पाकिस्तान के उबलते पानी

पाकिस्तान के पानी एक बार फिर उबाले खा रहे हैं और उनका ताप अब पाकिस्तान के अपने किनारों को ही जलाने लग पड़ा है। वहां के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान अगस्त 2023 से जेल में बंद हैं, उन पर अनेक तरह के आरोप लगाए गए हैं। इस समय इमरान खान ही देश में बेहद चर्चित और लोकप्रिय नेता बने दिखाई देते हैं। उनकी पार्टी पाकिस्तान तहरीक-ए-इन्स़ाफ का वहां के कई क्षेत्रों में बड़ा प्रभाव बना दिखाई देता है। अ़फगानिस्तान के साथ लगते प्रांत ़खैबर पख्तूनख्वा में उनकी पार्टी की सरकार है, उन्होंने देश की राजधानी इस्लामाबाद में भी केन्द्रीय सत्ता को बड़ी चुनौती दे रखी है।
लगभग पिछले एक महीने से, रावलपिंडी की अडियाला जेल में बंद इमरान खान से किसी को भी मिलने नहीं दिया जा रहा, जिस कारण विगत दिवस अनेक तरह की अफवाहें फैल गई थीं। यहां तक कि उनकी मौत का समाचार भी प्रसारित होना शुरू हो गया था। इन अफवाहों के दौरान उनकी पार्टी के ़खैबर पख्तूनख्वा के मुख्यमंत्री सुहेल अफरीदी उनको जेल में मिलने गए थे परन्तु उन्हें भी मिलने नहीं दिया गया था और जिद्द करने पर उनके साथ दुर्व्यवहार किया गया था। इमरान खान की एक बहन डा. उज़मा ़खानम ने भी अपनी पार्टी को साथ लेकर बड़ा सार्वजनिक विरोध जताने के लिए कई स्थानों पर रैलियां की थीं। उज़मा ने भारत के एक टी.वी. चैनल को इंटरव्यू देते हुए पाकिस्तान की सरकार और विशेष रूप से सैन्य प्रमुख आसिम मुनीर पर आरोप लगाए थे कि वह देश की सत्ता पर काबिज़ होना चाहता है। इसलिए वह इमरान खान को अपना बड़ा विरोधी और दुश्मन मान रहा है। उज़मा की इस बात में सच्चाई है। विगत लम्बी अवधि से जनरल आसिम मुनीर अपने ढंग-तरीके से प्रधानमंत्री शहबाज़ शऱीफ की सरकार को कमज़ोर करके अपनी ताकत में लगातार वृद्धि करने के लिए यत्नशील है। विगत दिवस उसने भारी दबाव बना कर देश की संसद से संविधान में 27वां संशोधन पारित करवाया है, जिसके अनुसार फील्ड मार्शल आसिम मुनीर की शक्तियों में अथाह वृद्धि हो जाएगी। परमाणु हथियारों का नियंत्रण भी उसके पास ही होगा। इस संशोधन के अनुसार ही देश की सर्वोच्च अदालत सुप्रीम कोर्ट के साथ एक और संवैधानिक अदालत की स्थापना की भी स्वीकृति ले ली गई है, जिससे अभिप्राय यह है कि सुप्रीम कोर्ट की शक्तियां बेहद सीमित कर दी गई हैं। इस पर अब देश के प्रधानमंत्री और राष्ट्रपति के हस्ताक्षर होने शेष हैं। प्राप्त समाचारों के अनुसार शहबाज़ शऱीफ इस स्थिति से बचते हुए विदेशों के दौरे कर रहे हैं। वह कितनी देर तक इससे बच पाएंगे, अब यह देखना शेष होगा। जिस तरह के हालात पाकिस्तान में बन गए हैं, उनसे प्रतीत होता है कि एक बार फिर कज़र् में डूबा और ़गरीबी से त्रस्त यह देश सैन्य तानाशाही के मार्ग पर चल पड़ा है। 
ऐसी स्थिति जहां एक बार फिर पाकिस्तान के लोगों के लिए ़खतरे की घंटी की तरह है, वहीं भारत सहित विश्व भर के देशों के लिए भी यह चिंता का कारण है, क्योंकि आज पाकिस्तान इस्लामिक कट्टरपंथियों का गढ़ बना हुआ है, जिन्होंने एक तरह से यहां के प्रशासन के अतिरिक्त विश्व के अन्य देशों के लिए भी ़खतरा पैदा कर दिया है। पैदा हो रही ऐसी स्थिति में भारत को प्रत्येक पक्ष से बेहद सचेत होने की ज़रूरत होगी, क्योंकि पाकिस्तान भारत के प्रति अपने नापाक इरादों से बाज़ नहीं आ रहा।
विगत दिवस श्रीनगर में सीमा सुरक्षा बल के इंस्पैक्टर जनरल अशोक यादव ने स्पष्ट रूप से कहा है कि पाकिस्तान की भारत के साथ लगती सीमाओं पर आतंकवादियों ने पुन: इकट्ठा होना शुरू कर दिया है। बनाए इन ठिकानों से वह किसी न किसी तरह फिर घुसपैठ करवाने के अवसर तलाश करेगा ताकि वह भारत को अस्थिर करने की अपनी नीति के तहत भारत में अपनी हिंसक गतिविधियों को अंजाम दे सके। इस घटनाक्रम से स्पष्ट होता है कि प्रत्येक पक्ष से उजड़ रहे पाकिस्तान के भारत के साथ शीघ्र संबंध ठीक होने की सम्भावना नहीं।

—बरजिन्दर सिंह हमदर्द

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