क्रिसमस
इस साल ओम, यीशु, बीनू बहुत परेशान और चिन्तित दिखाई दे रहे थे। उनकी परेशानी का कारण था कि इस साल पापा घर में क्रिसमस नहीं मनाएंगे यह बात पापा ने क्रिसमस से एक महीना पहले ही सबको बता दिया था।
पापा ने क्रिसमस मनाने के लिए हर साल जो रुपया गोल्लक में इकट्ठा करते थे वह रुपया घर के ज़रुरी कामों में खर्च हो गया। बीनू के जन्मदिन पर पापा ने काफी रुपया खर्च कर दिए थे। इसी से पापा क्रिसमस मनाने से इंकार कर रहे थे।
यह बात जब ओम यीशु, बीनू ने मोहल्ले के सब बच्चों को बताई तो सारे बच्चे उदास हो गए।
सब बच्चों ने ओम, यीशु, बीनू से पूछा आखिर हमारे अंकल जी इस साल क्यों नहीं क्रिसमस मनाएंगे हम सब जानना चाहते है।
बच्चों की बात सुनकर ओम बोला साथियों इस साल हमारे पापा के पास क्रिसमस मनाने के लिए रुपये नहीं है। इसलिए हम क्रिसमस नहीं मनाएंगे।
इतना सुनते ही सारे बच्चे बोल पड़े हम सब मिलकर रुपयों का पूरा इंतजाम करेंगे। हम क्रिसमस ज़रुर मनाएंगे। सब बच्चों की बात सुनकर ओम, यीशु और बीनू बोल पड़े। क्रिसमस मनाने के लिए रुपये आएंगे कहां से?
हम सब आज ही से पॉकेट खर्च का पैसा बचाकर गोल्लक में जमा करेंगे। अभी तो क्रिसमस आने में तीस दिन बाकी है। तीस दिन में हम सब बहुत ज्यादा रुपया जमा कर लेंगे और धूमधाम से अपने अंकल के साथ क्रिसमस मनाएंगे।
क्रिसमस के दो दिन पहले बच्चों ने वर्मा अंकल के घर में केक टॉफी, बिस्कुट, मिठाईयां क्रिसमस ट्री झालर गुब्बारे मोमबत्तियां और लोहबान सबकुछ लाकर रख दिया।
क्रिसमस के दिन घर में ओम, यीशु, बीनू और मोहल्ले के सारे बच्चे क्रिसमस की सजावट में जुट गए।
घर में क्रिसमस मनाएं जाने की तैयारी को देखकर वर्मा अंकल मोहल्ले के सारे बच्चों से पूछ पड़े बताओ बच्चों क्रिसमस मानने के लिए तुम सब के पास इतने रुपये कहां से आएं? कहीं तुम सबने चोरी तो नहीं की।
वर्मा अंकल की बात सुनकर सारे बच्चे बोल पड़े अंकल जी हमें एक महीना पहले ओम, यीशु और बीनू से पता चल गया था कि इस साल आप रुपयों की वजह से क्रिसमस नहीं मनाएंगे। हम सब बच्चों ने अपना पॉकेट खर्च बचाकर ढेर सारा रुपया जमाकर लिया ताकि हम सब खूब धूमधाम से क्रिसमस मना सकें। अब तो आप हमारे साथ क्रिसमस मनाएंगे न?
बच्चों की बात सुनकर वर्मा अंकल के चेहरे पर छायी उदासी खुशी में बदल गयी। घर में ओम, यीशु और बीनू मोहल्ले के सारे बच्चों के साथ मिलकर क्रिसमस मनाने में जुट गया। पूरा घर हैप्पी क्रिसमस हैप्पी क्रिसमस के नारों से गूंज उठा। (सुमन सागर)