कैंसर का इलाज अभी तक क्यों नहीं मिला?

‘दीदी, कैंसर होने पर कुछ लोग ठीक भी हो जाते हैं, लेकिन अधिकतर लोग मर ही जाते हैं। चूंकि सबका या ज़्यादातर का इलाज नहीं हो पाता, इसलिए मैं समझता हूं कि कैंसर का उपचार अभी तक ठीक से मिल नहीं सका है।’ ‘तुम्हारी बात काफी हद तक सही है। लेकिन इस पर आगे बात करने से पहले मैं तुम्हें यह बताना चाहती हूं कि कैंसर वास्तव में है क्या।’
‘जी, बताएं।’
‘जब शरीर में कोशिका विभाजन की प्रक्रिया नियन्त्रण से बाहर हो जाती है तो उसे कैंसर कहते हैं। चूंकि नई ‘वाइल्ड’ कोशिकाएं निरंतर विभाजित होती रहती हैं, इसलिए वह टिश्यू का बड़ा लोथड़ा बना देती हैं, जो लगातार बड़ा होता रहता है।’ ‘इसका अर्थ यह हुआ कि कैंसर शरीर की कोशिकाओं का अनियंत्रित फैलाव है।’
‘हां। कैंसर किसी भी प्रकार की कोशिका में हो सकता है। चूंकि अनेक प्रकार की अलग-अलग कोशिकाएं होती हैं, इसलिए कैंसर भी विभिन्न प्रकार का होता है। मानव में ही सैंकड़ों प्रकार के कैंसर होते हैं। इसलिए कैंसर एक रोग नहीं है बल्कि रोगों का परिवार है।’
‘तो यह वजह है कि कैंसर का अभी तक कोई ठोस इलाज नहीं मिल सका है।’
‘सही कहा। कैंसर की समस्या से निपटने का एक तरीका यह है कि उन एजेंट्स के बारे में जाना जाये जिनसे कैंसर होता है। वैज्ञानिकों को यह भी जानना आवश्यक है कि वह एजेंट्स सामान्य कोशिकाओं को कैंसर कोशिकाओं में कैसे बदल देते हैं।’
‘आप कह रही हैं कि इस तरह वह इस रोग से बचाने की उम्मीद करते हैं।’
‘हां, लेकिन शोध के अन्य तरीके भी हैं, जैसे उन एजेंट्स की तलाश जो शरीर में कैंसर कोशिकाओं को नष्ट कर दें।’
‘जैसे आधुनिक एंटीबायोटिक्स बैक्टीरिया कोशिकाओं को नष्ट कर देते हैं।’
‘तरीका तो यही है। बहरहाल, वैज्ञानिकों ने अनेक रसायनों की पहचान की है जिनसे कैंसर होता है। सरकारों ने इन रसायनों को फूड से बाहर रखने का प्रयास किया है ताकि लोगों को कैंसर न हो। वैज्ञानिकों का मानना है कि वायरस से भी कैंसर होता है, लेकिन किस तरह से, यह अभी ज्ञात नहीं है। विभिन्न कैंसरों के आपस में रिश्ते की भी जानकारी नहीं है। अत: कैंसर के उपचार की तलाश कठिन है, लेकिन कोशिश जारी है और कुछ सफलता भी मिली है।’
-इमेज रिफ्लेक्शन सेंटर