सेहत को नुकसान पहुंचाती है मिलावटी हल्दी 

औषधीय गुणों से भरपूर हल्दी भोजन को रंगत देने के साथ-साथ उसके स्वाद को भी बढ़ाती है। ताजी कच्ची हल्दी की सुगंध के तो कहने ही क्या! आज हम सभी भोज्य पदार्थों और सब्जियों और फ लों में इस्तेमाल होने वाले मिलावटी कैमिकल्स और विषैले रंगों के सेहत को होने वाले नुकसान को झेल रहे हैं। हल्दी में भी मिलावट की जाती है। हर सब्जी की जान हल्दी में होने वाली मिलावट का हमारे स्वास्थ्य पर बुरा असर होता है।बाजार में पिसी हुई हल्दी के रूप में मिलने वाली हल्दी हल्दी के पौधे से प्राप्त होती है। एक जमाना था जब किसान गोबर और पत्तों की खाद से ही हल्दी उगाया करते थे। हल्दी की बढ़ती मांग के कारण अब इसकी खेती बड़े स्तर पर की जा रही है। आजकल हल्दी उगाने में कई तरह के पेस्टिसाइड्स और कैमिकल युक्त खाद डाली जाती है। जिनका हमारी सेहत पर बुरा असर होता है। आर्गेनिक रूप से उगायी जाने वाली हल्दी शुद्ध होती थी, इसकी थोड़ी-सी भी मात्रा भोजन को स्वाद और सुगंधित बना देती थी। हल्दी का इस्तेमाल कई तरह के सौंदर्य प्रसाधन बनाने में भी किया जाता है। मांगलिक कार्य में भी इसका इस्तेमाल होता है।आजकल हल्दी की पैदावार अलग ढंग से की जाती है। किसान इसमें कई तरह के कैमिकल्स का इस्तेमाल करते हैं, बाजार में आने तक इसमें कई और चीजों की मिलावट भी की जाती है। हल्दी के बीज बोने के लिए पहले किसान इसे कैमिकलयुक्त पेस्टिसाइट, कॉपर, ऑक्सीक्लोराइड, डाइथेन, एम-45: बेविस्टन में इसके प्रकंदों को डूबोकर रखते हैं फि र बोते हैं।  ज्यादा फ सल के लिए इसमें डाइमोनियम फास्फेट डाला जाता है जो मानव स्वास्थ्य के लिए हानिप्रद है। हल्दी के पौधों को बीमारियों से बचाने के लिए लगातार नौ महीने तक कैमिकल्स का छिड़काव किया जाता है। इसकी जड़ों में ज्यादा खतरनाक कैमिकल डाले जाते हैं। हल्दी को तैयार करने के बाद इसे साफ  करके उबालकर सुखाया जाता है और पॉलिश करके इसे गांठों कें रूप में या प्रकंदों को बाजार में बेचा जाता है।इस सारी प्रक्रिया में हल्दी में मौजूद कैमिलकल नष्ट नहीं होते। पिसी हल्दी का इस्तेमाल ज्यादा होता है, क्योंकि यह सुविधाजनक होता है। हल्दी में कई और तरह से भी मिलावट की जाती है। इसकी गांठों और प्रकंदों को लीड क्त्रोमेट मिले पीले रंग में रंगा जाता है और इस तरह जब इसका पाउडर बनाकर तैयार किया जाता है तो इसमें मिलावट की आशंका और ज्यादा बढ़ जाती है। यही वजह है कि बाजार में इसे पाउडर के रूप में ही ज्यादा बेचा जाता है। मिलावट द्वारा उसे कई गुना बढ़ा दिया जाता है।  लीड क्त्रोमेट एक ऐसा रसायन है जो बाजार में बहुत सस्ता मिलता है। लीड का हमारे स्वास्थ्य पर बुरा असर होता है, यह एनीमिया, आंतों से संबंधित रोगों तथा मस्तिष्क में होने वाली समस्याओं की वजह बनती है। इससे किडनी खराब होती है, हाइपर टेंशन और गर्भवती महिलाओं के भ्रूण पर इसका बुरा असर होता है।
ऐसे रहें मिलावट से दूर
* हल्दी में मिलावट से बचने के लिए हल्दी की गांठें लेकर या उसके प्रकंदों को घर में मिक्सी में पीसकर मिलावट रहित हल्दी पा सकते हैं।
*आर्गेनिक हल्दी खरीदें जिन्हें उगाने के लिए किसी तरह के कैमिकल्स का इस्तेमाल नहीं होता। यह सस्ती भी मिलती है।
* बाजार से खुली और सस्ती हल्दी न खरीदें, ब्रांडेड कंपनी की लें। सस्ती हल्दी में मिलावट होने की आशंका रहती है।