लोकसभा चुनाव 2024  राजनीतिक पार्टियों में गौण होती जा रही है विचारधारा

तदबीर से बिगड़ी हुई तकदीर बना ले,
अपने पे भरोसा है तो एक दांव लगा ले। 
(साहिर लुधियानवी)
बहुत अफसोस की बात है कि पंजाब में सभी राजनीतिक पार्टियां सिर्फ इस जोड़-तोड़ में लगी हुई हैं कि जीतने वाला उम्मीदवार लाया जाए, चाहे उसकी विचारधारा कोई भी हो, या हो ही न। इस उद्देश्य के लिए सभी सिद्धांत ताक पर रखे  जा रहे हैं। पंजाब राष्ट्रीय पार्टियों की पहल नहीं है। पंजाब की लटकती मांगें जिनमें पानी के मामले, चंडीगढ़ एव अन्य दर्जनों मामले किसी भी पार्टी के ध्यान में नहीं हैं। सिखों की मांगें, किसानों की मांगें सिर्फ मौखिक जमा खर्च में शामिल हैं। चुनाव घोषणा-पत्रों जिन्हें अब गारंटियां भी कहा जाने लगा है, का वास्तविक म़कसद सिर्फ लोगों को ठगना ही है। पंजाब के एक प्रमुख बुद्धिजीवी की यह बात बिल्कुल ठीक है कि ‘आज की राजनीति का सबसे बड़ा गुरुमंत्र है झूठे वृत्तांत का सृजन।’ इसलिए सुप्रीम कोर्ट जिससे अभी न्याय की कुछ उम्मीद शेष है, को निवेदन है कि वह स्वत: कार्रवाई करते हुए चुनाव घोषणा पत्रों, गारंटियों आदि को सम्बद्ध पार्टी द्वारा लोगों से किया समझौता करार दे और यदि जीतने वाली पार्टी वायदे पूरे न करे तो उसके पदाधिकारियों के खिलाफ समझौता तोड़ने तथा ठगी करने का मुकद्दमा दर्ज करके कार्रवाई की जाए। इसके साथ ही यह भी ज़रूरी बनाया जाए कि पार्टी चुनाव घोषणा पत्र में किये गये वायदों को पूरा करने के लिए पैसे तथा साधन कैसे तथा कहां से जुटाएगी, इसका भी खुलासा पहले ही करे। यदि ऐसा नहीं किया जाता तो ये चुनाव घोषणा पत्र या गारंटियां सिर्फ लोगों के साथ ठगी के अतिरिक्त कोई कीमत नहीं रखते। 
जहां तक पंजाब की मांगों, ज़रूरतों तथा समस्याओं का संबंध है, वे कांग्रेस, भाजपा, बसपा या ‘आप’ जैसी राष्ट्रीय पार्टियों के लिए कोई अधिक महत्व भी नहीं रखतीं और उनके लिए सिख मांगें भी मौखिक जमा खर्च से अधिक कुछ भी नहीं हैं। ये राष्ट्रीय पार्टियां देश के संघीय ढांचे के पक्ष में भी नहीं हैं। इन्हें केन्द्रीय शक्तिकरण ही उचित प्रतीत होता है। पंजाब की दो क्षेत्रीय पार्टियां इन चुनावों में भाग ले रही हैं। पहली तथा प्रमुख पार्टी है अकाली दल (बादल) तथा दूसरी अकाली दल (अमृतसर) है। अकाली दल अमृतसर स्पष्ट रूप में खालिस्तान का समर्थक है, परन्तु अकाली दल बादल पुन: ‘पंजाब पहले’ की नीति पर लौटने की घोषणा कर चुक है। इस बार अकाली दल बादल का भाजपा के साथ समझौता भी नहीं है। इसलिए अकाली दल के पास अवसर है कि यदि उसने पंजाबियों तथा सिखों का विश्वास फिर से जीते तथा यह स्पष्ट करे कि वह पंजाब की कौन-कौन सी मांगों पर क्या स्टैंड लेगा तथा वह पंजाब का केस लोकसभा में किस प्रकार पेश करेगा। पंजाब के पक्ष में तथा पंजाबियों के हितों को सुरक्षित करने के लिए संघीय ढांचे की मज़बूती के लिए वह अन्य क्षेत्रीय पार्टियों के साथ किस प्रकार का तालमेल करेगा। यदि अकाली दल ऐसा नहीं करता तो पंजाब के लोग उन पर दोबारा विश्वास करने के लिए शायद सोचें भी न। 
