बच्चों को हिंसक बनने से रोकें
आधुनिक जीवन शैली और एकाकी जीवन प्रवृति, शांत स्वभाव वाले व्यक्ति को भी हिंसक बना सकती है। ऐसे ही वातावरण में जीते बच्चे भी हिंसक होते जा रहे हैं। बच्चों पर हिंसक फिल्में, कार्टून, माता-पिता का तनाव पूर्ण जीवन, दिनभर या अधिकांश समय अकेले रहने का घातक असर पड़ता है। अगर आप चाहते हैं कि बच्चा मृदु स्वभाव वाला रहे तो इन बातों पर ध्यान दें-
* बच्चों की गलती को मारपीट, धमका कर सुधारने की बजाय गलतियां न करने संबंधी प्रेम से समझाएं। * माता-पिता अपना तनाव या घरेलू छोटी-मोटी ज़रूरतों को बच्चों के सामने स्पष्ट न करें। * कुछ ऐसा वातावरण तैयार करें ताकि किसी क्षेत्र में असफलता मिलने पर वह हीन भावना से ग्रसित न हो बल्कि उसे आत्मविश्वास बढ़ाने वाला माहौल दें। * दूसरों के सामने बच्चों की बेइज्जती न करें। * अनैतिक कार्यों से बच्चों को दूर रखें। * कभी-कभी बच्चे दूसरे बच्चों की हरकतों को देखकर किसी वस्तु को छिपाना, झपटना जैसी हरकतों को अपना बैठते हैं। इन हरकतों के दुष्परिणाम को बच्चों को समझायें और इनसे दूर रहने की समझाइश दें। * अपने से बड़ों को मान सम्मान देना, उनकी बातों को मानना जैसे गुणों का विकास बच्चों में पैदा करें। * ओछी शिक्षा देने वाली फिल्में व किताबें न पढ़ें, न देखें वरना बच्चे लुक-छिपकर उन्हें देखने का प्रयास करेंगे। * अच्छी कहानियां यानी धार्मिक, महापुरूषों के शिक्षाप्रद दृष्टांत बच्चों को सुनायें। ऐसे ही साहित्य उन्हें पढ़ने को दें। * बच्चों से दोस्ताना रवैय्या रखें ताकि बच्चा अपनी समस्या आपके सामने खुलकर रख सके। कठोर अनुशासन में बच्चा उग्र होता है।* बात-बात पर बच्चों को आंख दिखाना और उन्हें किसी कार्य के प्रति रोकना ठीक नहीं है।* बच्चों के शौक अपनी क्षमतानुसार अवश्य पूर्ण करें। इससे वे खुश रहेंगे। (उर्वशी)