छोटा कद होने के बावजूद बड़ी उपलब्धियां हासिल करने वाली मंजू पी.आर. 

छोटा कद रहने के बावजूद कोरला की बैडमिंटन स्टार मंजू ने बड़ी उपलब्धियां हासिल की हैं और वह केरल प्रांत गौरव है। मंजू का जन्म वर्ष 1984 में पालाकाड शहर में एक साधारण परिवार में हुआ और उसकी प्राइमरी तक की पढ़ाई आम बच्चों की तरह ही हुई। जब वह हाई स्कूल में गई तो उसे महसूस हुआ कि  दूसरे विद्यार्थी उसकी तरफ इस तरह देखने लगे जैसे कि वह किसी दूसरे संसार से आई हो। इस व्यवहार ने उसके भीतर एक ऐसी भावना ने जन्म ले लिया जिसका उसे स्वयं भी पता नहीं चल रहा था। उस पर एक बड़ा दुख और गिरा कि उसकी मां की मौत हो गई। उस समय वह एस.एस.एल.सी. मंदूर हाई स्कूल की छात्रा थी। इसके बावजूद स्कूल के अध्यापकों और साथियों ने उसका दर्द देखा तथा उसे हौसला दिया। इससे मंजू का जीवन पुन: पटरी पर आ गया। हाई स्कूल से शिक्षा लेने के बाद वह पालाकड के मर्ची कालेज चली गई जहां उसने देखा कि कालेज खेलों के क्षेत्र तथा अन्य गतिविधियों के कारण प्रसिद्ध था। वह भी कालेज की खेलों और अन्य गतिविधियों में बढ़चढ़ कर हिस्सा लेती थी। उस दौरान उसने कई ईनाम और पदक अपने नाम किये। फिर एक दिन उसे फिज़ीकल चैंलेजड आल स्पोर्ट्स एसोसिएशन केरल के बारे पता चला जिसे किशोर सर चला रहे थे और जब वह किशोर सर को मिली तो उसका जीवन  ही बदल गया। उसका चयन सिटिंग वालीबाल की टीम में हो गया जहां वह अन्य खेलों जैसे शॉटपुट, लांग जम्प और डिसक्स थ्रो में भी भाग लिया और उसने इन खेलों के मुकाबलों में स्वर्ण पदक भी जीते। राजस्थान में हुई नैशनल पैर ओलम्पिक मीट में उसने भाग लिया जहां उसने आर्चरी और स्विमिंग में रिकार्ड कायम किया। मंजू पी.आर. का खेलों के क्षेत्र में ही केरल का नाम रौशन नहीं हुआ बल्कि वह कला के क्षेत्र में भी अपना लोहा मनवा रही है। वह भरत नाट्यम और मोहिनी नाट्यम डांस में भी महारत रखती है। मंजू आर्ट एडं क्राफ्ट में तस्वीरें बनाने की शौकीन है। मंजू के जीवन की यह भी एक बड़ी प्राप्ति है कि उसने वर्ष 2018 में मलियालम फिल्म ‘मोनारा’ में नायिका के रूप में काम किया है। मंजू ने अब तक लगभग 20 कविताएं भी लिखी हैं। मंजू ने बताया कि खेलों के क्षेत्र में जहां वह कलात्मक गतिविधियों के साथ-साथ आगे बढ़ रही हैं वहीं उसका सपना है कि वह अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर खेल कर देश के लिए स्वर्ण पदक लेकर आए।

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