 300 किलोमीटर दूर जम्मू आकर फिल्म देखने का सपना पूरा करना पड़ता था। घाटी के युवा जो बाहर पढ़ रहे थे या रोजी-रोटी के लिए जो बाहर काम करते थे वो तो सिनेमा का आनंद उठा पाते थे, लेकिन जो युवा घाटी में ही रह रहे हैं वे टीवी तक ही सीमित हो गए थे। कई युवा ऐसे भी हैं जिन्हें यह भी नहीं पता कि मल्टीप्लेक्स होता कैसा है। आतंकवाद के चलते एक-एक करके घाटी के 19 सिनेमा हाल बंद हो गए थे। इनमें से अकेले 9 सिनेमा तो श्रीनगर में ही थे। 
बताया जाता है कि 1999 में फारूख अब्दुल्ला सरकार ने बंद पड़े सिनेमाहालों को फिर से खुलवाने की कोशिश की थी। लेकिन श्रीनगर के सिनेमा रीगल पर ग्रेनेड हमले में एक व्यक्ति की मृत्यु हो गई थी और 12 लोग घायल हो गए थे। इसके बाद सिनेमाघरों में ताला लग गया।  घाटी में मल्टीप्लेक्स का खुलना इस राज्य में स्थिति सामान्य होने का संकेत है। जम्मू-कश्मीर से धारा 370 हटाए जाने के बाद आतंकवादी हिंसा में कमी आई है। ढाई वर्ष के कोरोना काल के बाद जम्मू-कश्मीर में इस वर्ष पर्यटन बढ़ा है। कश्मीर के हर पर्यटक स्थल पर पर्यटकों की भारी भीड़ देखी गई है। उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने तो कश्मीर में फिल्म सिटी बनाने की भी घोषणा कर दी। 
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