़गर चाहते हो फिर से उठना,
तो फिर अपनी तकदीर लिखो।
इस उलझन को सुलझाने की,
कौन सी है तदबीर लिखो।
—लाल फिरोज़पुरी
अलग-अलग पार्टियों के उम्मीदवार
इस समय पंजाब की 13 लोकसभा सीटों पर कुछ पार्टियां कुछ सीटों पर अपने उम्मीदवारों के नामों की घोषणा कर चुकी हैं और कुछ के सम्भावित उम्मीदवारों के नाम चर्चा में हैं। पाठकों के लिए ताज़ा स्थिति का ज़िक्र ज़रूरी है ताकि वे मौजूदा हालत से अवगत हो सकें। 
अमृतसर सीट से कांग्रेस के सम्भावित उम्मीदवारों में सांसद गुरजीत सिंह औजला तथा ओ.पी. सोनी के नाम हैं। अकाली दल के उम्मीदवार पूर्व मंत्री अनिल जोशी हैं तथा ‘आप’ के मंत्री कुलदीप सिंह धालीवाल हैं जबकि भाजपा की ओर से पूर्व राजदूत तरणजीत सिंह संधू हैं। 
बठिंडा क्षेत्र से कांग्रेस की ओर से पंजाब कांग्रेस अध्यक्ष की पत्नी अमृता सिंह, जीत महिन्दर सिंह सिद्धू तथा अजीत सिंह मोफर के नाम हैं। भाजपा की ओर से पूर्व आई.ए.एस. परमपाल कौर सिद्धू, ‘आप’ की ओर से मंत्री गुरमीत सिंह खुडियां तथा अकाली दल को ओर से मौजूदा सांसद बीबा हरसिमरत कौर बादल उम्मीदवार होंगे। 
फिरोज़पुर लोकसभा सीट के लिए कांग्रेस की ओर से दविन्द्र सिंह घुबाया तथा रमिन्द्र सिंह आवला के नाम चर्चा में हैं, परन्तु आवला का नाम भाजपा की सूची में होने की चर्चा भी है। भाजपा की ओर से राणा गुरमीत सिंह सोढी तथा सुरजीत कुमार ज्याणी के नाम भी हैं जबकि ‘आप’ की ओर से नरेन्द्र पाल, करण गल्होत्रा तथा अरुण नारंग के नाम हैं। अकाली दल की ओर से युवा नेता कंवरजीत सिंह रोज़ी बरकंदी तथा बॉबी मान के नाम चर्चा में हैं। 
फरीदकोट सीट से अकाली दल की ओर से राजविन्दर सिंह तथा हरप्रीत ंिसंह कोटभाई के नाम हैं जबकि भाजपा की ओर से हंस राज हंस घोषित किये जा चुके हैं। ‘आप’ ने करमजीत अनमोल का नाम घोषित किया है। कांग्रेस की ओर से चाहे मौजूदा सांसद मुहम्मद सदीक हैं, परन्तु यहां से कुलदीप सिंह वैद, सुखविन्दर सिंह डैनी, बलदेव साहोके तथा कुछ अन्य नाम भी चर्चा में हैं।
लुधियाना से कांग्रेस की ओर से पहले नम्बर पर भारत भूषण आशु का नाम है जबकि गुरदेव सिंह लापरां, राकेश पांडे तथा मनीष तिवारी भी प्रमुख हैं। अकाली दल की ओर से हीरा सिंह गाबड़िया, रणजीत सिंह ढिल्लों, ‘आप’ की ओर से जसबीर सिंह जस्सी खंगूड़ा, राज्यसभा सदस्य संजीव अरोड़ा के नाम चर्चा में हैं। भाजपा की ओर से रवनीत सिंह बिट्टू सामने हैं। 
आनंदपुर साहिब सीट से अकाली टिकट के लिए दो बड़े नेता प्रो. प्रेम सिंह चंजूमाजरा तथा डा. दलजीत सिंह चीमा आमने-सामने हैं। कांग्रेस की ओर से अमरीकन ओवरसीज कांग्रेस के अध्यक्ष महिन्दर सिंह गिलजियां, मौजूदा सांसद मनीष तिवारी, राणा के.पी., बलबीर सिंह सिद्धू तथा अंगद सिंह के नाम चर्चा में हैं। ‘आप’ यहां से मालविन्दर सिंह कंग को आगे कर चुकी है। भाजपा की ओर से प्रमुख बुद्धिजीवी सुभाष शर्मा दौड़ में सबसे आगे हैं। वैसे अजयवीर सिंह लालपुरा का नाम भी चर्चा में है। 
