12वीं के बाद साईंस के छात्रों के लिए करियर

इसमें कोई दो राय नहीं है कि विज्ञान हमेशा करियर के लिहाज से सुरक्षित विषय रहा है। लेकिन आमतौर पर विज्ञान के छात्रों के लिए कॅरिअर के नाम पर लोगों के दिमाग में वही डॉक्टर, इंजीनियर आते हैं। नि:संदेह आज भी डॉक्टरी और इंजीनियरिंग एक प्रतिष्ठित कॅरिअर हैं। लेकिन ये दोनों इतना आम हो चुके हैं कि जहां इनमें जबरदस्त प्रतिस्पर्धा पैदा हो गई है, वहीं इन क्षेत्रों का अब समाज में वह रूतबा नहीं रह गया जो दो-तीन दशक पहले हुआ करता था।  सवाल है आखिर 12वीं के बाद विज्ञान के छात्रों के लिए कौन से ऐसे करियर हैं, जो उन्हें शानदार तरक्की भी देते हैं, समाज में भरपूर प्रतिष्ठा भी देते हैं और आने वाले वक्त के लिहाज से ये बेहद आधुनिक और फ्यूचरिस्टक भी हैं। यहां हम 12वीं के बाद संभव कुछ ऐसे ही करियर्र्स की बात करेंगे। वाटर साईंस : यह बात किसी से छिपी नहीं है कि पानी दिनोंदिन धरती का सबसे महत्वपूर्ण संसाधन बनने की दिशा में अग्रसर है। जहां एक तरफ  पूरी दुनिया में पीने का पानी लगातार चिंता का विषय बनता जा रहा है, वहीं इसे लेकर हजारों तरह की तकनीकों का विकास भी हो रहा है ताकि दुनिया में बड़े पैमाने में मौजूद खारे पानी को पीने के लायक बनाया जा सके। इसके अलावा पानी भविष्य में ऊर्जा का सबसे बड़ा स्रोत होगा इसलिए भी पानी पर पूरी दुनिया अरबों डॉलर खर्च कर रही है।  वाटर साईंस में पानी से संबंधित तमाम विषयों की पढ़ाई होती है और ये सभी विषय भविष्य के महत्वपूर्ण करियर क्षेत्रों से जुड़ाव रखते हैं। वाटर साईंस जो कि जल से जुड़ा विज्ञान है, इसमें हाइड्रोमिटियोरोलाजी, हाइड्रोइंफॉर्मेटिक्स, हाइड्रोजियोलॉजी, वाटर क्वालिटी मैनेजमेंट और ड्रेनिज बेसिन मैनेजमेंट जैसे विषयों की पढ़ाई होती है। चूंकि पर्यावरण दिनोंदिन बिगड़ रहा है और जलवायु परिवर्तन ने पूरी दुनिया में प्राकृतिक आपदाओं की संख्या बढ़ा दी है। इस वजह से भी यह विषय आने वाले दिनों में नौकरी देने वाले सबसे महत्वपूर्ण विषयों में से एक होगा। माइक्रो-बायोलॉजी : माइक्रो-बायोलॉजी का डंका एक दशक से भी ज्यादा समय से बज रहा है और अभी दो दशकों तक इसके बजने के पूरे चांस हैं। क्योंकि फूड टेक्नोलॉजी और फार्मास्यूटिकल क्षेत्र में लगातार विकास हो रहा है और ये दोनों क्षेत्र जीवन को बेहतर बनाने की कोशिशों से जुड़े हैं, अत: इनकी रफ्तार धीमी नहीं पड़ने वाली। माइक्रो-बायोलॉजी के क्षेत्र में जाने के लिए बीएससी इन माइक्रो-बायोलॉजी का पाठ्यक्रम सबसे मफीद है। अगर यह संभव न हो तो बीएससी इन लाइफ साइंस भी की जा सकती है। नैनो टेक्नोलॉजी : नैनो टेक्नोलॉजी भी बहुत धूम धड़ाके से पिछले एक दशक से मौजूद है और सही मायनों में अब इसके जलवे दिखने शुरू हो गये हैं। माना जा रहा है 2018-19 के वित्त वर्ष में नैनो टेक्नोलॉजी क्षेत्र का ग्लोबल टर्नओवर 4 ट्रिलियन डॉलर तक पहुंच जायेगा। अगर दुनिया के पैमाने पर देखें तो अगले 5 सालों में 10 लाख से ज्यादा नैनो टेक्नोलॉजिस्ट या प्रोफेशनलों की दरकार होगी। इन सब संभावनाओं को देखते हुए 12वीं के बाद अगर नैनो टेक्नोलॉजी में बीएससी या बीटेक किया जाए तो करियर को पंख लगाये जा सकते हैं। स्पेस साइंस : कहते हैं धरती पर इंसान ने बहुत विकास कर लिया, अब विकास का अगला चरण अंतरिक्ष में पूरा होगा, जिसके लिए स्पेस साईंस बुनियादी आधार मुहैय्या करता है। अगले 5 सालों के भीतर बड़े पैमाने पर स्पेस टूरिज्म भी शुरू होने जा रहा है तथा बहुत सारे उत्पादनों के लिए अंतरिक्ष में यूनिट लगाए जाने की बातें हो रही हैं। हो सकता है जितनी उम्मीदें की जा रही हों, वक्त इससे कुछ ज्यादा लगे लेकिन यह पूरे विश्वास के साथ कहा जा सकता है कि भविष्य में स्पेस साईंस शानदार करियर की गारंटी होगी। लब्बोलुआब यह कि अगर स्पेस साइंस में बीएससी या बीटेक किया जाये तो नौकरी की करीब-करीब गारंटी है।

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-नरेंद्र कुमार