खैहरा के पार्टी छोड़ने के साथ विधानसभा में ‘आप’ की स्थिति पर चर्चा आरम्भ

जालन्धर, 6 जनवरी (मेजर सिंह): सुखपाल सिंह खैहरा द्वारा ‘आप’ की प्राथमिक सदस्यता से त्याग पत्र देने के साथ उनके विधायक एवं विधानसभा में विपक्ष के नेता पद को लेकर चर्चा शुरू हो गई है। पता चला है कि खैहरा व उनके साथी 8 जनवरी को नई पार्टी का ऐलान कर रहे हैं।  सूत्रों के अनुसार नई पार्टी का ऐलान करने के समय जैतो विस क्षेत्र के विधायक बलदेव सिंह जैतो, भी उनके साथ मंच पर उपस्थित होंगे जबकि उनके अन्य साथी विधायक स्त्रोतों में शामिल होंगे। कानूनी विशेषों का कहना है कि खैहरा के पार्टी छोड़ने के साथ दल बदली विरोधी कानून के तहत उनका विधायक पद अपने-आप ही समाप्त नहीं होगा, बल्कि पहले ‘आप’ के अध्यक्ष विधानसभा के स्पीकर को अधिकारित तौर पर लिखकर भेजेंगे कि खैहरा पार्टी छोड़ चुके हैं तथा उन्हें पद से खारिज किया जाए। इसके उपरांत विस स्पीकर खैहरा को बुलाकर उनका पक्ष सुनेंगे तथा इसके उपरांत कोई फैसला लिया जाएगा। परंतु ‘आप’ को खैहरा की शिकायत करनी, विधानसभा में से विपक्ष के नेता का पद भी गंवाने का खतरा उत्पन्न कर सकती है। एच.एस. फूलका के त्याग पत्र के बाद ‘आप’ विधायकों की संख्या 19 रह गई है तथा बैंस भाई (दोनों विधायक)  पहले ही अलग होने का ऐलान कर चुके हैं। खैहरा एवं बलदेव सिंह के विरुद्ध कार्रवाई  के साथ ‘आप’ के विधयकों की संख्या कम होकर अब 17 रह जाएगी जबकि अकाली-भाजपा  के विधायक दल के सदस्यों की संख्या भी 17 ही है, जिनमें 3 विधायक भाजपा एवं 14 विधायक अकाली दल के हैं। इस तरह ‘आप’ के विधायक कम होने की सूरत में विस में विपक्ष का पद ‘आप’ किसी भी समय गंवा सकती है। राजनीतिक क्षेत्रों में चर्चा है कि दिल्ली में केजरीवाल द्वारा कांग्रेस के साथ समझौते से पार्टी का पंजाब यूनिट पहले ही बेहद खफा है और केजरीवाल द्वारा खैहरा के खिलाफ कार्रवाई करने के लिए पत्र लिखकर विपक्ष का पद गंवाने को खतरा उठाने के लिए पंजाब के नेता कभी भी तैयार नहीं होंगे। ऐसी स्थिति में खैहरा के विरुद्ध कार्रवाई का मामला काफी समय तक लटक सकता है जैसे कि फूलका का इस्तीफा अभी तक लटका हुआ है।