विजयी जश्न पर दुर्घटना का निर्मम साया

स्टेडियम में आई.पी.एल. के 18वें सत्र की विजेता टीम रॉयल चैलेंजर्स बैंग्लुरु द्वारा आयोजित किए गए जश्न में भगदड़ मचने से कुछ लोगों के मारे जाने से जहां लगभग डेढ़ महीना चले इस आयोजन के समापन पृष्ठों पर लाल लहू के छींटे गिरे हैं, वहीं कटु स्मृतियों की पीड़ा का एहसास भी इस आयोजन के साथ सदैव के लिए जुड़ गया है। इस दुखद घटना के दौरान अनेक अन्य लोग घायल भी हुए हैं। रॉयल चैलेंजर्स बैंग्लुरु ने यह जीत चूंकि विगत 18 वर्षों में पहली बार हासिल की थी, अत: क्रिकेट के किंग कहे जाने वाले विराट कोहली के निर्देशन वाली आर.सी.बी. के लिए, इसी कारण यह जीत बेहद ऐतिहासिक बन गई थी। अत: यह जश्न बनता ही था, किन्तु इस जश्न के ऐसे अंजाम ने देश के क्रिकेट इतिहास की पुस्तक में एक रक्त-रंजित पन्ना जोड़ दिया है जिस की कटु-स्मृतियां भविष्य में देर तक क्रिकेट-प्रेमियों को पीड़ा देती रहेंगी।
उल्लेखनीय है कि विश्व क्रिकेट इतिहास का एक सबसे बड़ा अजूबा और एक बेहद रोमांचक तमाशा आई.पी.एल. यानि इंडियन प्रीमियर लीग के फाईनल मैच में रॉयल चैलेंजर्स बैंग्लुरू द्वारा पंजाब किंग्स को छह रन से हरा देने के साथ एक दिन पूर्व ही खत्म हुआ था।  देश भर के 13 बड़े शहरों के क्रिकेट स्टेडियमों में आयोजित हुए कुल 74 मैचों वाली इस प्रतिस्पर्धा ने निरन्तर 42 दिन तक देश के करोड़ों लोगों को एक ओर जहां टैलीविज़न सैटों और मोबाइल फोनों से बांधे रखा, वहीं करोड़ों लोगों ने अति महंगी टिकटें खरीद कर, खचाखच भरे स्टेडियम में आधी-आधी रात तक बैठ कर मैचों का आनन्द उठाया था। भारतीय क्रिकेट नियंत्रण बोर्ड यानि बी.सी.सी.आई. द्वारा आयोजित विश्व की इस सबसे बड़ी स्पर्धा में इस वर्ष कुल दस टीमों ने भाग लिया। आई.पी.एल. विश्व का सर्वाधिक धनवान और खिलाड़ियों को धनी बनाने वाला आयोजन है। 
इस अजूबे की शुरुआत वर्ष 2008 में हुई थी, और मौजूदा आयोजन आई.पी.एल. का 18वां पायदान है। विश्व क्रिकेट में बीस ओवरों वाले मैचों की शुरुआत वर्ष 2002 में बैन्सन एंड हैजस कप की सम्पन्नता के बाद, क्रिकेटर एंड्रयू स्ट्रास के प्रयासों से हुई थी। क्रिकेट में आज भारत सबसे बड़ा आयोजक और प्रायोजक देश बन गया है। भारत की घनी आबादी और इस आबादी के क्रिकेट-प्रेम का ही यह परिणाम है कि अरबों-खरबों रुपये के खेल में बड़े से लेकर नवागंतुक छोटे खिलाड़ियों—सभी के वारे-न्यारे हो जाते हैं। 
क्रिकेट इतिहास के सर्वाधिक मकबूल और आनन्दित करने वाले प्रारूप, पांच दिवसीय टैस्ट मैचों के विपरीत पहले जब पचास-पचास ओवर वाले एक-दिवसीय और फिर 20-20 ओवर वाले टी-ट्वेंटी प्रारूपों का आयोजन शुरू हुआ, तो ऐसा लगा था कि कहीं ये फटाफट आयोजन टैस्ट क्रिकेट को जैसे नेस्त-ओ-नाबूद न कर दें, किन्तु यह शायद इस खेल का करिश्मा ही है कि टी-टवेंटी का जलवा तो बढ़ा ही, टैस्ट क्रिकेट का आकर्षण भी कहीं से कम नहीं हुआ।
अब तक हुए कुल 18 आई.पी.एल. आयोजनों में से पांच-पांच बार मुम्बई इंडियन्स और चेन्नई सुपर किंग्स की टीमें जीती हैं जबकि तीन बार कोलकाता नाईट राईडर्स और एक-एक बार राजस्थान रॉयल्स, डेक्कन चार्जर्स, सनराईज़र्स हैदराबाद, गुजरात टाईटन्स ने ट्राफी जीती है। इस बार के 18वें आयोजन में ए और बी दो ग्रुपों में पांच-पांच टीमें शामिल थीं।  क्वालीफाइर एक, दो और एलिमिनेटर तक चार टीमें बची थीं—पंजाब सुपर किंग्स, रॉयल चैलेंजर्स बैंग्लुरु, मुम्बई इंडियन्स और गुजरात टाईटन्स। इनमें से पंजाब एक क्वालीफायर हार जाने के बावजूद, एलिमिनेटर में मुम्बई इंडियन्स को हराकर फाईनल में पहुंच गई, किन्तु फाईनल में पंजाब किंग्स की नियति गच्चा दे गई, और ट्राफी की प्रबल दावेदार पंजाब की टीम पांच विकेट से आर.सी.बी. से हार गई। इस जीत को मनाने के लिए ही बैंग्लुरु के चिन्नास्वामी स्टेडियम में विजयी टीम के प्रशंसकों की ओर से इस जश्न का आयोजन किया गया था। 
नि:संदेह आर.सी.बी. की खुशियां धूमिल हुई हैं, किन्तु हम समझते हैं कि इस त्रासदी के बावजूद खेल की भावना आहत नहीं होनी चाहिए। ऐसे हादसे भविष्य में सतर्कता और चौकसी बनाये रखने का भी संकेत देते हैं। जश्न के दौर में भीड़ बढ़ गई, किन्तु जीत के उत्साह में इतने बड़े स्तर पर व्यवस्था नहीं की गई थी लिहाज़ा लापरवाही में यह हादसा हो गया। नि:संदेह खेल के जश्न पर यह एक निर्मम आघात है, किन्तु पूरे देश की संवेदनाएं इस घटना में हताहत होने वाले लोगों के साथ हैं।

#विजयी जश्न पर दुर्घटना का निर्मम साया