हंसी से संभव है बुढ़ापे से मुक्ति

प्रसन्न रहने से सब दुख दूर हो जाते हैं और बुद्धि स्थिर हो जाती है। बुद्धि स्थिर होने का अर्थ है चंचलता में कमी जो हमारी समस्याओं का प्रमुख कारण है। हंसी से न केवल समस्याओं से मुक्ति, रोग-मुक्ति तथा अच्छे स्वास्थ्य की प्राप्ति संभव है अपितु अधिक हंसने वाले व्यक्ति अपेक्षाकृत युवा बने रहते हैं तथा दीर्घजीवी भी होते हैं।
कुछ लोग सदैव गंभीर बने रहते हैं। अवसादग्रस्त लटके हुए चेहरे लिए घूमते रहते हैं। उनकी त्वचा से, उनके चेहरों से उनकी उम्र का पता ही नहीं चलता। चालीस की अवस्था में साठ के प्रतीत होते हैं। 
जो लोग जितने गंभीर बने रहते हैं, उतने ही ज्यादा उम्र के दिखते हैं और उसी के अनुसार उनका उत्साह भी मंद पड़ता जाता है। 
हंसी का संबंध न केवल आरोग्य और दीर्घायु से है अपितु बुढ़ापा रोकने में भी हास्य की भूमिका अत्यंत महत्त्वपूर्ण है। हंसने या मुस्कुराने से लंबे समय तक युवा तथा खूबसूरत बने रह सकते हैं। हंसने या मुस्कुराने के दौरान चेहरे से लेकर गर्दन तक की मांसपेशियों का व्यायाम हो जाता है। व्यायाम से जो खिंचाव पैदा होता है उससे शरीर के इस भाग में रक्त प्रवाह तेज़ हो जाता है जिससे न केवल चेहरे की चमक-दमक बढ़ जाती है अपितु चेहरे की झुर्रियों को रोकने में भी मदद मिलती है।
हमारी शारीरिक संरचना का भी हमारे स्वास्थ्य पर सीधा प्रभाव पड़ता है। चेहरे पर झुर्रियां न होने तथा चेहरे की चमक-दमक बढ़ जाने का मनोवैज्ञानिक असर भी होता है जिससे व्यक्ति के आत्मविश्वास में वृद्धि होती है, उसकी सकारात्मकता बढ़ जाती है तथा वह आशावादी हो जाता है और ये सब स्थितियां उसके स्वास्थ्य को और बेहतर बनाने में सक्षम होती हैं। 
वस्तुत: हास्य ही एकमात्र औषधि है जो बाह्य रूप से हमारे चेहरे की झुर्रियों को रोकने में सक्षम है तथा आंतरिक रूप से हमें उत्साहपूर्ण बनाए रखने में अत: हास्य व्यायाम के साथ-साथ बुढ़ापे के लिए एक उत्तम टॉनिक भी है। अत: हंसते रहिये और बुढ़ापे को सदा के लिए अलविदा कह दीजिए।
हास्य से समय की सीमा मिट सी जाती है। हंसते-हंसते कब और कैसे समय बीत जाता है, पता ही नहीं चलता। दिन घंटों में और घंटे मिनटों में गुज़रते प्रतीत होते हैं। व्यक्ति के लिए सबसे कठिन समय वही होता है जब उसका एक-एक पल एक-एक युग के समान बीतता है। वही एक पल उसको शारीरिक और मानसिक तौर पर निर्बल बना देता है, उसे उत्साहहीन और बीमार बना देता है। 
हास्य इस सारी प्रक्रिया को भी रोक कर हमें स्वास्थ्य और आरोग्य प्रदान करने में सक्षम है अत: मायूसी में अकेले पड़े रहने की बजाय हंसने-हंसाने वाले दोस्तों का साथ खोजिए। अपने अच्छे स्वास्थ्य और दीर्घायु के लिए हंसने-हंसाने का कोई भी अवसर अपने हाथ से न जाने दीजिये। (स्वास्थ्य दर्पण)

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