क्या लाल समुद्र सचमुच लाल है ?
लाल समुद्र दुनिया के तीसरे सबसे बड़े समुद्र भाव कि भारतीय महासागर का वह हिस्सा है जो कि एशिया महाद्वीप और अफ्रीका महाद्वीप के बीच आता है। इसकी लम्बाई 2250 किलोमीटर के करीब है और ज्यादा से ज्यादा चौड़ाई 355 किलोमीटर है। इसका ज्यादातर हिस्सा कम गहरे पानी वाला ही है, जहां कि बाकी समुद्रों का पानी कई किलोमीटरों तक गहरा हो सकता है, वहां इस समुद्र के पानी की गहराई तो सिर्फ कुछ ही मीटरों तक सीमित होकर रह जाती है। कई स्थानों पर तो यह 50 मीटर और कई स्थानों पर 100 मीटर गहरा है। इसके आस-पास के देशों के नाम हैं मिस्र, इज़रायल, जार्डन, सुडान, साऊदी अरब, यमन आदि। लाल समुद्र का पानी धरती के बाकी समुद्रों के पानी से अधिक खारा है जिसके कारण यहां तैरना काफी आसान है।
रंग : आम तौर पर इसके पानी का रंग नीला या नीला हरा होता है। इसमें ट्राईकोडेसमियम नाम की काई आम देखी जाती है। कई बार यह काई बहुत ज्यादा बढ़ जाती है, अपना जीवन चक्कर पूरा करने के उपरांत जब यह काई मर जाती है तो हल्की होने के कारण यह पानी के ऊपर तैरने लग जाती है। इस काई के लाल रंग के कारण ही समुद्र का रंग लाल नज़र आना शुरू हो जाता है। एक बात ओर कि इस समुद्र के निकट हैरी ऐडम नाम की लाल रंग की पहाड़ियां होने के कारण भी इस समुद्र को लाल समुद्र कहा जाता है।
लाल समुद्र की खास विशेषताएं : इसका पानी पूरा साल सामान्य ही रहता है और साथ ही साथ इसका पानी ज्यादा गहरा भी नहीं होता है जिस कारण यह तैरने वाले लोगों के लिए ज्यादा प्यारा स्थान बना रहता है। इसलिए यह विश्व के पर्यटकों के लिए आकर्षण का केन्द्र भी बना रहता है। दुनिया के ज्यादातर देशों के लिए यह लाल समुद्र व्यापार का सबसे अधिक उपयोग किए जाने वाला समुद्री रास्ता है। इस समुद्र में मूंगा जीवों की बेशुमार किस्में मिलती हैं। इस समुद्र की एक और विशेषता भी है कि इसमें डाल्फिन, समुद्री कछुए, डूगांग या समुद्री गऊ और मछलियों की अनेक प्रजातियां भी मिलती हैं।
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