आर्ट्स विषयों में कॅरियर की संभावनाएं

हिन्दुस्तान में हर चीज एक ढर्रे पर चलती है। हर चीज की एक हवा होती है। फिर चाहे वह कोई धारणा हो, आस्था हो, विचार हो या करियर के चयन की बात ही क्यों न हो? देश के कुल छात्रों में से एक चौथाई से भी ज्यादा, करीब 24 फीसदी इंजीनियरिंग और करीब 10 प्रतिशत आई टी सेक्टर को चुनना चाहते हैं। यह छात्रों की गलती नहीं है। दरअसल हमने एक ऐसा माहौल बना दिया है, जिसमें लगता है कि जिसने विज्ञान नहीं पढ़ी, उसका कोई भविष्य ही नहीं है। शायद यही कारण है कि हमारे छात्र विज्ञान के इतर तमाम दूसरे करियर विकल्पों को जानते ही नहीं हैं। यही कारण है कि जिन छात्रों ने आर्ट्स विषयों से पढ़ाई की होती है वे करियर की दौड़ में शामिल होने के पहले ही हीनभावना का शिकार हो जाते हैं। वे पहले से ही मान लेते हैं कि उनके लिए करियर के ऑप्शन बहुत ज्यादा नहीं हैं। जबकि हकीकत यह नहीं है। सच तो यह है कि कुछ मामलों में बल्कि सच्चाई उल्टी है। आर्ट्स विषयों के साथ पढ़ाई करने वालों के लिए न केवल बहुत सारे करियर विकल्प मौजूद हैं बल्कि इन विषयों में, साइंस के मुकाबले कहीं ज्यादा तेजी से नए करियर विकसित हो रहे हैं। अगर आप आर्ट्स विषय के छात्र हैं तो अपने दिलो-दिमाग से यह हीनभावना निकाल दीजिये कि आपके लिए तो बाजार में जॉब्स ही नहीं हैं जबकि साइंस के छात्रों के लिए करियर की भरमार है। अगर आपने 12वीं आर्ट्स विषयों से पास की है या पास करने जा रहे हैं तो जान लीजिये कि आपके लिए भी करियर क्षेत्रों की भरमार है। यह अतिश्योक्ति नहीं होगी अगर कहा जाए कि साइंस के छात्रों के मुकाबले कहीं ज्यादा हैं। गौरतलब है कि आर्ट्स विषयों के तहत ज्योग्राफी, हिस्ट्री, लिटरेचर, सोशियोलोजी, इकोनोमिक्स, पोलिटिकल साइंस जैसे विषयों की विस्तार से पढ़ाई की जाती है। इन सभी विषयों में पढ़ाई करने वालों को अच्छी सैलरी वाली नौकरी आसानी से मिल जाती है।
आर्ट्स विषयों के साथ पढ़ाई करने वाले छात्र कालेज स्तर पर बी.ए. यानि बैचलर ऑफ  आर्ट्स डिग्री हासिल कर सकते हैं। तीन साल के इस डिग्री कोर्स के बाद आप सबसे पसंदीदा दो साल का बीएड कोर्स कर सकते है। अगर आपकी अध्यापन के क्षेत्र में रूचि नहीं है तो आपके पास भारतीय सिविल सेवा प्रवेश परीक्षा, डिफेंस और अन्य क्षेत्र की प्रवेश परीक्षा देने नौकरी के लिए आवेदन करने के विकल्प होते हैं। अगर इन दोनों पारंपरिक क्षेत्रों की तरफ  आपका झुकाव नहीं है तो आप 12वीं के बाद इवेंट मैनेजमेंट का कोर्स कर सकते हैं। 12वीं के बाद आर्ट्स विषय के छात्र फैशन डिजाइनिंग के क्षेत्र में भी जा सकते हैं। कहने का मतलब वे बैचलर ऑफ डिजाइन इन कम्युनिकेशन का कोर्स कर सकते हैं। इसकी अवधि 4 साल की होती है। इसमें प्रवेश के लिए एंट्रेंस परीक्षा और साक्षात्कार क्वालीफाई करना जरूरी है। फैशन डिजाइनर कोर्स की पहली शर्त यह है कि आप इस क्षेत्र में तभी जाएं जब ईमानदारी से यह तय कर लें कि आपके अंदर इस क्षेत्र के लिए जरूरी रचनात्मकता योग्यता है। इस कोर्स के बाद आपको नौकरी की समस्या नहीं रहेगी क्योंकि फैशन डिजाइन के क्षेत्र में नौकरियों की भरमार है। होटल मेनेजमेंट यानि बैचेलर ऑफ  होटल मैनेजमेंट। आर्ट्स विषयों से 12वीं तक की पढ़ाई करने वाले छात्रों के लिए नौकरी के लिहाज से यह एक और शानदार क्षेत्र है। होटल मैनेजमेंट और कैटरिंग के फील्ड में जबर्दस्त करियर संभावनाएं हैं। पत्रकारिता जी, हां! सोशल मीडिया के इस युग में पारंपरिक पत्रकारों की न केवल मांग मौजूद है बल्कि बढी है। अगर आपने 12 वीं आर्ट्स विषयों के साथ पढ़ाई की है तो पत्रकारिता में भी आपके लिए बहुत संभावनाएं हैं बशर्ते आपकी भाषा में अच्छी पकड़ हो। इन तमाम क्षेत्रों से आर्ट्स विषयों के लिए उपलब्ध करियर के संभावित क्षेत्र खत्म नहीं हो जाते बल्कि सच्चाई तो यह है कि अभी तक हमने 10 प्रतिशत का भी जिक्र नहीं किया। ऊपर जिन क्षेत्रों का उल्लेख किया गया है उनके अलावा-टूरिज्म, सोशलवर्क, ज्वैलरी डिजाइनिंग, आर्किटेक्ट, वकालत, तमाम तरह की शैक्षिक सेवाओं के साथ साथ सेना, पुलिस और तमाम दूसरे क्षेत्रों में भी आर्ट्स विषयों से पढ़ने वाले छात्रों के लिए करियर के भरपूर स्कोप होते हैं।

—कीर्तिशेखर