चारधाम यात्रा में बढ़ते हैलीकॉप्टर हादसे चिंता का विषय
उत्तराखंड में चारधाम मार्ग पर हैलीकॉप्टर सेवा दे रही कंपनी मुनाफे के लिए नियम कानून की अनदेखी कर श्रद्धालुओं की जान से खेल रहीं हैं। हेलीकॉप्टर हादसे या हेलीकॉप्टर को आपात स्थिति में उतारने की लगातार हो रही घटनाओं ने लोगों और प्रशासन की चिंताएं बढ़ा दी हैं। रविवार सुबह आर्यन एविएशन प्राइवेट लिमिटेड कंपनी का एक हेलीकॉप्टर केदारनाथ से गुप्तकाशी लौटते समय गौरीकुंड के ऊपर हादसे का शिकार हो गया। यह इस साल चारधाम यात्रा मार्ग पर हेलीकॉप्टर हादसे की पांचवीं घटना है। इस हादसे में हेलीकॉप्टर में सवार सभी पांच श्रद्धालुओं, एक पायलट और बद्रीनाथ केदारनाथ मंदिर समिति के एक प्रतिनिधि समेत सात लोगों की मृत्यु हो गयी।
केदरानाथ धाम की यात्रा पर जाने वाले तीर्थयात्री लंबी और कठिन पदयात्रा नहीं कर पाने की स्थिति में हेलीकॉप्टर की सेवा लेते हैं। साथ ही वरिष्ठ नागरिकों को भी इस सेवा से केदारनाथ धाम के दर्शन में सुविधा होती है। पिछले कुछ वर्षों में हेलीकॉप्टर की बुकिंग में भी काफी बढ़ोतरी देखने को मिली है। चार धाम यात्रा के दौरान यहां हेलीकॉप्टर लगातार उड़ान भरते रहते हैं। केदारनाथ धाम के लिए गुप्तकाशी, सिरसी व फाटा से हेलीकॉप्टर सेवा का संचालन होता है। वहीं इस यात्रा के दौरान अब तक पांच हादसे हो चुके हैं। रविवार को गौरीकुंड में हुए हादसे में सात लोगों की जान चली गई। आर्यन एविएशन प्राइवेट लिमिटेड कंपनी का एक हेलीकॉप्टर केदारनाथ से गुप्तकाशी लौटते समय गौरीकुंड के ऊपर हादसे का शिकार हो गया। यह इस साल चारधाम यात्रा मार्ग पर हेलीकॉप्टर हादसे की पांचवीं घटना है।
मृतकों में उत्तर प्रदेश और महाराष्ट्र के दो-दो, जबकि उत्तराखंड, गुजरात और राजस्थान के एक-एक यात्री शामिल हैं। हादसे के बाद मौके पर पहुंचे बचाव दल को शवों की पहचान में दिक्कतें आ रही हैंए क्योंकि वे बुरी तरह झुलस चुके हैंण् अधिकारियों ने बताया कि डीएनए जांच के बाद ही शव परिजनों को सौंपे जाएंगे। आपको अब बताते हैं कि हैं केदारनाथ धाम यात्रा के लिए हेलीकॉप्टर सेवाओं की क्या स्थिति है? केदारनाथ धाम के लिए गुप्तकाशी, फाटा और सिसिरी से हेलीकॉप्टर से उड़ान भरते हैं। फिलहाल यहां कुल 8 हेली कंपनियां सेवाएं दे रही है। इन कंपनियों के हेलीकॉप्टर के लिए कुल 9 हैलीपैड बनाए गए हैं। गुप्तकाशी : 2 हेलीकॉप्टर कंपनी सर्विस दे रही है। फाटा: 3 हेलीकॉप्टर कंपनी सर्विस दे रही है सिसरी : 3 हेलीकॉप्टर कंपनी सर्विस दे रही है।
