विरासती विभाग कर रहा विरासत को शर्मसार


अमृतसर, 20 फरवरी (सुरेन्द्र कोछड़) : शेर-ए-पंजाब महाराजा रणजीत सिंह द्वारा बनवाए गए अमृतसर के ऐतिहासिक दरवाज़ों को गिराकर उनके स्थान पर अंग्रेज़ी सरकार के समय बनाए गए नए दरवाज़े पंजाब सरकार के विरासती विभाग और ज़िला प्रशासन की अनदेखी का शिकार बन रहे शहर के ज्यादातर दरवाज़े मौजूदा समय में आलोप हो चुके हैं और बाकी बचे दरवाज़ों की हालत विरासती स्मारकों की देखरेख से संबंधित विभागों द्वारा किए जा रहे विकास कार्यों की पोल खोलने के लिए काफी हैं। वर्णनीय है कि शहर का दरवाज़ा लोहगढ़, भगतां वाला दरवाज़ा, दरवाज़ा गिल वाली, शेरां वाला गेट, बेरी गेट, सिकंदरी दरवाज़ा, दरवाज़ा घी मंडी और दरवाज़ा महासिंहपुरी पूरी तरह आलोप हो चुके हैं, जबकि लाहौरी दरवाज़े के पर लगे बोर्ड तेज़ हवाओं और बारिश के चलते पिछले कई महीनों से हवा में लटक रहे हैं और दरवाज़ा सुल्तानविंड पर लगाया गया गेट के नाम वाला होर्डिंग फट चुका है। इस होर्डिंग के नीचे पंजाब पर्यटन विभाग द्वारा अंग्रेज़ी में लिखकर लगाए गए दरवाज़े के नाम वाले बोर्ड की भी हालत दयनीय बनी हुई है। वर्णनीय है कि उपरोक्त प्रमुख रास्तों से रोज़ाना हज़ारों की संख्या में राहगीर, टूरिस्ट और इलाका निवासी निकलते हैं और प्रशासन व विरासती स्मारक से संबंधित विभाग को उपरोक्त प्रवेश रास्तों की मौजूदा हालत संबंधी जानकारी होने के बावजूद इनके सुधार संबंधी कोई कार्रवाई नहीं की जा रही है।