परेशानियों से जकड़े हैं तो हंसिए क्योंकि हंसी एक जादू है!

आज अंतर्राष्ट्रीय हास्य दिवस पर विशेष

साल 1998 से मनाया जाने वाला यह अंतर्राष्ट्र्रीय हास्य दिवस कुछ गिने चुने अंतर्राष्ट्रीय दिवसों में से है, जिसका लोग महीनों से इंतजार करते हैं। हालांकि यह इंतजार तो एक बहाना होता है इसके पीछे छिपी असली बात यह है कि आज हंसी की महत्ता सर्वसिद्ध हो चुकी है। यही वजह है कि आज अंतर्राष्ट्रीय हास्य दिवस अपनी उपस्थिति से विश्व शांति और वैश्विक चेतना को बढ़ावा दे रहा है। यह दिन हम सबकी जिंदगी के तनाव को कम करता है, मूड को बेहतर करता है, जितनी भी हो सके जीवन को सकारात्मकता देता है। भला इस महंगाई के दौर में हंसी से ज्यादा फायदे का सौदा और क्या हो सकता है, जिसमें एक्सरसाइज भी हो, दवा भी हो और मेडिटेशन भी। हंसने से ये तीनों चीजें एक ही समय भरपूर और पूरी तरह से मुफ्त मिलती हैं। बावजूद इसके हंसना इतना आसान नहीं है, कुदरत की यह दौलत हर किसी को नहीं मिलती। 
साल 1998 में भारत के एक चिकित्सक डा. मदनलाल कटारिया ने अंतर्राष्ट्रीय हास्य दिवस की शुरुआत की थी। उनके मुताबिक यह अपने आपमें एक योग है, इसलिए हास्य को ‘लाफ्टर योगा’ माना जाता है। इस योग की मुहिम को लाफ्टर योगा मूवमेंट की संज्ञा दी गई है। हंसना अनगिनत तरीकों से साबित हो चुका है कि सेहत के लिए रामबाण है। हंसने से शरीर में खून बढ़ता है, हंसने से हमारे शरीर में एंडोर्फिन, डोपामिन और सेरोटोनिन जैसे हैपी हार्मोन्स रिलीज़ होते हैं। ये वही हार्मोन या रसायनिक स्राव हैं, जो हमारे दुखों, तकलीफों को चुटकी बजाकर गायब कर देते हैं और हम तरोताजा हो उठते हैं। ये हार्मोन हमारे मूड को बेहतर करते हैं, हमें हल्का-फुल्का महसूस कराते हैं। इसलिए वैज्ञानिक रूप से सिद्ध हो चुका है कि हंसी तनावनाशक है। यह तनाव हार्मोन जैसे कि कोर्टिसोल का खात्मा करता है। 
हंसना सिर्फ हमारे शरीर में अच्छा अनुभूत होने वाला रसायनिक परिवर्तन ही नहीं करता। यह हमें शारीरिक रूप से भी स्वस्थ करता है। हंसना एक कार्डियो एक्सरसाइज है। हंसने से हमारे दिल की धड़कनें तेज होती हैं, हंसी फेफड़ों तक ज्यादा ऑक्सीजन पहुंचाती है, एक अच्छी हंसी हमारे ब्लड प्रेशर को संतुलित रखती है। अमेरिकन हार्ट एसोसिएशन का मानना है कि 10-15 मिनट की रोजाना की हंसी हमारी 30 से 40 प्रतिशत तक दिल की बीमारी की आशंका कम कर देती है। हालांकि इसके साथ कुछ और कारक भी होते हैं, लेकिन दिल की सेहत के लिए हंसना बहुत महत्वपूर्ण है। क्योंकि हंसने से हमारा इम्यून सिस्टम भी मजबूत रहता है, शरीर की कोशिकाएं सक्रिय रहती हैं, एंटीबॉडीज का उत्पादन लगातार बढ़ता है और यह शरीर को बीमारियों से लड़ने में मजबूत बनाता है। लोमा लिंडा यूनिवर्सिटी के एक शोध में यह सिद्ध हुआ है कि जो लोग नियमित तौर पर हास्य वीडियो देखते हैं, वो परेशानियों से अच्छी तरह से निपट सकते हैं और उनके शरीर की इम्यून प्रतिक्रिया उन लोगों से बेहतर होती है, जो हमेशा गंभीर और तनाव की मुद्रा में रहते हैं।
दुनिया में पहली बार 10 मई 1998 को लाफ्टर योगा मूवमेंट के संस्थापक डॉ. मदन कटारिया की अगुवाई में दुनिया का पहला विश्व हास्य दिवस देश की वित्तीय राजधानी मुंबई में मनाया गया था। आज यह दुनिया के 72 से ज्यादा देशों में मनाया जाता है और इसके पीछे उद्देश्य गोला, बारूद और व्यापार युद्ध से झुलस रही दुनिया में भाईचारा और सद्भावना बढ़ाने की इच्छा है।
 इस हास्य योगा मुहिम के जरिये लोग आपस में खुशियां बांटना चाहते हैं; क्योंकि वह जानते हैं कि अगर उनकी तरह ही उनके आसपास रहने वाले लोग भी हंसेंगे तो खुश रहेंगे, खुश रहेंगे तो स्वस्थ रहेंगे, सकारात्मक रहेंगे और एक-दूसरे के काम आएंगे। यही वजह है कि आज भारत ही नहीं दुनिया के अनेक देशों में लोग पार्कों में मॉर्निंग वॉक करते हुए समूहबद्ध होकर हंसने, खिलखिलाने की खूब कोशिश करते हैं, भले उनकी इस कृत्रिम कोशिश को देखकर कई लोग नाक भौंह सिकोड़ें, लेकिन जानते वे भी हैं कि हंसना सेहत के लिए बहुत अच्छा है। इसीलिए हास्य दिवस की प्रासंगिकता और इसकी स्वास्थ्य संबंधी महत्ता दिन पर दिन बढ़ती जा रही है। 
हम सब इस बात से अवगत हैं कि हाल के सालों में जिस तरह से हमारी लाइफस्टाइल ज्यादा व्यस्त, ज्यादा आत्मकेंद्रित हुई है, उसी तरह से हम पर कई तरह के मानसिक अवसादों और विकारों ने हमला किया है। आप यकीन मानिये आज दुनिया में मानसिक स्वास्थ्य की सबसे असरदार और सबसे सटीक दवा हंसना ही है। पूरी दुनिया में डॉक्टर हास्य थैरेपी को मानसिक स्वास्थ्य के लिए सबसे कारगर दवा मानते हैं। यही वजह है कि अमेरिका से लेकर अफगानिस्तान तक के लोग, अब हंसने के महत्व को मानसिक स्वास्थ्य के आईने में देखते हैं। इसे ह्यूमर थैरेपी कहा जाता है और आज यह भारत में बड़े बड़े आश्रमों और कारपोरेट बैठकों का हिस्सा है, वहीं अमेरिका से लेकर यूरोप तक आज ह्यूमर थैरेपी या लाफ्टर क्लब 10 बिलियन डॉलर से बड़ा बिजनेस बन चुकी है। इसलिए अगर कोई कहे कि हंसने से क्या मिलता है, तो कहिए यह एक्सरसाइज है, मेडिसन है और मेडिटेशन भी है यानी थ्री इन वन है। जो हमें खुशी देती है और रोमांचित करती है। -इमेज रिफ्लेक्शन सेंटर 

#परेशानियों से जकड़े हैं तो हंसिए क्योंकि हंसी एक जादू है!