आकाश की उड़ान
भारत सही अर्थों में ‘भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संस्था’ (इसरो) की उपलब्धियों पर गर्व कर सकता है, जिसने देश को अंतरिक्ष अनुसंधान क्षेत्र में अन्तर्राष्ट्रीय पहचान दिलाई है। इसकी शुरुआत प्रथम प्रधानमंत्री पंडित जवाहर लाल नेहरू के उत्साह से उस समय के प्रसिद्ध अंतरिक्ष वैज्ञानिक विक्रम अंबालाल साराभाई ने की थी। उसके बाद इस संस्था ने अंतरिक्ष के क्षेत्र में बड़ी उपलब्धियां प्राप्त की हैं। नए से नए अनुसंधान करके इस क्षेत्र द्वारा भारत को ही नहीं अपितु धरती के बड़े भाग को अंतरिक्ष युग के साथ जोड़ कर इसका मानचित्र बदल देने में इसने अपना अहम योगदान डाला है।
आज के युग में उप-ग्रहों की तकनीक से धरती पर रहने वाले लोगों को संचार के क्षेत्र में बड़ी सुविधाएं मिली हैं। नए अनुसंधानों ने विश्व के रंग-ढंग ही दल दिए हैं। इस संबंध में, भारत में इसरो का योगदान बेहद महत्त्वपूर्ण है। अंतरिक्ष क्षेत्र में इसरो की उपलब्धियों से अनेक शानदार अध्याय जुड़े हैं। भारत का आगामी वर्षों में गगनयान मिशन भी जारी है, जिसके सफल होने संबंधी पूरी सम्भावना बनी दिखाई देती है। विगत दिवस आंध्र प्रदेश स्थित श्रीहरिकोटा अंतरिक्ष केन्द्र से एक अमरीकी संचार उपग्रह अभिप्राय ‘ब्लूबर्ड ब्लॉक-2’ को भारतीय प्रक्षेपण यान एल.वी.एम.-3 एम-6 जिसे छोटा नाम ‘बाहुबली’ दिया है, ने 15 मिनट की यात्रा से उसकी निर्धारित कक्षा पर पहुंचा दिया है। यह संचार उप-ग्रह बेहद भारी 6100 किलोग्राम वज़न का था, जिसे उसकी निर्धारित कक्षा में सफलतापूर्वक स्थापित करना अपने-आप में एक चुनौती थी। भारतीय उपग्रह ‘बाहुबली’ के ज़रिये इस सफल प्रक्षेपण ने जहां भारतीय अंतरिक्ष मिशन में नया उत्साह भरा है, वहीं इसरो का भी मान-सम्मान बढ़ा है और इसकी भविष्य की योजनाओं के सफल होने की बड़ी उम्मीद पैदा हुई है। इस प्रक्षेपण यान द्वारा चांद पर पहुंचने का लक्ष्य भी सुनिश्चित माना जाने लगा है। इस मिशन से जुड़ी बड़ी उपलब्धि यह भी है कि अमरीका के ‘ब्लूबर्ड ब्लॉक-2’ उपग्रह को उसकी निर्धारित कक्षा में सफलतापूर्वक प्रक्षेपण से इसरो की न्यू स्पेस इंडिया लिमिटड की वाणिज्यिक इकाई ने अपनी व्यापारिक छवि में भारी वृद्धि कर ली है। अमरीका की ए.एस.टी. स्पेस मोबाइल कम्पनी के साथ इसरो का व्यापारिक समझौता हुआ था। ऐसी शुरुआत से भविष्य में अरबों डॉलर के व्यापार की सम्भावनाएं भी बन गई हैं, जिससे भारतीय अंतरिक्ष मिशन आसमान की ऊंचाइयों के गहरे रहस्यों को खोजने में सफल हो सकेगा। अंतरिक्ष में स्थापित किए गए इस उपग्रह द्वारा मोबाइल कनैक्टिविटी अधिक मज़बूत होगी। इससे प्रत्येक व्यक्ति को हर स्थान पर बिना मोबाइल टॉवर से दूर-दराज क्षेत्रों में भी नैटवर्क मिलेगा, जिससे 4जी-5जी वॉयस और टैक्सट मैसेज़, स्ट्रीमिंग कॉल और डेटा की अन्य और अधिक सुविधाएं मिल सकेंगी। इस उपग्रह से सीधे स्मार्ट फोन पर और हाई स्पीड सैलुलर ब्रॉडब्रैंड की सेवाएं भी बखूबी ली जा सकेंगी।
इसरो के चेयरमैन वी. नारायाणन ने इसरो की वाणिज्यिक शाखा न्यू स्पेस इंडिया पर अमरीकी ए.एस.टी. स्पेस मोबाइल की इस शानदार उपलब्धि पर शुभकामनाएं दी हैं। ‘बाहुबली’ राकेट ने चंद्रयान-2 और चंद्रयान-3 मिशन के साथ-साथ 8 और अंतरिक्ष मिशनों में अपना शानदार योगदान डाला है। हम उम्मीद करते हैं कि वह दिन दूर नहीं जब देश की इन उपलब्धियों के संबंध में कहा जाने लगेगा कि :
‘सितारों के आगे जहां और भी हैं,
अभी इश्क के इम्तिहां और भी हैं।’
—बरजिन्दर सिंह हमदर्द

