सुखद स्वास्थ्य हेतु  दिनचर्या

प्रात: उठते हुए हड़बड़ी से न उठें। हड़बड़ी से उठने पर आपकी सेहत पर असर पड़ सकता है।
= उठकर भगवान को याद करें। प्रार्थना करें कि आज का दिन सब के लिए शुभ रहे।
= प्रात: काल ताजा पानी या रात्रि का रखा जल पीएं।
= जल पीने के बाद शौच से निवृत हो कर अच्छी तरह हाथ-मुंह साफ करें।
= दांतों को दातुन या टूथपेस्ट-ब्रश से साफ करें।
= नहा धोकर वस्त्र ग्रहण करने के बाद समयानुसार ध्यानपूर्वक इष्ट देवता का पूजन करें।
= समय निकालकर हल्का व्यायाम या सुबह की सैर पर अवश्य निकलें।
= गीले बालों में कंघा न करें। उंगलियों के पोरों से बालों को सहलाएं। दस मिनट तक कंघा करें।
= नाश्ता अवश्य करें। नाश्ते को हड़बड़ी में न खायें। आराम से पौष्टिक नाश्ता लें।
= कामकाजी होने पर अपने काम पर समयपूर्वक प्रस्थान करें। घरेलू महिला होने पर बचे हुए काम निपटाएं।
= दोपहर का भोजन समय पर खाएं। संभव होने पर भोजन में दाल, सब्जी, दही, सलाद को स्थान दें।
=  भोजनोपरान्त 15-20 मिनट का आराम शरीर को ताजगी प्रदान करता है। घर पर तो शांत लेट कर आराम लें। दफ्तर में संभव होने पर कुर्सी पर अपने शरीर को ढीला छोड़कर आंखें बंद कर लें।
= शाम को दफ्तर से लौटने पर  फलों का सेवन करें। 
= रात्रि के भोजन में हो सकें तो सूप का सेवन करें। 
= रात्रि को भोजन हल्का और समय पर लेने से पेट हल्का रहता है।
= भोजन के बाद थोड़ा टहलें।
= रात्रि को बिस्तर पर समय पर चले जाना चाहिए। टी. वी. कम्प्यूटर पर समय बर्बाद न करें। पूरी नींद भी अच्छी सेहत के लिए आवश्यक है।
(स्वास्थ्य दर्पण)