भारत में ई-कॉमर्स के भरोसे से भरा है भविष्य

देश में सरकारी, गैर-सरकारी नौकरियों में भले लगातार संकट के बादल छाये हुए हैं, लेकिन ई-कॉमर्स क्षेत्र में लगातार उठान या बूम बनी हुई है। साल 2023 में भारत के ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म ने एक जर्बदस्त उपलब्धि हासिल की, जब एक वित्तीय वर्ष में कारोबार 60 बिलियन अमरीकी डॉलर को पार कर गया। यह पिछले वर्ष के मुकाबले 22 प्रतिशत की वृद्धि थी और जानकारों का अनुमान है कि वित्तीय वर्ष 2024 में भी यह वृद्धि बरकरार रहेगी। ई-कॉमर्स क्षेत्र के विशेषज्ञों का अनुमान है कि साल 2030 तक भारत में वार्षिक ई-कॉमर्स 300 बिलियन अमरीकी डॉलर तक पहुंच जायेगा बल्कि कुछ विशेषज्ञ तो इससे भी आगे का अनुमान लगा रहे हैं; क्योंकि भारत में इस समय 93 करोड़ 61 लाख इंटरनेट उपभोक्ता हैं और इन उपभोक्ताओं में 35 करोड़ उपभोक्ता वयस्क हैं, जिनकी कारोबार में सक्रिय भूमिका है। चूंकि आने वाले सालों में वयस्क उपभोक्ताओं की संख्या और बढ़नी है, इसलिए कुछ विशेषज्ञ तो अनुमान लगा रहे हैं कि सन् 2030 तक भारत में ई-कॉमर्स उद्योग 400 बिलियन अमरीकी डॉलर का शिखर छू लेगा।
ई-कॉमर्स या इलेक्ट्रॉनिक कॉमर्स दरअसल वस्तुओं, सेवाओं की खरीद बिक्री का ऑनलाइन जरिया है। इसमें सभी तरह की चीजों की खरीद व बिक्री शामिल है। ये भौतिक वस्तुएं भी हैं और डिजिटल वस्तुएं भी। साथ ही इस कारोबार में विभिन्न तरह की सेवाएं भी शामिल हैं। कहना न होगा कि आज की तारीख में देश में खरीद बिक्री का सबसे बड़ा बाजार ई-मार्किट या दूसरे शब्दों में हमारा मोबाइल और इंटरनेट है। ई-कॉमर्स ने कारोबारियों को बहुत सी सहूलियतें दी हैं। पहले जहां कारोबार का एक नियमित समय होता था, ई-कॉमर्स ने समय और दूरी की इस बाधा को खत्म कर दिया है। आप 24 घंटे में कभी भी कोई भी वस्तु या सेवा ऑनलाइन माध्यम से खरीद व बेंच सकते हैं। पहले ई-कॉमर्स के जरिये कारोबार सिर्फ अपनी वेबसाइट से ही संभव था, लेकिन अब तीसरे पक्ष यानी किसी और की वेबसाइट से भी यह बहुत आसानी से संभव है। 
ई-कॉमर्स का हाल के सालों में न सिर्फ धनराशि के स्तर पर विस्तार हुआ है बल्कि यह कारोबार के तरीके के स्तर पर भी बहुत फैला है। पहले जहां शुद्ध रूप से सिर्फ बेंचने, खरीदने का ही काम होता था, अब ई-कॉमर्स के जरिये वो सभी तरह के कारोबार होते हैं, जो कारोबार पहले सिर्फ ऑफलाइन संभव थे। मसलन अब ई-कॉमर्स चलते ऑनलाइन नीलामी का कारोबार भी संभव है। पहले यह सीधे-सीधे अपनी वेबसाइट से ही संभव था, आज यह तरह तरह के मार्किट एप के जरिये भी हो रहा है। भारत में इसलिए भी ई-कॉमर्स का बेहद भरोसेदार भविष्य है, क्योंकि केंद्र सरकार ने भी पॉलिसी के स्तर पर अब ई-कॉमर्स को पूरी तरह से समर्थन करने का मन बनाया है। मसलन अब बी2बी ई-कॉमर्स में अब सौ प्रतिशत एफडीआई की अनुमति है, पहले इस लेबल पर एफडीआई की अनुमति नहीं थी।
