केन्द्र, पंजाब सरकार से कारोबारियों को ऑनलाइन जी.एस.टी. रिफंड मिलना शुरू

जालन्धर, 20 अक्तूबर (शिव शर्मा) : बाज़ार में सुस्ती दूर करने के लिए अब केन्द्र सरकार और राज्य सरकारें गंभीर हो गई हैं जिन्होंने व्यापारियों को दीवाली का तोहफा देते हुए जी.एस.टी. का रिफंड अब ऑनलाइन देने का काम और आसान कर दिया है बल्कि अब व्यापारियों को जी.एस.टी. विभाग 15 दिनों में किसी तरह रिफंड जारी करने में असफल रहते हैं तो व्यापारी के खाते में जी.एस.टी. का रिफंड भेज दिया जाएगा। अक्तूबर महीने से यह सुविधा शुरू की गई है। विभागीय अफसरों द्वारा 15 दिन के अंदर रिफंड की फाइलों का निपटारा कर राशि ऑनलाइन भेजने के लिए सभी केस आर.बी.आई. को भेज दिए जाएंगे। केन्द्र और राज्य सरकार के पास रिफंड जल्दी जारी होने बारे कई शिकायतें पहुंचती रहती हैं कि व्यापारियों द्वारा अधिक दिए गए जी.एस.टी. कर को समय से मोड़ने पर व्यापारियों, उद्योगपतियों को अधिक राशि बाज़ार में लगानी पड़ती है। जिस कारण अब रिफंड देने का काम ऑनलाइन किया गया है। वैट खत्म होने पर इसके रिफंड नाममात्र ही रह गए हैं, जो कि खज़ाना दफतरों में ही मिलने रहेंगे। ऑनलाइन जी.एस.टी. रिफंड देने के लिए पंजाब जी.एस.टी. विभाग के ई.टी.ओ. के पास अधिकार होंगे और केन्द्र जी.एस.टी. विभाग के सहायक कमिश्नर से रिफंड जारी करने के अधिकार होंगे। सूत्रों का कहना है कि आने वाले समय में रिफंड देने की प्रणाली में और भी सुधार कर दिए जाने की संभावना है। धीरे-धीरे रिफंड की फाइलों की जांच करने वाले अफसर इस प्रक्रिया से बाहर हो सकते हैं और सीधे व्यापारी, उद्योगपति अपनी रिटर्नों मुताबिक रिफंड का दावा करते हैं, वह विभाग द्वारा जारी कर दिया जाएगा। अगर किसी भी तरह से व्यापारी गलत दावा कर रिफंड लेता है तो इस बारे बकाया बाद में विभाग द्वारा ऑडिट भी करवाया जाएगा। व्यापारी विभाग को दिया गया जो अधिक कर वापिस लेता है तो उसका रिकार्ड रिटर्नों मुताबिक ही मिलना चाहिए। रिफंड जारी करने की प्रक्रिया काफी आसान की गई है और पहली बार व्यापारियों, उद्योगपतियों को यह राहत दी गई है कि व्यापारियों द्वारा दाखिल दावे मुताबिक रिफंड जारी किए जाएंगे। उस विभाग ने गलत रिफंड पकड़ने व अन्य अनियमितताओं का पता लगाने के लिए जी.एस.टी. के 100 के करीब अधिकारियों को सिखलाई दिलाई है जिन्होंने बाद में रिफंड के रिकार्ड का दावा किया था। 100 अधिकारियों को नासिन (नैशनल अकैडमी इनडायरैक्ट टैक्सस एंड नारकोटिक्स) बीच में चंडीगढ़ कार्यालय में सिखलाई ली है कि कंपनियां का आडिट किस तरह का किया जाना है।