इकोलॉजी क्या है ?
दीदी, आजकल इकोलॉजी के बारे में पढ़ने व सुनने को बहुत मिलता है...।’
‘हां, और इसकी एक महत्वपूर्ण वजह भी है।’
‘क्या?’
‘हालांकि विज्ञान में इकोलॉजी सबसे नवीनतम विज्ञानों में से एक है, लेकिन मानवता के भविष्य के लिए यह सबसे महत्वपूर्ण विज्ञान है।’
‘लेकिन मैं मालूम ही यह करना चाह रहा हूं कि इकोलॉजी वास्तव में है क्या?’
‘यह समझने के लिए इसकी थोड़ी पृष्ठभूमि बताना आवश्यक है।’
‘बताएं।’
‘हर जीवित चीज़ के जीने का अपना तरीका होता है, जोकि थोड़ा सा उसके अपने आकर व गतिविधियों पर निर्भर करता है और थोड़ा सा उसके इर्दगिर्द के वातावरण पर।’
‘अच्छा।’
‘प्रत्येक जीवित चीज़ अपने इर्दगिर्द के वातावरण से प्रभावित होती है, चाहे उसके इर्दगिर्द में चीज़ें जीवित हों या नॉन-लिविंग। बदले में उस चीज़ का भी अपने इर्दगिर्द की चीज़ों पर कुछ प्रभाव पड़ता है। दरअसल, हर चीज़ जटिल जीवन जाल का हिस्सा है।’
‘शायद इसलिए हर चीज़ दूसरी चीज़ों के समुदाय या समूह के हिस्से के रूप में रहती है।’
‘हां। हर चीज़ अपने इर्दगिर्द के वातावरण का हिस्सा होती है और उसे बनाती भी है।’
‘इसका अर्थ तो यह हुआ कि जब हम प्राकृतिक वातावरण में किसी जानवर या पौधे का अध्ययन करते हैं तो हम वास्तव में जीवन जाल का अध्ययन कर रहे होते हैं।’
‘ठीक कहा। जो वैज्ञानिक इन जीवन के जालों का अध्ययन करते हैं, उन्हें इकोलोजिस्ट कहते हैं और उनका विषय इकोलॉजी होता है, जोकि दो यूनानी शब्दों से बना है, जिनका अर्थ है- घर या आसपास की चीज़ों का अध्ययन। जीवित चीज़ें जिस संसार में रहती हैं और उससे उनके संबंध के बारे में हमें इकोलॉजी बताती है। साथ ही अन्य चीज़ों के साथ वह हमें यह भी बताती है कि हम अपने संसाधनों का प्रभावी ढंग से उपयोग व संरक्षण किस तरह से कर सकते हैं।
मसलन, हम अपनी भूमि का अच्छा इस्तेमाल कैसे कर सकते हैं? अपने वन व वन्यजीवों को कैसे बचा सकते हैं? हानिकारक कीड़ों से होने वाले नुकसान को कैसे कम कर सकते हैं? यह व्यवहारिक प्रश्न हैं जिनका उत्तर एक इकोलोजिस्ट देता है।’
-इमेज रिफ्लेक्शन सेंटर