लंबे समय से विदेशी ई-कॉमर्स कारोबारी भारत में अपने कारोबार विस्तार का सपना देख रहे थे, लेकिन नीतिगत समस्याओं के चलते यह संभव नहीं था। अब ई-कॉमर्स क्षेत्र के विदेशी कारोबारियों को निवेश की अनुमति है। यही वजह है कि स्वदेशी ई-कॉमर्स दिग्गज फ्लिपकार्ट, एक बिलियन अमरीकी डॉलर की पूंजी बाजार से उगाहने के लिए तैयार है। इसमें करीब 60 करोड़ अमरीकी डॉलर की पूंजी का इंतजाम इसकी मूल कंपनी वॉलमार्ट के द्वारा होगी। पहले यह मुश्किल था, लेकिन अब ई-कॉमर्स के मार्किट प्लेस मॉडल में स्वचालित मार्ग के चलते आसानी से कारोबारी सौ प्रतिशत एफडीआई जुटा सकते हैं। अनुमान है कि भारत में ई-रिटेल बाज़ार 2028 तक 160 बिलियन अमरीकी डॉलर से भी ज्यादा हो जायेगा, जो कि फिलहाल 57 से 60 बिलियन अमरीकी डॉलर के आसपास है और अगर 2020 के मुकाबले देखा जाए तो यह 8 से 12 बिलियन डॉलर ज्यादा है।
ई-कॉमर्स में आयी इस भरोसेमंद बूम का सुखद संदेश यह है कि बेरोज़गारी की समस्या को इसके जरिये हम अच्छी तरह से नियंत्रित कर सकते हैं। अगर आपने ठीकठाक पढ़ाई की है, संचार के क्षेत्र में मोबाइल, इंटरनेट को अच्छी तरह से टैकल कर लेते हैं, तो आज आपको बेरोज़गारी की समस्या से जूझने की ज़रूरत नहीं है। आप न सिर्फ छोटे स्तर से अपना कारोबार शुरु कर सकते हैं बल्कि अगर आपमें किसी भी किस्म की स्किल या दक्षता है तो उसका भी आसानी से कारोबार कर सकते हैं। क्योंकि ई-कॉमर्स में सिर्फ वस्तुओं का ही व्यापार विनिमय नहीं होता बल्कि बड़े पैमाने पर सेवाओं का भी कारोबार होता है। 
आज देश में एक बिलियन डॉलर वार्षिक से ज्यादा के विभिन्न तरह के ट्यूशन पढ़ाये जाते हैं। भविष्य में करीब 90 प्रतिशत तकनीकी और गैर तकनीकी शिक्षा ऑनलाइन होगी। डॉक्टरों की कंसल्टेंसी भी 60 प्रतिशत से ज्यादा ऑनलाइन हो जायेगी, विशेषकर जब देश में जी-6 संचार सुविधाएं उपलब्ध होंगी। कहने का मतलब यह है कि कॅरियर के नाम पर अब सिर्फ सरकारी या गैर-सरकारी नौकरी ढूंढ़ना गुज़रे जमाने की बात होने जा रही है। ज्यादा से ज्यादा लोग बिना किसी की नौकरी किए अपनी ही नौकरी करेंगे, चाहे यह कारोबार के शक्ल में हो या सेवाओं की शक्ल में। इसलिए ई-कॉमर्स की यह बूम भारत के युवाओं के भविष्य के लिहाज से शानदार और भरोसा जगाने वाली है।
-इमेज रिफ्लेक्शन सेंटर