गीत एकता के गाये दिवाली
सुख और खुशी सब के लिये लाये दिवाली
गीत एकता, सद्भावना के गाये दिवाली।
मर्यादा पुरुष राम ने जो राज किया था,
राज ऐसा हमें आज भी दिखलाये दिवाली।
़गम, चिंता, उदासी का मिटे नामो-निशां तक
रस-रंग में तन-मन को भिगो जाये दिवाली।
फीके, थके मंज़र हैं, नगर, शहर, गली के,
खुश रंग हवा बन के बिखर जाये दिवाली।
दुनिया के सभी देशों के संबंध मधुर हों
आपस में रहें प्रेम से हमसाये दिवाली।
मानवता के आंचल पे कभी द़ाग न आये,
मानवता का आंचल सदा लहराये दिवाली।
भारत था जहां भर में कभी सोने की चिड़िया,
भारत के मधुर दिन वही लौटाये दिवाली।
मो-9465280779