कहानी यूरी गागरिन की

अंतरिक्ष से पृथ्वी कैसी लगती है, यह पहली बार जिस व्यक्ति ने देखा, उसका नाम था यूरी गागरिन। वह 12 अप्रैल, 1961 का दिन था, जब गागरिन अंतरिक्ष में पहुंचा। अंतरिक्ष में पहुंचने के बाद जब उसने नीचे पृथ्वी की ओर देखा, तो उस समय वह नीले से बैंगनी रंग में बदल रही थी, और कुछ समय बाद ही इंद्रधनुष के सांत रंगों में छिप गई। गागरिन जीवन भर वह दृश्य नहीं भूल पाये।रूस (तब का सोवियत संघ) के रहने वाले यूरी को बचपन से ही विज्ञान कथाएं पढ़ने का शौक था। उनका जन्म 9 मार्च, 1934 को हुआ था। उनके पिता किसान थे। 1957 में यूरी पायलट बनकर आसमान में उड़ने लगे। उसी वर्ष सोवियत संघ ने ‘स्युतनिक’ नामक उपग्रह अंतरिक्ष में भेजा और इस तरह वह अंतरिक्ष में जाने वाला दुनिया का पहला देश बन गया। बाद में जब अंतरिक्ष में भेजने के लिए टीम चुनी गई, तो यूरी का भी चयन हो गया। ‘वॉस्तॉक’ नामक यान से वह अंतरिक्ष में पहुंचे थे। 4725 किलोग्राम वज़न का वॉस्तॉक 29000 किलोमीटर प्रतिघंटा की रफ्तार से अंतरिक्ष में गया। गागरिन पृथ्वी का केवल एक चक्कर लगा पाये और अंतरिक्ष में 108 मिनट रहने के बाद धरती पर लौट आये। गागरिन एक बहादुर व्यक्ति थे। बात 28 मार्च, 1968 की है। गागरिन जिस मिग-15 लड़ाकू जहाज़ को उड़ा रहे थे। उड़ान के दौरान वह खराब हो गया। यूरी और उसके साथी चाहते, तो पैराशूट की मदद से कूदकर जान बचा सकते थे, लेकिन उन्हें डर था कि खराब हवाई जहाज नीचे गांव वालों पर गिर जाएगा। लोगों को बचाने के लिए जहाज़ को खुले मैदान की तरफ ले जाने की कोशिश में वे दोनों मारे गए। (सुमन सागर)