आपको बता दें कि पिछले दो महीने से 1 दिन में यह सभी कंपनियां मिलकर औसतन 215 उड़ानें भर रही हैं। मौसम ठीक होने पर एक दिन में अधिकतम 290 उड़ानें भरी गई हैं। हेलीकॉप्टर में पायलट को मिलाकर अधिकतम 6 लोग बैठ सकते हैं। गौरीकुंड में जो हेलीकॉप्टर क्रैश हुआ उसमें 7 लोग थे क्योंकि एक 2 साल का बच्चा था जिसका वजन 10 किलो था इसीलिए कुल संख्या 7 थी। शुरुआती जांच के अनुसार खराब मौसम, घना कोहरा और तेज़ हवाएं दुर्घटना की वजह मानी जा रही हैं। इस हादसे से सिर्फ एक हफ्ता पहले केदारनाथ जा रहे केस्ट्रल एविएशन के एक हेलीकॉप्टर को सात जून को उड़ान भरने के तत्काल बाद एक तकनीकी समस्या के कारण सड़क पर आपात स्थिति में उतरना पड़ा था। हेलीकॉप्टर के आबादी के पास एक सड़क पर उतरने के कारण उसका ‘टेल रोटर’ वहां खड़ी एक कार के ऊपर काफी देर तक घूमता रहा जिसका वीडियो भी खूब वायरल हुआ था। हालांकि, घटना में केवल पायलट को ही चोटें आयीं और हेलीकॉप्टर में सवार पांचों श्रद्धालु सुरक्षित बच गए।
वहीं करीब एक माह पहले आठ मई को उत्तरकाशी ज़िले के गंगनानी में गंगोत्री धाम जा रहा निजी कंपनी का एक हेलीकॉप्टर दुर्घटनाग्रस्त हो गया था जिसमें पांच महिला श्रद्धालु समेत 6 लोगों की मौत हो गयी थी जबकि एक अन्य गंभीर रूप से घायल हुआ था। 12 मई को भी श्रद्धालुओं को लेकर बद्रीनाथ से सिरसी लौट रहे एक हेलीकॉप्टर को खराब दृश्यता के कारण उखीमठ में एक स्कूल के मैदान में आपात स्थिति उतरना पड़ा था। हालांकि, एक घंटे बाद मौसम सुधरने पर हेलीकॉप्टर ने पुन: उड़ान भर ली थी। 17 मई को एम्स ऋषिकेश की एक हेली एम्बुलेंस का पिछला हिस्सा क्षतिग्रस्त हो गया था जिसके कारण वह दुर्घटनाग्रस्त हो गया था। हालांकिए इसमें सवार तीनों व्यक्ति एक चिकित्सक, एक पायलट और एक मैडीकल स्टॉफ सदस्य सौभाग्यशाली रहे कि वे सुरक्षित बच गए।
यहां गौरतलब है कि उड्डयन नियामक संस्था डीजीसीए ने एक सप्ताह पहले उड़ानों की संख्या कम करने के निर्देश दिए थे। इस गाइडलाइंस के मुताबिक 1 घंटे में केवल दो उड़ानें ही भरी जाएंगी। अगर मौसम ठीक होता है तो एक घंटे में अधिकतम तीन उड़ानें भारी जा सकती हैं। हेलीकॉप्टर में फ्यूल का वजन और टेंपरेचर देख कर ही यात्रियों को बैठाया जा सकता है। यानी अगर फ्यूल कम है तो अधिकतम 6 लोग बैठेंगे। अगर 45 किलो का फ्यूल पूरा है तो यात्री कम बैठेंगे।
यह भी जान लें कि फाटा हेलीपैड से केदारनाथ की दूरी केवल 31 किमी है। हेलीकॉप्टर को यह दूरी तय करने में केवल 9 मिनट का समय लगता है। इस यात्रा के लिए एक तरफ का किराया 2500 रुपया लगता है। सिसरी हेलीपैड से केदारनाथ की दूरी केवल 23 किमी है। इस दूरी को तय करने में हेलीकॉप्टर को 11 मिनट लगता है। वहीं गुप्तकाशी हेलीपैड से केदारनाथ की दूरी 45 किमी है और हेलीकॉपटर को यहां पहुंचने में 15 मिनट का समय लगता है। इस रूट पर एक तरफ का किराया 3800 रुपया है। रोज़ाना करीब 1500 यात्री हेलीकॉप्टर से चारधाम के दर्शन करने के लिए जाते हैं। हेलीकॉप्टर हादसों की बढ़ती संख्या चिंता का विषय बन गई है। कड़े नियमों और सुरक्षा मानकों के साथ उड़ानों की समीक्षा की ज़रूरत है।