सेहत के लिए फायदेमंद है मिट्टी के मटके का पानी

आयुर्वेद के मुताबिक पीने के लिए मिट्टी के मटके में रखा पानी सबसे अच्छा होता है। इसके कई सेहत संबंधी फायदे हैं। मसलन यह पेट में गैस, कब्ज और एसिडिटी जैसी समस्याओं को नियंत्रित करता है। साथ ही मिट्टी के घड़े में कई घंटों तक रखे गए पानी में विटामिन बी और सी भरपूर मात्रा में होती है, जोकि शरीर की इम्यूनिटी बढ़ाने के लिए ज़रूरी हैं। मटके का नियमित तौर पर पानी पीने से शरीर में आयरन की कमी भी पूरी हो जाती है। मटके का पानी जब हम पीते हैं तो हमें लू लगने की आशंका कम होती है, क्योंकि मटके के पानी में कई तरह के मिनरल्स और पर्याप्त पोषक तत्व होते हैं, जिस कारण ये सनस्ट्रोक को रोकता है और शरीर में पर्याप्त मात्रा में ग्लूकोज को बनाये रखता है।
मटके का पानी शरीर को ज्यादा समय तक हाइड्रेट रखता है, जिससे हमारी पाचन प्रक्रिया दुरुस्त रहती है। क्योंकि निरंतर मटके का पानी पीने से हमारे मेटाबॉलिज्म में सुधार होता है, इसकी वजह यह भी है कि मिट्टी के घड़े में रखा हुआ पानी हमारे शरीर के पीएच लेवल को संतुलित रखता है। मटके के पानी की एक और खासियत यह होती है कि यह शरीर को अच्छी तरह से डिटॉक्स करता है। इसके अंदर मौजूद पोषक तत्वों के चलते हमारे शरीर से बहुत आसानी से विषैले तत्व बाहर निकल जाते हैं। त्वचा रोग विशेषज्ञ लोगों को गर्मियाें में मटके का पानी पीने की सलाह देते हैं, क्योंकि इससे शरीर की त्वचा स्वस्थ और चमकदार बनी रहती है। वजह यही है कि इसमें विटामिन्स और मिनिरल्स काफी अच्छी मात्रा में मौजूद होते हैं।
चूंकि मिट्टी में एंटी इंफ्लेमेट्री तत्व पाये जाते हैं, इसलिए शरीर में होने वाले दर्द व सूजन को रोकने में इससे मदद मिलती है। कुछ शोधों से पता चला है कि मिट्टी का पानी-पीने से शरीर में टेस्टोस्टेरोन हार्मोन का स्तर बढ़ जाता है। चूंकि मटके का पानी बहुत ज्यादा ठंडा या बहुत ज्यादा गर्म नहीं होता, इसलिए यह पाचन के लिए आदर्श होता है। चूंकि मिट्टी के घड़े का नेचर क्षारीय होता है, इसलिए यह पानी के अम्लीय तत्वों को नॉर्मल करने का काम करता है। इसे पीने से शरीर का जो सामान्य पीएच लेवल 7.35 से 7.45 के बीच चाहिए होता है, वही रहता है। इस स्तर से अगर शरीर के पीएच लेवल में कमी या बढ़त होती है तो शरीर को इसके गंभीर परिणाम भुगतने होते हैं। यहां तक कि अगर शरीर का पीएच लेवल 6.9 से नीचे चला जाए तो व्यक्ति कोमा में भी जा सकता है।  जब हम नियमित तौरपर मटके का पानी पीते हैं तो यह हमारे शरीर के पीएच लेवल को मैंटेन रखता है। इस तरह देखा जाए तो मटके का पानी पीने के बहुत फायदे हैं। जबकि इसके विपरीत आरओ का पानी हमारे शरीर के लिए सेहत के नजरिये से सही नहीं होता, क्योंकि इसको फिल्टर करते समय शरीर के कई ज़रूरी पोषक तत्व खत्म हो जाते हैं। जबकि मिट्टी का मटका नेचुरल फिल्टर के रूप में काम करता है। मिट्टी का मटका इसलिए भी महत्वपूर्ण है, क्योंकि आयुर्वेद में जिन पांच तत्वों को शरीर के लिए जरूरी माना गया है, वो पांच तत्व इसमें मौजूद होते हैं। -इमेज रिफ्लेक्शन सेंटर 

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