भारत में ई-कॉमर्स ने पकड़ी रफ्तार

देश और दुनिया में इस समय ई-कॉमर्स यानी इलेक्ट्रॉनिक कॉमर्स सुर्खियों में है। यह ऑनलाइन खरीदारी करने का एक तरीका है। इसके अंतर्गत इलेक्ट्रॉनिक सिस्टम के द्वारा इंटरनेट के माध्यम से वस्तुओं और सेवाओं की खरीद-बिक्री की जाती है। आज के समय में ऑनलाइन खरीदारी करना लोगों, विशेषकर युवाओं द्वारा बहुत पसंद किया जा रहा है। इंटरनेट के माध्यम से खरीदारी को ही ई-कॉमर्स कहते हैं। घरेलू उत्पादों सहित मोबाइल, किराना, फर्नीचर, कपड़े एवं इलेक्ट्रानिक सामान आदि खरीदने के लिए बाज़ार नहीं जाना पड़ता, अपितु घर बैठे ही ऑनलाइन शॉपिंग के ज़रिये एक क्लिक से आप घर पर ही सामान मंगवा सकते हैं। ऑनलाइन शॉपिंग का व्यवसाय आज के समय में बहुत लोकप्रिय बन चुका है। ऑनलाइन खरीदारी में आपको उत्पाद के विषय में सम्पूर्ण जानकारी दी जाती है तथा मोल-भाव भी नहीं होता जिस कारण सामान के लिए आपसे अधिक पैसे नहीं लिए जा सकते। जहां लोग पहले खुद दुकानों पर जाकर खरीदारी करते थे, वहीं वे अब अपनी सुविधा हेतु ऑनलाइन खरीद-फरोख्त करना ज्यादा पसंद कर रहे हैं। ऑनलाइन व्यापार चार महत्वपूर्ण बाज़ार वर्गों में काम करता है और इसे सेलफोन, टैबलेट और अन्य गैजेट्स के माध्यम से चलाया जा सकता है। यह ई-कॉमर्स की मूल परिभाषा है। वर्तमान में देश में ई-कॉमर्स से जुड़ा व्यापार करीब 25 अरब डॉलर का है। ऐसा अनुमान है कि अगले 10 वर्षों में यह व्यापार करीब 200 अरब डॉलर का हो जाएगा।  वर्तमान में ई-कॉमर्स के लिये इंटरनेट सबसे महत्वपूर्ण माध्यम है। यह बुनियादी ढांचे के साथ-साथ उपभोक्ता और व्यापार के लिये कई अवसर भी पैदा करता है। इसके उपयोग से उपभोक्ताओं के लिये समय और दूरी जैसी बाधाएं बहुत मायने नहीं रखती हैं। ई-कॉमर्स के ज़रिये सामान सीधे उपभोक्ता को प्राप्त होता है। इससे मध्यस्थों की भूमिका तो समाप्त होती ही है, सामान भी सस्ता मिलता है। इससे बाज़ार में भी प्रतिस्पर्धा बनी रहती है और ग्राहक बाज़ार में उपलब्ध अलग-अलग कम्पनियों के सामान की तुलना भी कर सकता है जिससे ग्राहकों को उच्च गुणवत्ता वाला सामान मिल जाता है।
भारत में अधिकतर लोग सामान खरीदने के लिए ई-कॉमर्स प्लेटफार्म का इस्तेमाल कर रहे हैं। मोबाइल फोन्स और इंटरनेट डाटा में हो रहे निरन्तर विकास से भारत में ई-कॉमर्स इंडस्ट्री बढ़ती जा रही है। यही कारण है कि आज ई-कॉमर्स से जुड़े अनेक नए-नए ऐप्स मार्केट में आ गए हैं। दिसम्बर 2022 तक भारत में 70 करोड़ से ज्यादा इंटरनेट यूज़र्स थे, जो कि भारत की आबादी का लगभग आधा हिस्सा थे। आज भारत ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म्स का इस्तेमाल करने में दुनिया में छठे नम्बर पर है। भारत में ई-कॉमर्स तेज़ी से लोगों के बीच लोकप्रिय हो रहा है। आज शहरी ही नहीं, ग्रामीण क्षेत्रों में भी ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म्स का इस्तेमाल किया जा रहा है।
हमारे देश में ई-कॉमर्स लगभग 40 साल पहले आपूर्तिकर्ताओं और व्यावसायिक ग्राहकों से ऑर्डर या इनवॉइस जैसे व्यावसायिक दस्तावेजों के मानक आदान-प्रदान के रूप में शुरू हुआ था। इसके बाद कई उद्योगों ने एक ऐसी प्रणाली के बारे में विस्तार से बताया जो एक कम्प्यूटर से दूसरे कम्प्यूटर के बीच इंटरचेंजिंग डेटा से संबंधित थी, और इसी तरह ई-कॉमर्स का जन्म हुआ। अपनी विशाल पहुंच और लोकप्रियता के कारण इसने उद्यमियों के व्यवसाय करने के तरीके को पूरी तरह से बदल दिया है। ई-कॉमर्स व्यवसाय खुदरा विक्रेताओं और ग्राहकों को संभावित प्रतिस्पर्धात्मक लाभ प्रदान करता है। वर्तमान में ज्यादातर लोग ऑनलाइन शॉपिंग का सहारा ले रहे हैं। एक सर्वे के मुताबिक, 2020 में ई-कॉमर्स सैक्टर में 8 प्रतिशत और 2021 में 30 प्रतिशत की वृद्धि हुई। 2021 में ई-कॉमर्स और सम्बद्ध उद्योगों (ऑनलाइन फूड बिजनेस, सोशल कॉमर्स, ऑनलाइन किराना) में रोज़गार के अवसरों में 28 प्रतिशत की वृद्धि हुई थी। ई-कॉमर्स का कारोबार 2024 तक 111 अरब डॉलर और 2026 तक 200 अरब डॉलर तक पहुंच जाने की सम्भावना है। 

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