फतेहगढ़ साहिब से अकाली दल के बिक्रमजीत सिंह खालसा का नाम लगभग स्पष्ट है। ‘आप’ की ओर से गुरप्रीत सिंह जी.पी. हैं। कांग्रेस की ओर से डा. अमर सिंह तथा लखबीर सिंह लक्खा के नाम हैं। वैसे चर्चा चरणजीत सिंह चन्नी तथा शमशेर सिंह दूलो की भी है। भाजपा की ओर से यहां इन्द्र इकबाल सिंह अटवाल को आगे किया जा सकता है, परन्तु पता चला है कि भाजपा यहां किसी ‘सैलिब्रिटी’ को भी ला सकती है। 
गुरदासपुर सीट से अकाली दल की ओर से कविता खन्ना अथवा स्वर्ण सलारिया में से किसी एक को उम्मीदवार बनाया जा सकता है। कांग्रेस की ओर से बी.एस. पाहड़ा, सुखविन्दर सिंह सुख सरकारिया, प्रताप सिंह बाजवा तथा तृप्त राजिन्द्र सिंह बाजवा के नाम चर्चा में हैं। ‘आप’ की ओर से शैरी कलसी तथा लाल चंद कटारूचक्क जबकि भाजपा के उम्मीदवार दिनेश बब्बू हैं। 
होशियारपुर सीट से कांग्रेस की ओर से अरुणा चौधरी, पवन आसिया, बसपा नेता अवतार सिंह करीमपुरी, महिन्द्र सिंह के.पी. तथा शमशेर सिंह दूलो के नाम हैं। अकाली दल की ओर से सोहन सिंह ठंडल, डा. लखवीर सिंह, भाजपा की ओर से विजय सांपला एवं केन्द्रीय मंत्री सोम प्रकाश की पत्नी के नाम हैं। ‘आप’ की ओर से राज कुमार चब्बेवाल हैं। 
जालन्धर लोकसभा क्षेत्र में ‘आप’ की ओर से घोषित उम्मीदवार तथा मौजूदा सांसद सुशील रिंकू भाजपा में चले गये हैं। अब ‘आप’ में बलकार सिंह के नाम की चर्चा है। कांगे्रस की ओर से पूर्व मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी तथा अकाली दल की ओर से पवन टीनू उम्मीदवार हो सकते हैं। 
पटियाला क्षेत्र से भाजपा की उम्मीदवार महारानी परनीत कौर हैं। ‘आप’ के डा. बलबीर सिंह हैं। कांग्रेस की ओर से सबसे ऊपर नाम डा. धर्मवीर गांधी का है, परन्तु विजय इन्द्र सिंगला तथा हरदयाल सिंह कंबोज के नाम भी हैं। अकाली दल की ओर से एन.के. शर्मा के उम्मीदवार होने की आस है। 
खडूर साहिब लोकसभा क्षेत्र से कांग्रेस की ओर से सबसे पहले नम्बर पर राणा गुरजीत सिंह का नाम है, परन्तु यहां से ही जसबीर सिंह डिम्पा, मनजीत सिंह सिक्की, गुरजीत सिंह औजला के नाम भी प्रमुख हैं जबकि भाजपा अभी यहां से उम्मीदवार की तलाश में बताई जाती है। ‘आप’ ने यहां से लालजीत सिंह भुल्लर को आगे किया है। अकाली दल की ओर से विरसा सिंह वल्टोहा तथा हरप्रीत सिंह के नाम भी चर्चा में हैं।  
संगरूर सीट से अकाली दल की ओर से पूर्व वित्त मंत्री तथा अकाली दल के संरक्षक सुखदेव सिंह ढींडसा के बेटे परमिन्दर सिंह ढींडसा तथा इकबाल सिंह झूंदा के बीच टिकट के लिए ज़ोर-आज़माइश हो रही है। ‘आप’ ने मीत हेयर को आगे किया है। भाजपा की ओर से केवल ढिल्लों, हौबी धालीवाल (फिल्मी कलाकार) तथा अरविंद खन्ना के अतिरिक्त कुछ अन्य नामों पर भी विचार-विमर्श किया जा रहा है जबकि कांगे्रस की ओर से सुखपाल सिंह खैहरा तथा गोल्डी धूरी के नाम चर्चा में हैं। 
खेल ज़िन्दगी के तुम खेलते रहो यारो,
हार जीत कोई भी आ़खरी नहीं होती।
(हस्तीमल हस्ती)
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-मो. 92168-60000