सत्ता और संगठन में खत्म होना चाहिए ताजपोशी का इंतज़ार

भाजपा सरकार और संगठन में ताजपोशी के लिए दावेदारों में लंबे समय से जद्दोजहद चल रही है। भाजपा में प्रदेशाध्यक्ष पद तो सरकार में मंत्री पद को लेकर पार्टी नेताओं और विधायकों के द्वारा लॉबिंग की जा रही है। सत्ता और संगठन में ताजपोशी को लेकर प्रदेश से लेकर दिल्ली हाईकमान तक दावेदारी जताई जा रही है लेकिन लंबे इंतजार के बाद अब दावेदार भी निराश होने लगे हैं। मंत्रिमंडल में तीन पद रिक्त हैं लेकिन मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर मंत्रिमंडल विस्तार का निर्णय ही नहीं ले पा रहे हैं। मीडिया के साथ-साथ मंत्री पद के दावेदारों को मुख्यमंत्री लंबे समय से यही जवाब दे रहे हैं कि विस्तार जल्द ही होगा, जिसे सुन-सुन कर अब मंत्री पद के दावेदारों का सब्र जवाब देने लग गया है। भाजपा के प्रदेशाध्यक्ष पद की तैनाती और मंत्रिमंडल विस्तार इसी सप्ताह होने की चर्चाएं गर्म थीं। प्रदेशाध्यक्ष पद की दावेदार इंदु गोस्वामी भी तीन दिन तक शिमला में थीं और मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर से दो बार मुलाकात कर अब वापस लौट गई हैं। वहीं मंत्री पद के प्रमुख दावेदार राकेश पठानिया भी दस दिन शिमला में रहकर वापस नूरपुर चले गए। सभी दावेदारों को उम्मीद थी कि जल्द ही शपथ ग्रहण समारोह होगा लेकिन मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर के निर्णय न ले पाने के कारण नहीं हो सका। चर्चा यह है कि पार्टी प्रदेशाध्यक्ष और मंत्री पद के लिए भाजपा नेताओं के बीच सहमति नहीं बन पाने के कारण ही ताजपोशी टल रही है। परदे के पीछे पार्टी नेताओं के बीच भारी विरोधाभास होने, और सहमति न बन पाना भी एक कारण है। यह विरोध रमेश ध्वाला के बयानों के माध्यम से मीडिया में सार्वजनिक भी हुआ। अब अगर जल्द ही पार्टी प्रदेशाध्यक्ष के पद और मंत्रिमंडल में विस्तार नहीं होता तो यह विरोध और भी बढ़ सकता है, जिसे ध्यान में रखकर सत्ता और संगठन में ताजपोशी का निर्णय जल्द लेने की आवश्यकता है। 
कांग्रेस में भी छिड़ी कुर्सी की लड़ाई
कांग्रेसी नेताओं के बीच भी कुर्सी की लड़ाई शुरू हो गई है। गत विधानसभा चुनाव हारने के बाद से ही पार्टी में प्रदेशाध्यक्ष को लेकर घमासान जारी है जो अब तेज हो गया है। लगभग दो वर्ष पूर्व प्रदेशाध्यक्ष पद पर कुलदीप राठौर की ताजपोशी को लेकर विरोध शुरू हो गया था। पार्टी के पूर्व प्रदेशाध्यक्ष सुखविंदर सिंह सुक्खू के समर्थक कुलदीप राठौर का पर्देे के पीछे विरोध करते रहे और हाईकमान के समक्ष राठौर को हटाने की मांग भी करते रहे। सुक्खू का यह मानना है कि वर्तमान में विधानसभा में विपक्ष के नेता मुकेश अग्निहोत्री को प्रदेशाध्यक्ष की कमान सौंपी जाए और सुक्खू स्वयं विपक्ष