एक परीक्षा और

विगत दिवस हुये लोकसभा चुनावों की देश तथा दुनिया में व्यापक चर्चा बनी रही थी। इनसे कुछ दिन बाद ही देश के कई अन्य भागों के अतिरिक्त पंजाब में भी पांच विधानसभा क्षेत्रों में उप-चुनाव होने जा रहे हैं। कुछ विधायकों तथा मंत्रियों के लोकसभा में जीत प्राप्त करने के बाद विधानसभा की ये सीटें खाली हुई हैं। इनसे भी पहले जालन्धर (पश्चिमी) हल्के पर भी चुनाव होना है, परन्तु इसके खाली होने का कारण अलग है। इस सीट संबंधी घटित घटनाक्रम बेहद अजीबो-गरीब तथा दिलचस्प है।
पिछले 2022 के विधानसभा चुनावों के समय ‘आप’ पार्टी की ओर से शीतल अंगुराल ने जीत प्राप्त की थी। उस समय उनका मुकाबला कांग्रेस के सुशील रिंकू के साथ था। इन दोनों का ही पिछले लम्बे समय से बड़ा राजनीतिक टकराव बना आ रहा था जो पिछले चुनावों में और भी बढ़ गया था। जालन्धर लोकसभा क्षेत्र का प्रतिनिधित्व कर रहे सांसद चौधरी सन्तोख सिंह की अचानक मुत्यु हो जाने के कारण सुशील रिंकू को आम आदमी पार्टी में शामिल करवा कर ‘आप’ की ओर से उम्मीदवार बनाया गया था। इस चुनाव में कांग्रेस ने चौधरी सन्तोख सिंह की पत्नी करमजीत कौर को चुनाव में उतारा था, परन्तु उन्हें सुशील कुमार रिंकू ने हरा दिया था। अब लोकसभा के चुनावों से पहले उस समय बड़ा आश्चर्य  हुआ जब आम आदमी पार्टी को छोड़ कर सुशील रिंकू ने भाजपा का दामन थाम लिया तथा भाजपा की ओर से ही उन्होंने जालन्धर से लोकसभा चुनाव लड़ा। उनके मुकाबले में कांग्रेस के चरणजीत सिंह चन्नी को जालन्धर हल्के से भारी जीत प्राप्त हुई तथा सुशील कुमार रिंकू दूसरे नम्बर पर आये। इस चुनाव से पहले अकाली दल में लम्बा समय भिन्न-भिन्न पदों पर रहे पवन कुमार टीनू पाला बदलते हुये आम आदमी पार्टी में शामिल हो गये तथा और भी बड़ी आश्चर्यजनक बात यह रही कि दशकों से ऊंचे कद वाले कांग्रेस परिवार से संबंधित रहे महिन्द्र सिंह के.पी. ने कांग्रेस की ओर से टिकट न दिये जाने के रोष-स्वरूप पाला बदल कर अकाली दल की ओर से चुनाव लड़ने की घोषणा कर दी, परन्तु लोकसभा के ये चुनाव परिणाम जहां कांग्रेस के लिए बड़ी राहत लेकर आये, वहीं भाजपा की कारगुज़ारी भी सन्तोषजनक रही, परन्तु आम आदमी पार्टी तथा अकाली दल के लिए ये परिणाम बेहद निराशाजनक रहे। कांग्रेस के चरणजीत सिंह चन्नी को 390053 (39.4 प्रतिशत), भाजपा के सुशील कुमार रिंकू को 214060 (21.6 प्रतिशत) तथा आम आदमी पार्टी के उम्मीदवार पवन कुमार टीनू को 208889 (21.1 प्रतिशत) वोट मिले। अकाली दल के उम्मीदवार चौथे स्थान पर चले गए। उन्हें 67911 (6.9 प्रतिशत) वोट ही मिले। 
लोकसभा के इन चुनावों से पहले ही जालन्धर (पश्चिमी) के ‘आप’ के विधायक शीतल अंगुराल ने पार्टी नेताओं पर बड़े-बड़े आरोप लगा कर विधायक पद से त्याग-पत्र दे दिया था तथा सुशील कुमार रिंकू के साथ ही वह भाजपा में शामिल हो गए थे। लोकसभा चुनावों के बाद उन्होंने अपना त्याग-पत्र स्पीकर से वापिस लेने का यत्न किया, परन्तु स्पीकर ने त्याग-पत्र स्वीकार कर लिया। इसके कुछ दिन बाद ही चुनाव आयोग ने इस सीट पर चुनाव करवाने की घोषणा कर दी। मात्र एक मास के सीमित समय में ही 10 जुलाई को ये चुनाव होने हैं। जहां अन्य पार्टियों ने अब एकाएक इसके लिए अपनी तैयारियां शुरू कर दी हैं, वहीं मुख्यमंत्री भगवंत मान ने भी ज़ोर-शोर से इस चुनाव को लड़ने एवं जीतने की घोषणा की है, परन्तु अभी-अभी  जिस तरह इस पार्टी को चुनावों में मुंह की खानी पड़ी है तथा  मुख्यमंत्री के दावों के विपरीत इसकी कारगुज़ारी निराशाजनक रही है, उसके दृष्टिगत उनके इस चुनाव को जीतने के दावे में कितना वज़न है, इसका अनुमान लगाया जाना मुश्किल नहीं है। नि:संदेह इस चुनाव के परिणाम एक बार फिर पंजाब सरकार की कारगुज़ारी को आईना दिखाने वाले साबित हो सकते हैं। ‘आप’ को इस परीक्षा के परिणाम के लिए ज्यादा इंतजार नहीं करना पड़ेगा। 

—बरजिन्दर सिंह हमदर्द