धरती का सबसे ठंडा महाद्वीप अंटार्कटिका


धरती के सात महाद्वीप हैं एशिया, अफ्रीका, उत्तरी अमरीका, दक्षिण अमरीका, यूरोप, आस्ट्रेलिया तथा अंटार्कटिका। अंटार्कटिका क्षेत्रफल के पक्ष से पांचवें स्थान पर आता है तथा सबसे ठंडा महाद्वीप है। एक करोड़, 40 लाख (14 मिलियन) वर्ग किलोमीटर में फैले इस महाद्वीप का 98 प्रतिशत भाग बर्फ से ढका हुआ है। अंटार्कटिका की बर्फ का 44 प्रतिशत भाग पानी पर तैरती बर्फ, 38 प्रतिशत भाग ज़मीन पर  मौजूद तथा शेष बर्फ की पहाड़ियों तथा तोंदों के रूप में है। इस जमे हुए रेगिस्तान (स्नह्म्श5द्गठ्ठ ष्ठद्गह्यद्गह्म्ह्ल) का जो दो प्रतिशत भाग ज़मीनी है, उस पर घास, मौस, फरन, काई, फंगस तथा लाइकन की कुछ प्रजातियां मिलती हैं। यहां मिलने वाले जन्तुओं में सील, ब्लू व्हेल, आइश फिश, करिल मछली, सनो पैटर्ल तथा 17 प्रजातियों के पेंगुइन आदि शामिल हैं। धरती दक्षिणी ध्रुव पर स्थित इस महाद्वीप को प्रशांत महासागर, अंटलाटिक महासागर तथा भारतीय महासागर ने आस-पास को घेरा हुआ है। पूरा वर्ष इस क्षेत्र में ठंडी तथा तेज़ हवाएं चलती रहती हैं, जिनकी गति 200 किलोमीटर प्रति घंटा तक हो सकती है। यह विश्व भर का सबसे ठंडा क्षेत्र होने के साथ-साथ सबसे शुष्क क्षेत्र भी है क्योंकि यहां वर्षा बहुत ही कम देखने को मिलती है जिस कारण यहां पर जाने वाले लोगों को त्वचा संबंधी रोगों का सामना करना पड़ता है। डेढ़ से दो किलोमीटर मोटी बर्फ की परत से ढके इस महाद्वीप में विश्व भर की कुल बर्फ का 90 प्रतिशत तथा कुल ताज़ा पानी का 70 प्रतिशत मौजूद है। यहां का औसतन तापमान आम तौर पर ज़ीरो डिग्री सैल्सियस से कम ही रहता है, जिस कारण यहां कोई मानवीय आबादी नहीं है। परन्तु अलग-अलग देशों के 1000 से 5000 के लगभग वैज्ञानिक ज़रूर यहां वैज्ञानिक अनुसंधान करते रहते हैं। यहां यह वर्णनीय है कि 1959 में अंटार्कटिका समझौते के तहत इस महाद्वीप में सैनिक गतिविधियां करना, खनिज पदार्थों की खोज करना, परमाणु विस्फोट या कोई अन्य कूड़ा फैंकने पर प्रतिबंध लगा हुआ है। लगभग 200 वर्ष पूर्व खोज किए गए इस महाद्वीप में अनेक नदियां तथा झीलें मौजूद हैं। यहां की सबसे लम्बी नदी का नाम ओनिक्स तथा सबसे बड़ी झील का नाम वास्टोक है। अलग-अलग देशों के लिए दिलचस्पी का केन्द्र बने इस महाद्वीप में सर्दियों में लगभग 28 दिन तक रात ही रहती है तथा गर्मियों के दिनों में लगातार 50 दिन तक रौशनी ही रहती है। धरती के इस प्राकृतिक अजूबे में अनेक कुदरती दृश्य जैसे ऊंची पहाड़ियां, झील, ज्वाला मुखी तथा नदियां भी देखी जा सकती हैं। माऊंट विनसन