का नेता बनना चाह रहे थे। सुक्खू ने अपनी यह इच्छा मीडिया के सामने भी जाहिर की थी। अब मंडी जिला के कांग्रेस नेताओं ने कौल सिंह ठाकुर को प्रदेशाध्यक्ष बनाने की मांग उठा दी है। इससे पहले भी प्रदेशाध्यक्ष कुलदीप सिंह राठौर को हटाकर नयनादेवी के विधायक राम लाल ठाकुर के प्रदेशाध्यक्ष बनने की चर्चाएं हुई थीं वहीं पूर्व मंत्री सुधीर शर्मा के भी प्रदेशाध्यक्ष बनने की चर्चाएं हैं। 
पर्यटकों के लिए प्रवेश द्वार का खोला जाना 
कोरोना संकट के बीच सरकार ने पर्यटन उद्योग को राहत देने का निर्णय लिया और शर्तों के साथ प्रदेश में पर्यटकों के प्रवेश की अनुमति दे दी। कोरोना के डर से भयभीत प्रदेश की जनता सरकार के इस निर्णय का विरोध कर रही है। जनता का विरोध उचित भी नजर आ रहा है। जनता का मानना है कि पर्यटकों के आने से प्रदेश में कोरोना फैलने का खतरा है। सरकार के निर्णय के अनुसार पर्यटकों को अपनी कोरोना रिपोर्ट दिखानी होगी तथा नेगेटिव होने पर ही प्रदेश में प्रवेश मिलेगा। एक सप्ताह में ही दर्जनों ऐसे मामले आ गए हैं जिनमें पर्यटक फर्जी कोरोना रिपोर्ट दिखाकर हिमाचल में प्रवेश कर गए हैं जोकि प्रदेश के लिए खतरा साबित हो सकते हैं। प्रदेश में अभी तक कोरोना के सबसे अधिक मामले बाहर से प्रदेश में आने वाले लोगों के ही निकले हैं। हिमाचल के लोग नहीं चाहते कि सरकार पर्यटकों के लिए प्रवेश की अनुमति न दे। 
बस किराए में वृद्धि से पहले ही विरोध शुरू 
प्रदेश सरकार के बस किराया में 25 फीसदी बढ़ौतरी के फैसले से पहले ही इसका चौतरफा विरोध शुरू हो गया है।  राजनीतिक दलों के साथ-साथ समाज का हर वर्ग सरकार के इस प्रस्तावित फैसले पर सवाल उठाने लग गया है। उनका तर्क है कि एक ओर कोरोना संकट काल में निजी क्षेत्र में लोगों की नौकरियां चली गई हैं तथा लोग रोजगार की तलाश में भटक रहे हैं। वहीं दूसरी ओर बस किराये में  बढ़ौतरी से लोगों की जेब पर अतिरिक्त बोझ पड़ेगा। सरकारी क्षेत्र को छोड़ दिया जाए तो लगभग सभी क्षेत्रों में लोगों की नौकरियां गई हैं। प्रदेश के मुख्य विपक्षी दल कांग्रेस तथा नागरिक सभा ने इस फैसले को जन-विरोधी कहा है।  प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कुलदीप सिंह राठौर ने कहा कि किराया बढ़ाकर जयराम सरकार लोगों से अन्याय करेगी। कोविड-19 के इस दौर में महंगाई लगातार बढ़ रही है। बेरोजगारी से युवा परेशान है तो वहीं दूसरी ओर सरकार अपने खजाने को भरने में लगी है। सरकार का न तो कोरोना पर नियंत्रण है और न ही अपनी किसी व्यवस्था पर। तथापि परिवहन मंत्री गोविंद ठाकुर ने किराये में वृद्धि पर सरकार की स्थिति स्पष्ट करते हुए कहा कि अभी इस पर अंतिम निर्णय नहीं लिया गया है। हाल ही में हुई केबिनेट मीटिंग में इसको लेकर अनौपचारिक चर्चा ही हुई है।