चिन्ताजनक स्थिति 

देश भर में कोरोना के मरीज़ लगातार बढ़ते जा रहे हैं। चीन से शुरू हुई इस महामारी ने पहले तो अमरीका और कुछ योरुपीय देशों पर बड़ा हमला किया। अमरीका में जिस तरह मरीज़ों और मरने वालों की संख्या बढ़ी, उसने उस समय दुनिया भर को चिन्ता में डाल दिया था। फिर इस बीमारी ने हर तरफ अपने पांव पसारने शुरू कर दिये। आज इस बीमारी की चपेट में आने वालों की संख्या पौने तीन करोड़ तक पहुंच चुकी है और मरने वालों की संख्या 9 लाख तक हो गई है। भारत में जब इसने अपने पांव पसारने शुरू किये थे तो उस समय ही सरकार की ओर से इसके लिए बड़ी चिन्ता व्यक्त की गई थी, क्योंकि इस बीमारी का मुकाबला करने के लिए स्वास्थ्य सुविधाओं की कमी बुरी तरह खटकती थी। साधन भी सीमित थे परन्तु पिछले 6 महीनों में देश भर में इसका पूरी हिम्मत एवं दृढ़ता के साथ मुकाबला अवश्य किया गया। एकाएक इसके हमले से बचने के लिए सरकार की ओर से 24 मार्च से अत्याधिक कड़ी तालाबंदी की गई जिसके दौरान करोड़ों लोगों को बड़ी मुश्किलों में से गुजरना पड़ा। खासतौर पर प्रवासी मज़दूरों तथा गरीबों को इस समय के दौरान रोटी-रोज़ी के लाले पड़ गए जिसके लिए देश भर में गैर सरकारी संस्थाओं ने भारी यत्न किए तथा ज़रूरतमंद लोगों को हर ढंग से राशन उपलब्ध करवाया। इनमें धार्मिक एवं सामाजिक संगठनों ने बड़ी भूमिका अदा की। सरकार ने भी यह भरपूर यत्न किया कि वह इस काल के दौरान ज़रूरतमंद लोगों को अन्न उपलब्ध करवाए। मुफ्त अनाज बांटने की केन्द्रीय योजना में लगभग 17 लाख टन अनाज बांटा गया। इसमें भी पंजाब का बड़ा योगदान रहा। देश की अनाज खरीदने वाली एजैंसी भारतीय खाद्य निगम के माध्यम से पंजाब से 46 प्रतिशत अनाज देश भर में ले जाया गया। लगभग 7.79 लाख टन अनाज पंजाब के गोदामों से दूसरे प्रांतों को भेजा गया जबकि हरियाणा से 18 प्रतिशत अनाज केन्द्रीय पूल में भेजा गया। इस समय के दौरान केन्द्र सरकार ने यह भरपूर एवं प्रशंसनीय यत्न अवश्य किया कि वह कुछ महीनों के लिए ज़रूरतमंद लोगों को अनाज पहुंचाए। इसमें 5-5 किलो अनाज देने का फैसला किया गया था। इसके साथ नमक, चीनी, खाद्य तेल एवं कोयला आदि भी शामिल थे। इस उद्देश्य के लिए रेलवे विभाग का भी बड़ा प्रशंसनीय कार्य रहा जिसने देश भर के राज्यों में निरंतर रेलगाड़ियां चलाकर इस अनाज को पहुंचाया। पंजाब ने वर्ष 2020 में सरकारी एजैंसियों को लगभग 382 लाख मीट्रिक टन अनाज सप्लाई किया। अकेले पंजाब ने 127 लाख मीट्रिक टन गेहूं केन्द्रीय पूल में भेजी थी। अन्न भंडार भरे होने के कारण ही केन्द्र सरकार इतने बड़े स्तर पर करोड़ों लोगों को अनाज उपलब्ध कराने में सफल रही। नि:संदेह इस बीमारी का ताप अभी तक कम हुआ दिखाई नहीं देता परन्तु स्वास्थ्य मंत्रायल के अनुसार इसका एक कारण परीक्षणों में वृद्धि होना भी है। भारत परीक्षण करने के मामले में दुनिया भर में दूसरा देश बन गया है। अब तक लगभग साढ़े चार करोड़ से भी अधिक टैस्ट किये जा चुके हैं। कभी दिन भर में सैकड़ों कर पहुंचने वाले टैस्ट अब एक-एक दिन में 12 लाख से अधिक होने लगे हैं। केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय निरंतर कार्य करके इस महामारी का मुकाबला कर रहा है। जहां कहीं भी मरीज़ों की संख्या बढ़ती है, वहां केन्द्रीय टीमें पहुंच जाती हैं। कड़ी पाबंदियों एवं तालाबंदी के बाद यह परिणाम सामने आया था कि निरंतर डावांडोल हो रही आर्थिकता को स्थिर करने के यत्नों में छूट प्रदान करना ज़रूरी है। अधिक टैस्ट, आर्थिक गतिविधियों में वृद्धि होने और अधिक लोगों द्वारा अपनाए गए रवैये के कारण मरीज़ों की संख्या चिन्ताजनक स्थिति की ओर बढ़ रही है। एक दिन में लगभग 90 हज़ार मरीज़ों का सामने आना एक बड़ी चुनौती है। कभी दुनिया भर में सातवें स्थान पर रहा भारत आज दूसरे नम्बर पर पहुंच गया है। नये आंकड़ों के अनुसार चाहे अब तक 70 हज़ार से अधिक मौतें हो चुकी हैं परन्तु ठीक होने वालों की संख्या भी 77 प्रतिशत कर पहुंचना एक बड़ी उपलब्धि माना जा सकता है। एक और संतोषजनक बात यह कही जा सकती है कि भारत में मृत्यु दर 1.72 प्रतिशत तक रह गई है जो विश्व भर के सभी देशों से कम है। भारत के मुकाबले में शेष विश्व की मृत्यु दर 3.2 प्रतिशत मानी गई है। अब तक लगभग 5 करोड़ से अधिक नमूने लेना भी एक उपलब्धि माना जा सकता है जबकि भिन्न-भिन्न पड़ावों पर सार्वजनिक गतिविधियों को खोलने से ही जन-दृष्टिकोण बदलते हुए दिखाई दे रहा है। आगामी समय में दिशा-निर्देशों का पालन करने और प्रभावशाली दवाइयों का कारगर होना बड़ी आशा पैदा कर रहा है। इसीलिए आज सभी की नज़रें आगामी महीनों में इस बीमारी के मुकाबले के लिए प्रभावशाली टीकों का आविष्कार होने पर लगी हुई हैं। आस पर ही जहान को चलाये रखना आवश्यक हो चुका है। 

           —बरजिन्दर सिंह हमदर्द