ताश के खेल की कहानी

ताश का खेल समूचे विश्व में लोकप्रिय है। यह खेल छोटे-बड़े, जवान-बूढ़े व स्त्री-पुरूष सभी में ऐसी छाप छोड़ चुका है कि जरा भी बोर होते दिखाई दिये तो ये ताश के पत्ते दिल बहला देते हैं व इस खेल में ऐसे समय कट जाता है कि पता ही नहीं चलता लेकिन ताश खेलने के शौकीन बहुतों को शायद इसके बारे में पता न होगा कि ताश के ये बावन पत्तों का खेल कहां से शुरू हुआ? सचमुच बड़ा रोचक है इसका सफरनामा। ताश के खेलों का प्रचलन 13वीं शताब्दी में यूरोपीय देशों की देन माना जाता है जहां इसकी शुरूआत हुई थी। उन दिनों यह खेल ‘टेरोटस’ के नाम से जाना जाता था व ताश के पत्ते वर्तमान पत्तों से बिल्कुल ही अलग थे। तब इन पत्तों की संख्या भी मात्र 22 थी लेकिन पत्तों पर कोई भी चित्र अंकित नहीं था, धीरे-धीरे इन ताश के पत्तों की संख्या बढ़ कर 78 हो गयी।
लेकिन इन ढेर सारे पत्तों को बोझ समझते हुए फ्रांसवासियों ने ताश के पत्तों की संख्या घटाकर 52 कर दी व इसे बराबर चार हिस्सों में बांट दिया व एक ही तरह के 13 पत्तों को विधिवत् नाम भी दे डाला। फ्रांस के बाद ताश का प्रचलन इंग्लैंड जा पहुंचा। इसके बाद धीरे-धीरे समूचे विश्व में ताश के खेल का प्रचलन शुरू हो गया जो कमोबेश आज भी जारी है लेकिन पत्तों की संख्या 52 ही है जिसमें कोई बदलाव नहीं आया।
शुरूआत के दिनों में यह खेल काफी महंगा था व पत्ते भी कलात्मक थे। मजे की बात तो यह है कि तब ये पत्ते किसी प्रिन्टिंग प्रैस में न छप कर हाथों की कला व रंग ब्रश से ही बड़े रंग-बिरंगे व कलात्मक ढंग से बनाये जाते थे। ये पत्ते महंगे भावों में बिकते थे व आम आदमी के बस में नहीं था कि वे इन्हें खरीदें। तब धनाढ्य व्यक्ति ही इसे खरीद कर इसके खेल का लुत्फ उठाते थे लेकिन ज्यों ही छापाखाने का आविष्कार हुआ, तब से छपने वाले कार्ड काफी सस्ते हो गये व हर आदमी इसे आसानी से खरीदने लग गया।
ताश के पत्तों में 17वीं शताब्दी में बाउल्स परिवार द्वारा तैयार किये गये ताश-‘लाइंज ऑफ दी सेट्स’ दुनियां के सबसे दुर्लभ पत्ते माने जाते हैं और इसकी कीमत थी-2000 पौंड से भी ज्यादा।
‘ताश’ को खेलते समय महत्त्वपूर्ण होता है इसे पीसना व इसे फेंकना। विश्व में सबसे अधिक दूरी तक ताश का पत्ता केबिल सैंट ओर्ग नामक व्यक्ति ने फेंककर विश्व रिकार्ड’ कायम किया था। यह रिकार्ड  उन्होंने 12 जून, 1979 को अमरीका के हेनरी फोर्ड कम्युनिटी कॉलेज के परिवार में आयोजित प्रदर्शनी में ताश का एक पत्ता 185 फुट तक फेंक कर सभी को हैरत में डालते हुए एक अनूठा रिकार्ड बनाया था।
ताश के पत्तों का महल बनाना भी एक कला है। इस कला में अमेरीका के जॉफ सेन नामक व्यक्ति ने मई 1984 में इंडियाना अमरीका में 3.9 मीटर यानी 12 फुट 10 इंच, बड़ा ताश का एक घर खड़ा किया था जिसमें उसने 68 मंजिलें बनाई थीं। तो है न ताश का रोचक सफरनामा जो आज घर-घर का खेल बन चुका है। (उर्वशी)