उत्तर प्रदेश के  दलित वोट पर हैं सब की नज़रें

उत्तर प्रदेश में 2024 के लोकसभा चुनाव में दलित मतदाता किस ओर जाएंगे? क्या वे बसपा की ओर रुख करेंगे या विपक्षी गुट ‘इंडिया’ या सत्तारूढ़ राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन  (राजग) में से किसी एक को वोट देंगे? दलित वोट भी उप-जातियों के आधार पर विभाजित किये जाते हैं। उदाहरण के लिए जाटव, पासी, वाल्मीकि समुदाय अलग-अलग मतदान करते हैं। हालांकि माना जाता है कि 55 प्रतिशत से अधिक वोट जाटव समुदाय के हैं, जो हमेशा से ही मायावती के नेतृत्व वाली बहुजन समाज पार्टी (बसपा) के साथ रहे हैं, परन्तु इस बार वे दलित ‘इंडिया’ गठबंधन में बेहतर विकल्प ढूंढ रहे होंगे। पिछले विधानसभा चुनावों में दलितों ने भाजपा को वोट दिये थे। हालांकि फरवरी-मार्च 2022 के विधानसभा चुनावों के बाद उत्तर प्रदेश में हुए तीन उप-चुनावों में समाजवादी पार्टी (सपा)-राष्ट्रीय लोक दल (आर.एल.डी.) गठबंधन से भाजपा को हार मिली थी, जिसमें घोसी व खतौली विधानसभा सीटें तथा मैनपुरी लोकसभा क्षेत्र शामिल हैं। यह इस बात का संकेत है कि सत्तारूढ़ पार्टी इन उप-चुनावों में मायावती के नेतृत्व वाली बसपा की गैर-हाज़िरी का लाभ नहीं उठा सकी और दलित मतदाताओं को लुभा नहीं सकी। हाल ही में हुए घोसी उप-चुनाव में समाजवादी पार्टी ने अपनी सीट बरकरार रखी और सपा उम्मीदवार सुधाकर सिंह ने भाजपा के दिग्गज ओ.बी.सी. नेता दारा सिंह चौहान को 42,759 मतों से हरा दिया। इस क्षेत्र में बसपा के दलित वोट का बड़ा हिस्सा सपा को मिला। यह भाइचारा यू.पी. में वोट डालने वाली आबादी का 21 प्रतिशत भाग है और 2024 के लोकसभा चुनाव में इस का बड़ा प्रभाव पड़ने वाला है। राजनीतिक विशेषज्ञों का मानना है कि मायावती जाटव उप-जाति की एकजुटता पर बहुत अधिक भरोसा कर रही हैं, जो कुल दलित आबादी का लगभग 55 प्रतिशत है। विशेषज्ञों का मानना है कि दलित पहले कांग्रेस के समर्थक थे जब तक कि 1990 के दशक की शुरुआत में बसपा अपने संस्थापक कांशीराम के नेतृत्व में एक राजनीतिक ताकत के रूप में नहीं उभरी थी। इस दौरान कांग्रेस ‘थिंक टैंक’ 2024 के लोकसभा चुनाव में राज्य से पार्टी के दिग्गजों को मैदान में उतारने की योजना बना रही है। सूत्रों के अनुसार कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे दलित वोट पर अपनी पकड़ फिर से हासिल करने के लिए बिजनौर या सहारनपुर से चुनाव लड़ सकते हैं और इससे ‘इंडिया’ गठबंधन को भी मदद मिलेगी। पार्टी में यह धारणा बढ़ती जा रही है कि बसपा प्रमुख मायावती का करिश्मा तथा दलितों (मुख्य रूप में जाटव) पर पकड़ धीरे-धीरे कम हो रही है। 
प्रधानमंत्री पद का चेहरा?
‘इंडिया’ गठबंधन का प्रधानमंत्री के पद का उम्मीदवार कौन होगा? राजनीतिक चर्चा में कहा गया है कि कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे, शिवसेना (यू.बी.टी.) प्रमुख उद्धव ठाकरे, पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी, बिहार के मुख्यमंत्री नितीश कुमार और पूर्व कांग्रेस प्रधान राहुल गांधी 2024 में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का सामना करने की दौड़ में शामिल हैं। दूसरी तरफ श्रीलंका के राष्ट्रपति रानिल विक्रमसिंघे ने पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी से पूछा कि, क्या वह विपक्षी गठबंधन ‘इंडिया’ का नेतृत्व करने जा रही हैं? तृणमूल कांग्रेस प्रमुख हैरान हुईं और उन्होंने जवाब दिया, ‘यह लोगों पर निर्भर करता है। यदि लोग हमारा समर्थन करते हैं, तो हम कल स्थिति (सत्ता) में हो सकते हैं।’ ममता बनर्जी ने दुबई हवाई अड्डे पर श्रीलंका के राष्ट्रपति रानिल विक्रमसिंघे के साथ मुलाकात की और उनको नवम्बर में राज्य व्यापार शिखर सम्मेलन के लिए आमंत्रण दिया।
हालांकि विपक्षी गठबंधन ‘इंडिया’ ने विश्वास दिलाया है कि वह देश में राजनीतिक बदलाव लाने के लिए एक मज़बूत विकल्प उपलब्ध करवाएंगे और इस बात पर जोर दिया कि उसके पास भाजपा के इकलौते प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार श्री नरेन्द्र मोदी के मुकाबले कई चेहरे हैं। 
नितीश कहां से चुनाव लड़ेंगे?
‘इंडिया’ गठबंधन के नेताओं का मानना है कि बिहार के मुख्यमंत्री नितीश कुमार को 2024 के आम चुनावों में फुल्लपुर या मिज़र्ापुर की कुर्मी बहु-संख्यक वाली सीटों से चुनाव लड़ना चाहिए। नितीश कुर्मी ओ.बी.सी. समुदाय से सम्बधित हैं और ‘इंडिया’ गठबंधन के भागीदारों समाजवादी पार्टी तथा कांग्रेस द्वारा उत्तर प्रदेश में ओ.बी.सी. तक पहुंच बनाने के लिए इसका लाभ उठाए जाने की पूरी उम्मीद है। वैसे लगता है कि कुर्मियों में यू.पी. की कई सीटों पर चुनाव परिणाम तय करने की समर्था है, क्योंकि वह राज्य में दूसरा सबसे प्रभावशाली ओ.बी.सी. वर्ग है। इस दौरान बिहार के जनता दल (यू) के नेताओं द्वारा मुख्यमंत्री नितीश कुमार को 2024 के लिए प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार के रूप में भी पेश किया जा रहा है। नितीश कुमार द्वारा अपने सरकारी आवास पर बुलाई गई बैठक में यह बात उभर कर सामने आई, जहां पार्टी के 534 ब्लाक अध्यक्ष उपस्थित हुए।  (आई.पी.ए.)