नामक सबसे ऊंचा पहाड़, वास्टोक नामक ताज़ा पानी की झील तथा माऊंट अरैबस नामक ज्वालामुखी यहां के प्राकृतिक विरासती अजूबे हैं। धरती के इस विलक्षण तथा आश्चर्यजनक स्थान पर मनुष्य  द्वारा अलग-अलग देशों में की जाती अनेक गतिविधियां जैसे औद्योगिकरण, शहरीकरण, खदानों की खुदाई आदि ने अपना विपरीत प्रभाव दिखाना शुरू कर दिया है। अलग-अलग उद्योगों से निकलती क्लोरोफ्लोरोकार्बन ने अंटार्कटिका के वायुमंडल में ओज़ोन की मात्रा को कम करके ओज़ोन में छेद पैदा कर दिया है। वर्णनीय है कि वायुमंडल में ओज़ोन परत धरती के जीवों को सूर्य से आने वाली अल्ट्रा वायलट किरणों से रक्षा करती है। ओज़ोन में छेद हो जाने से मनुष्य को त्वचा कैंसर तथा आंखों के रोगों जैसी भयानक बीमारियों का ़खतरा बढ़ गया है। अंटार्कटिका में लोहा, कांस्य, निकल तथा ऐसे अनेक अन्य और खनिज पदार्थ मौजूद हैं परन्तु एक समझौते के तहत 2048 तक इनकी खुदाई पर प्रतिबंध लगा हुआ है। अलग-अलग देशों के वैज्ञानिकों के आकर्षण का केन्द्र बने इस महाद्वीप में 30 देशों के लगभग 70 अनुसंधान केन्द्र स्थापित हैं, जिनमें पूरा वर्ष अनुसंधान गतिविधियां चलती रहती हैं। वर्णनीय है कि अंटार्कटिका एकमात्र महाद्वीप है, जिस पर कोरोना महामारी का प्रभाव नहीं देखा गया ।
अंटार्कटिका संबंधी कुछ रोचक बातें
* अंटार्कटिका को जमा हुआ समुद्र या जमा हुआ रेगिस्तान भी कहा जाता है।
* यह महाद्वीप उत्तरी ध्रुव के आर्कटिक महासागर से भी ठंडा है।
* वैज्ञानिकों द्वारा ढूंढे गए तथ्यों के आधार पर बताया गया है कि करोड़ों वर्ष पूर्व यहां पर भरपूर जीव-जन्तू तथा जंगल मौजूद थे। इनमें फरन, चील के वृक्ष तथा बीज़ों वाले वृक्षों के अलावा डायनासोर, जलथली जीव, रेंगने वाले जीव तथा कीट मौजूद थे।
* 1996-97 में नार्वे के अनुसंधानकर्ता बोर्ग उसलैंड ने पहली बार अंटार्कटिका के एक किनारे से दूसरे किनारे तक का स़फर तय किया था।
* अंटार्कटिका में 70 के लगभग झीले हैं जो कि बर्फ की मोटी परत के नीचे मौजूद हैं। सबसे बड़ी झील वास्टोक है।
* वैज्ञानिकों के अनुसार इस महाद्वीप के बाहरी घेरे पर तेल तथा प्राकृतिक गैस के भंडार हैं जिन्हें 1973 में ढूंढा गया था।
* प्रत्येक वर्ष अलग-अलग देशों के पर्यटक हज़ारों की संख्या में पर्यटन हेतु अंटार्कटिका जाते हैं। अमरीका द्वारा पर्यटकों की सुविधा के लिए दो ए.टी.एम. भी लगाए गए हैं।
* यहां के सबसे बड़े अनुसंधान केन्द्र का नाम मैकमरडो स्टेशन है जोकि अमरीका का है।
-सेवानिवृत्त लैक्चरार, चंद्र नगर, बटाला।
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