आइस एज क्या थी ?

‘दीदी, आज जब ग्लोबल वार्मिंग की बात होती है तो आइस एज का ज़िक्र भी छिड़ जाता है।’‘हां, आइस एज या हिम युग को कौन भूल सकता है, भले ही हमने उसे देखा न हो।’
‘लेकिन आइस एज क्या थी?’
‘आइस एज या हिम युग उस दौर को कहते हैं, जब इस पृथ्वी ग्रह के अधिकतर हिस्से पर बर्फ की मोटी चादर बिछ गई थी। आइस शीट्स या बर्फ की चादर उस समय बनती हैं, जब ऊंचे पहाड़ों और पोलर क्षेत्रों के ग्लेशियर आकार में विशाल हो जाते हैं। धीरे-धीरे, सैंकड़ों, हज़ारों वर्षों में ग्लेशियर विशाल हो जाते हैं।’
‘और इस तरह बर्फ की चादर ज़मीन को ढक लेती है।’
‘यह बात तो सही है, लेकिन तुम्हें सुनकर ताज्जुब होगा कि यह चादर 1,000 मी से भी अधिक मोटी हो सकती है।’
‘वाव! क्या अभी तक एक ही हिम युग हुआ है?’
‘पृथ्वी के लम्बे इतिहास में अनेक हिम युग हुए हैं। लेकिन आखिरी हिम युग को ही अक्सर हिम युग या आइस एज कहते हैं, जो लगभग 25,00,000 साल पहले शुरू हुआ था। इस आइस एज के दौरान चार बार बर्फ की विशाल चादरें ज़मीन पर फैलीं। चार बार वह पिघलकर वापस गईं।’
‘आखिरी चादर कब फैली थी?’
‘तकरीबन 18,000 साल पहले। उस समय उत्तरी अमरीका का बड़ा हिस्सा बर्फ से ढक गया था। बर्फ दक्षिण तक पहुंच गयी थी, जहां आज न्यूयॉर्क सिटी है। पृथ्वी के अधिकतर उत्तरी हिस्से बर्फ से ढक गये थे, लेकिन अमरीका जैसा बुरा हाल किसी का न था।’
‘कनाडा तो पूरा बर्फ से ढक गया होगा।’
‘हां। फिर बर्फ गायब होने लगी। कुछ हवा में सीधे भाप बन गई और कुछ पिघलकर पानी बन गई। लगभग 6,000 साल पहले उत्तर के क्षेत्र तकरीबन बर्फ मुक्त हो गये।’
‘बर्फ की चादर से तो पृथ्वी में बहुत बदलाव आ गये होंगे?’
‘हवा व समुद्र का तापमान गिर गया। रेगिस्तान हरे भरे हो गये। समुद्र का स्तर 100 मी से भी अधिक गिर गया क्योंकि पानी तो बर्फ बनकर ग्लेशियर में कैद हो गया था। अगली आइस एज के बारे में कुछ नहीं कहा जा सकता क्योंकि वैज्ञानिकों को अभी तक आइस एज होने के कारण मालूम नहीं हैं।’ -इमेज रिफ्लेक्शन सेंटर 

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